निवेश आकर्षित करने पर सरकार का ध्यान : विनोद पांडेय
झारखंड चैंबर की ओर से संवाद 2.0 कार्यक्रम का आयोजन, राज्य सरकार और चैंबर के बीच संवाद हमेशा बना रहे
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रांची, संवाददाता। सरकार विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दे रही है, जैसे उद्योगों के लिए उपयुक्त नीति बनाना, निवेश आकर्षित करने के लिए विशेष योजनाएं लागू करना, बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और कारोबारी माहौल को सरल बनाना। इससे नए उद्योगों की स्थापना और मौजूदा उद्योगों के विकास के अवसर बढ़ेंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। यह बातें शनिवार को झारखंड चैंबर की ओर से आयोजित संवाद 2.0 कार्यक्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कही।
कारोबारियों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और चैंबर के बीच संवाद हमेशा बना रहना चाहिए। राज्य सरकार और व्यवसायियों को मिलकर झारखंड का विकास करना है। राज्य के विकास की गति को तेज करते हुए इसे अव्वल बनाना है। एक-दूसरे के सहयोग से ही राज्य विकसित होगा। जहां भी जरूरत महसूस होगी, राज्य सरकार आपसे सहयोग लेगी। अगर चैंबर को लगता है कि राज्य सरकार को झारखंड के हित में कोई सुझाव देना है, तो आगे आयें। मिलकर आगे बढ़ेंगे, तो कई समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाएगा।
कार्यक्रम में चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने उद्योग और व्यवसाय से जुड़े विभागों में चैंबर की भागीदारी एवं प्रतिनिधित्व देने की बात कही। उन्होंने कहा कि चैंबर राज्य सरकार के साथ मिलकर चलने को तैयार है। मौके पर महासचिव आदित्य मल्होत्रा, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अमित साहू, पूर्व अध्यक्ष किशोर मंत्री, संजय अखौरी, मुकेश अग्रवाल, रोहित पोद्दार, अमित शर्मा, शैलेश अग्रवाल, अमित अग्रवाल, आनंद कोठारी, शशांक भारद्वाज सहित अन्य उपस्थित थे।
बिल्डिंग रेगुलाइजेशन बिल जल्द आएगा
चैंबर ने बताया कि झामुमो के केंद्रीय सचिव ने वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को रेगुलराइज करने पर कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है। जल्द ही बिल्डिंग रेगुलाइजेशन बिल को लाया जाएगा। इसमें वर्तमान त्रूटियों को दूर करने की बात कही। कृषि उत्पाद पर बाजार शुल्क लगाने की कवायद शुरू किये जाने पर कहा कि राज्य सरकार बिना किसी सलाह के किसी भी कानून को प्रभावी नहीं होने देगी। नियमवाली बन रही है, लेकिन इसमें सभी लोगों की सहमति के बाद ही लागू किया जाएगा। नियमवाली ऐसी बनेगी, जो राज्य सरकार, कृषकों और व्यवसायियों को लाभ पहुंचाए।
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