जनजातीय समुदाय का होगा सामाजिक उत्थान : संजय पांडेय
झारखंड सरकार का बजट राजकोषीय घाटा नियंत्रित करने वाला है। इसमें जनजातीय समुदाय के विकास के लिए नए विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। शिक्षा की आधारभूत संरचना में बदलाव लाने और नए...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता संजय पांडेय ने कहा कि झारखंड सरकार का बजट राजकोषीय घाटा को नियंत्रित करने वाला है। यह वित्तीय संतुलन को बनाए रखेगा। जनजातीय समुदाय के सतत सामाजिक उत्थान, विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नए जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान और विरासत को संरक्षित करेगा। केंद्रीय बजट से निराशा हाथ लगने के बाद झारखंड के अबुआ बजट ने अपने संसाधनों के दम पर राज्य के विकास की भावी तस्वीर पेश की है। वर्तमान में जारी वित्तीय वर्ष के दौरान केंद्र सरकार की ओर से राज्य को दिए जाने वाले अंशदान के प्रति उदासीन रवैया अपनाया गया, जिस कारण राज्य में विकास की गति जोर नहीं पकड़ पाई थी। राज्य का बजट झारखंड की जनता द्वारा अपने मुद्दों पर बनाया गया बजट है। जहां एक ओर सरकार अनुसूचित जनजाति के लिए कृत संकल्प है तो दूसरी ओर अनुसूचित जाति के लिए भी एडवाइजरी कमेटी के गठन की घोषणा कर सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के विकास के लिए सरकार गंभीर है।
शिक्षा की आधारभूत संरचना में होगा बदलाव : आलोक दूबे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने झारखंड सरकार के बजट को शिक्षा को बढ़ावा देने वाला, दूरदर्शी और जनहितकारी बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट झारखंड में शिक्षा की आधारभूत संरचना में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। इस बजट में शिक्षा के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। जमशेदपुर, गुमला और साहिबगंज में नए विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए विशेष धनराशि तय की गई है, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में झारखंड को नई पहचान मिलेगी। बजट में जनता पर कोई अतिरिक्त कर (टैक्स) का बोझ नहीं डाला गया है।
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