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बेटियां अब अपने सपनों को कर पाएंगी साकार : हेमंत सोरेन

बोले सीएम : राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी मंईयां सम्मान योजना, अनाज या बच्चों की साइकिल बेचने की अब जरूरत नहीं पड़ेगी, पौष्टिक आहार खरीद पाएंगी

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीMon, 6 Jan 2025 08:25 PM
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रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत हमने ऐसी व्यवस्था दी है, जिसके माध्यम से बेटियां और बहनें अब सपना भी देखेंगी और उसे पूरा करने की क्षमता भी उन्हीं के हाथों में होगी। पूर्व में भ्रूण हत्या जैसी घृणित कुरीतियों के कारण बेटियों की गर्भ में ही हत्या कर दी जाती थी। अगर कोई बेटी पैदा हुई भी तो वह अपने सपनों को साकार नहीं कर पाती थी। अब वह सब बदलेगा। 2500 रुपए की सम्मान राशि से वे ना सिर्फ अपनी जरूरत को पूरा कर सकेंगी, बल्कि उसके माध्यम से अपने बच्चों के बेहतर पठन-पाठन के साथ अपनी आमदनी भी बढ़ा सकेंगी। अब वे स्वतंत्र रूप से अपने निर्णय के साथ आगे बढ़ेंगी।

करीब 32 मिनट के अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक योजना मात्र नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का एक सशक्त माध्यम है। 2500 रुपए की राशि मिलने से अब दीदी समूह भी 500 से 1000 रुपए जमा कर पाएंगी। हेमंत ने कहा कि राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य की बहनों का विकास सर्वोपरि है। जब राज्य की हर एक बहन सशक्त होगी तो राज्य सशक्त होगा। विगत चुनावों में सभी महिलाओं ने कमाल ही कर दिया। सरकार बनने के बाद पहला ऐतिहासिक कदम हमने अपनी आधी आबादी को स्वावलंबी बनाने के लिए उठाया है।

राज्यस्तरीय समारोह में मंत्री राधा कृष्ण किशोर, मंत्री चमरा लिंडा, मंत्री संजय प्रसाद यादव, मंत्री इरफान अंसारी, मंत्री हफीजुल हसन, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, मंत्री योगेंद्र प्रसाद, मंत्री सुदिव्य कुमार, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, सांसद जोबा मांझी, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, कई विधायक, मुख्य सचिव, डीजीपी, रांची डीसी सहित कई अधिकारी और योजना की लाभुक महिलाएं उपस्थित रहीं।

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मंईयां राज्य के विकास में अपनी भागीदारी निभाएं

नामकुम के खोजाटोली स्थित ट्रेनिंग ग्राउंड में सोमवार को आयोजित झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के राज्यस्तरीय समारोह में लाखों की संख्या में मंईयां लाभुक शामिल हुईं। मुख्यमंत्री ने सभी माताओं, बहन एवं बेटियों को करोड़ों रुपए की बड़ी सौगात दी। उन्होंने महिलाओं का राज्य के प्रति उपयोगिता को भी उजागर किया। कहा कि समाज की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली मंईयां पूरी क्षमता और ताकत के साथ राज्य के विकास में अपनी भागीदारी निभाएं। मंईयां सम्मान योजना इस राज्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। अब तो कई राज्य इसे रोल मॉडल के रूप में देखते हुए आगे बढ़ रहे हैं।

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हमने जो जिम्मेवारी निभाई है, उसे सार्थक करने में सभी साथ दें

सीएम हेमंत ने कहा कि राज्य को एक व्यक्ति अकेला नहीं खींच सकता। इसका सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है, जब सभी साथ चले। माताओं और बहनों से विनती है कि जो जिम्मेवारी हमने निभाई है, उसको सार्थक रूप देने के लिए साथ दें। महिला और पुरुष एक समान और एक ताकत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की क्षमता रखते हैं। यह अफसोस की बात है कि आज भी महिलाओं को वह ताकत नहीं मिल पाई। इस आधी आबादी को सम्मान के साथ उन्हें वह ताकत देने का हमने काम किया है।

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समय-समय पर गांव और देहातों का भ्रमण करेगी सरकार

हमारी सरकार समय-समय पर गांव और देहातों का भ्रमण भी करेगी और यह जानने की कोशिश करेगी कि आर्थिक समृद्धि के लिए आपके द्वारा किन-किन गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। इस दिशा में सरकार के द्वारा आपको आगे भी पूरा सहयोग मिलेगा। हमारे इस कदम से आप अपने घर-परिवार के साथ राज्य और देश को मजबूती देंगे। मुख्यमंत्री ने इस बात को प्रमुखता से उठाया कि हर बहना को महीने के 2500 और साल के 30 हजार रुपए की सम्मान राशि मिलनी शुरू हो गई है। आपके बेटे और भाई (मुख्यमंत्री ने खुद को संबोधित कर कहा) को सभी का साथ मिलेगा न। आने वाले समय में हम आपकी मदद करने का भी काम करेंगे, जिससे आप इन सम्मान राशि का अपने परिवार और अपनी आजीविका बढ़ाने के लिए उपयोग कर पाएंगी।

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आधी आबादी विकास से कोसों दूर हो तो विकास कैसे होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस भौतिकवादी युग में यह अभी भी चिंता का विषय है कि देश की आजादी के बाद कई नियम-नीतियां बनीं, लेकिन न गरीबी दूर हुई और ना ही महिलाओं का सशक्तिकरण ही हो पाया। देश की आधी आबादी तो हमेशा पिछड़ा रहने को विवश हुई। एक तरफ हम भारत को विश्व गुरु बनाने और ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प लेते हैं और दूसरी तरफ आधी आबादी को दरकिनार करते हैं। जब इस देश की आधी आबादी विकास से कोसों दूर हो तो देश और राज्य कैसे विकास कर सकता है, यह हमारी समझ से परे है।

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मंईयां सम्मान योजना से नारी की पूजा : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि यह दिन नारियों की आराधना का दिन है। राज्य गठन के बाद पहली बार किसी सरकार ने आधी आबादी को ध्यान में रख कोई योजना चलाई है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना भी साधा। कहा कि पूर्व की सरकार में 2017-18 में जेंडर बजट के तहत 6000 करोड़ रुपए से महिला उत्थान की घोषणा हुई। वह 6000 करोड़ रुपए कहां है। इसी तरह पीएम उज्ज्वला योजना में बांटे गए 38 लाख गैस का चूल्हा आज किस स्थिति में है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बात को चरितार्थ किया है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। मंईयां सम्मान योजना से उन्होंने नारी की पूजा की है। भाजपा नेताओं के मुंह में तो राम है, लेकिन सही मायने में झारखंड की धरती में देवी-देवताओं को स्थापित करने का काम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इससे झारखंड की धरती पर हर धर्म के देवता स्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में ही तत्कालीन सरकार ने देवघर, सरायकेला, दुमका, पलामू, हजारीबाग, बोकारो में कामकाजी महिलाओं के छात्रावास निर्माण की घोषणा की, लेकिन देवघर को छोड़कर कहीं भी यह निर्माण नहीं हो सका।

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दिशोम गुरु के सपनों को गठबंधन सरकार ने पूरा किया : संजय

मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सपनों को पूरा करने का काम हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार ने किया है। सीएम की दूरदर्शी और जनकल्याणकारी सोच से राज्य विकास और उन्नति की ओर है। आज राज्य के सभी शोषित वर्गों को उनका हक और अधिकार मिल सका है।

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प्रमंडलों में 1415.44 रुपए राशि का हस्तांतरण

उत्तरी छोटानागपुर - 500.81 करोड़

संताल परगना - 320.87 करोड़

दक्षिणी छोटानागपुर - 230.35 करोड़

पलामू - 190.01 करोड़

कोल्हान - 173.38 करोड़

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57.75 लाख महिला लाभुक हो चुकी है स्वीकृत

राज्यस्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ने 56.61 लाख महिला लाभुकों के खाते में राशि हस्तांतरित की। यह राशि दिसंबर माह की किस्त के लिए है। वहीं, अब तक मंईयां सम्मान योजना में 57.75 लाख महिला लाभुक स्वीकृत हो चुकी हैं। लाभुकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में जनवरी माह में महिला लाभुकों का आंकड़ा 57.75 लाख या इससे ऊपर रहना तय है। विभागीय संकल्प के मुताबिक राशि हस्तांतरित करने की तिथि माह की 15 तारीख निर्धारित है। ऐसे में महिला लाभुकों को जनवरी माह में दो बार (दिसंबर और जनवरी माह का) राशि मिलेगी।

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