जमीन अधिग्रहण में एसपीटी एक्ट के उल्लंघन की जांच मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी
गोड्डा में अदाणी पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण में एसपीटी एक्ट का उल्लंघन हुआ है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी जांच करेगी। मंत्री दीपक बिरूआ ने कहा कि गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। गोड्डा में अदाणी पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण में एसपीटी एक्ट के उल्लंघन, ऊर्जा विभाग के साथ कंपनी की शर्तों व उसके अनुपालन की जांच मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। मंत्री दीपक बिरूआ ने कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव के ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी पाती है तो कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने अदाणी पावर प्लांट के जमीन अधिग्रहण के लिए कैबिनेट से फैसला लेकर डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जमीन का मूल्य निर्धारण किया था। एसपीटी के तहत जमीन अबिक्रीशील है। इसका अधिग्रहण भी सार्वजनिक प्रयोग के लिए ही किया जा सकता है। संभव है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी को लाभ पहुंचाया हो। ऐसे में राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी होगी।
कंपनी को लाभ पहुंचाया या नहीं सरकार बताए
कांग्रेस विधायक ने ध्यानाकर्षण में सवाल उठाया था कि भू-अर्जन 2014 में हुआ था, तब औसतन दाम 25-26 लाख प्रति एकड़ दाम तय हुआ। लेकिन, डीसी का तबादला हुआ। बाद में जो डीसी आए उन्होंने दाम घटाकर 2.25 लाख प्रति एकड़ कर दिया। विधानसभा में विरोध के बाद उच्चस्तरीय कमेटी बनी, तब 9.25-12 लाख एकड़ दाम निर्धारित हुए। प्रदीप यादव ने सवाल उठाया कि क्या अदाणी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसा हुआ। अधिग्रहण में एसपीटी का खुलम-खुल्ला उल्लंघन हुआ या नहीं, ये सरकार को बताना चाहिए। बिजली देने, इसके दर निर्धारण में एमआयू का पालन नहीं हो रहा। पर्यावरण क्लिीयरेंस व सेज घोषित करने से भारत सरकार व राज्य सरकार को नुकसान हुआ। तत्कालीन राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर रोजगार देने की बात कहते हुए छूट दी थी। लेकिन, क्या कमीटमेंट का उल्लंघन कंपनी के द्वारा की जा रही है, इन मामलों की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज से कराने की मांग प्रदीप यादव ने रखी।
डीसी की कमेटी में विशेषज्ञ व जन प्रतिनिधि को जोड़ें
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार को सुझाव दिया कि एसपीटी एक्ट की समीक्षा के लिए डीसी की अध्यक्षता में गठित कमेटी में विशेषज्ञों व जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए। बाबूलाल ने सुझाव दिया कि कमेटी में इन्हें शामिल किए जाने से ये भावनाओं को समझेंगे। उन्होंने कहा कि अदाणी के लिए जब जमीन का अधिग्रहण हो रहा था, तब यह बात आयी थी कि वहां की जमीन बिक्री के लिए नहीं है, जमीन की कीमत 2.5- 3 लाख प्रति एकड़ लगायी गई थी। संघर्ष के बाद कीमत बढ़ी।
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