ताईवान में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर प्रशिक्षण देंगे बीआईटी के डॉ मृणाल
रांची, विशेष संवाददाता। ताईवान में 7-14 अक्तूबर तक भारतीय ज्ञान प्रणाली पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है। बीआईटी मेसरा के डॉ मृणाल पाठक संगीत चिकित्सा और भारतीय कला पर प्रशिक्षण देंगे।...
रांची, विशेष संवाददाता। भारतीय ज्ञान पद्धति को जानने और समझने की उत्सुकता विदेशों में भी है। इसी कड़ी में ताईवान में 7-14 अक्तूबर तक- भारतीय ज्ञान प्रणाली, भारतीय कला व संस्कृति और वर्तमान परिदृश्य में इसके व्यावहारिक कार्यान्वयन, विषय पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा को झारखंड व भारत की ओर से प्रतिनिधित्व का अवसर मिला है। बीआईटी मेसरा के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के सहायक प्राध्यापक सह प्रभारी रचनात्मक कला संकाय- डॉ मृणाल पाठक, ताईवान में भारतीय ज्ञान प्रणाली के विविध आयाम पर प्रशिक्षण देने के लिए बतौर संसाधनसेवी इस कार्यशाला में हिस्सा लेंगे। इस कार्यशाला में भारतीय ज्ञान प्रणाली में संगीत को लेकर भारतीय अवधारणा क्या है और कैसे संगीत का उपयोग जीवन में किया जाए, इस पर उनका पहला सत्र होगा। साथ ही, वेदों के हिसाब से संगीत का उपयोग अलग-अलग क्षेत्रों में कैसे किया जा सकता है और संगीत व चिकित्सा के बीच संतुलन कैसे बन सकता है, जिसमें संगीत दवा का स्थान ले सके, इन गूढ़ विषयों पर डॉ मृणाल पाठक चर्चा करेंगे। डॉ पाठक आर्किटेक्चर विभाग के शिक्षक होने के साथ एक गायक और संगीतकार भी हैं। उन्होंने जर्मनी, चीन, रूस सहित कई अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पूर्व में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनसे संगीत सीखने वाले शिष्य देश-विदेश में फैले हुए हैं।
डॉ मृणाल ने बताया कि भारतीय ज्ञान प्रणाली में वेदों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वेदों में हर विषय से संबंधित समृद्ध ज्ञान परंपरा है जिससे आज की पीढ़ी अनभिज्ञ है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान वह संगीत चिकित्सा, भारतीय कला, विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
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