जैव प्रौद्योगिकी से स्वास्थ्य संबंधी नए समाधान तलाशे जाएं: डॉ सुंदर
रांची में बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा द्वारा जैव सूचना विज्ञान पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन हुआ। सम्मेलन में विशेषज्ञों ने जैव प्रौद्योगिकी, एआई, मशीन लर्निंग और...
रांची, विशेष संवाददाता। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा के जैव अभियांत्रिकी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से जैव सूचना विज्ञान में उभरते रुझान, विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत गुरुवार को हुई। यह सम्मेलन जैव सूचना विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकासों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर चर्चा के लिए शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों और छात्रों को एक मंच पर लेकर आया है। उद्घाटन सत्र में सम्मानित अतिथि इंस्टीट्यूट ऑफ बायोइन्फॉर्मेटिक्स एंड एप्लाइड बायोटेक्नोलॉजी (आईबीए), बेंगलुरु के निदेशक डॉ डी सुंदर ने जैव सूचना विज्ञान के बदलते परिदृश्य और इसके वैश्विक प्रभाव पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने अनुवादात्मक बायोइन्फॉर्मेटिक्स के महत्व को रेखांकित किया, जो डेटा विज्ञान और वास्तविक दुनिया के जैविक समाधानों के बीच की खाई को पाटता है। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य के लिए नए समाधान प्रदान करने की संभावनाओं पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) तकनीकों की चर्चा करते हुए बताया कि इनसे शोध कार्य कैसे अधिक आसान और प्रभावी हो गया है।
अध्यक्षता करते हुए बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना ने संस्थान के शोध और अंतःविषय क्षेत्रों में योगदान की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने संस्थान की नवाचार की विरासत और भविष्य को आकार देने में इसके योगदान को भी बताया। जैव अभियांत्रिकी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डॉ कुणाल मुखोपाध्याय ने जैव सूचना विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों और उनकी स्वास्थ्य सेवा में भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
सम्मेलन को एसईआरबी, डीबीटी, सीएसआईआर, एनएएसआई जैसी वित्तीय एजेंसियों और उद्योग भागीदार ईस्कोनेट का समर्थन प्राप्त है। फ्रांस, जर्मनी और सिंगापुर सहित विभिन्न देशों के 200 से अधिक शोधकर्ता इसमें भाग ले रहे हैं।
पहले दिन के तकनीकी सत्र में एआई-एमएल और बिग डेटा का रोग विज्ञान में अनुप्रयोग विषय पर चर्चा हुई। सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को- आणविक मॉडलिंग और संरचनात्मक जैव सूचना विज्ञान विषय पर चर्चा होगी। अंतिम दिन शनिवार को रोग समझने में सिस्टम बायोलॉजी और गणितीय बायोलॉजी विषय पर तकनीकी सत्र होगा।
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