बीआईटी मेसरा: वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान को आगे बढ़ाने पर जोर
रांची में बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी) मेसरा ने अपने प्लैटिनम जुबली समारोह के तहत वायुमंडलीय विज्ञान-2024 पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में भारत और विदेश के शोधकर्ताओं ने...
रांची, विशेष संवाददाता। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा ने अपने प्लैटिनम जुबली समारोह के हिस्से के रूप में बुधवार को वायुमंडलीय विज्ञान-2024 पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। विषय था- हमारे पर्यावरण को जानें। इसमें भारत और विदेश के शोधकर्ताओं व नीति निर्माताओं ने वायुमंडलीय चुनौतियों, उनके पर्यावरणीय प्रभावों और संभावित समाधानों पर चर्चा की। भौतिकी विभाग की ओर से आयोजित सम्मेलन ने वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान को आगे बढ़ाने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बीआईटी मेसरा की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना ने की। बीआईटी मेसरा के प्रवेश, प्रत्यायन और समन्वय के डीन प्रो सुदीप दास और प्रो सुनीता केशरी ने अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देने और स्थिरता पर वैश्विक चर्चा को सुविधाजनक बनाने में बीआईटी मेसरा के योगदान को बताया। कार्यक्रम संयोजक डॉ निशि श्रीवास्तव और सह-संयोजक डॉ स्वागत पायरा ने सम्मेलन के मूल विचारों और विषय पर अंतरदृष्टि प्रदान की।
वक्ताओं में यूनिवर्सिटी डे स्ट्रासबर्ग, फ्रांस में सीएनआरएस शोध वैज्ञानिक डॉ नाडेगे ब्लॉन्ड ने वायुमंडलीय प्रक्रियाओं और उनके बारे में एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करते हुए जलवायु परिवर्तन पर इसके प्रभाव की चर्चा की। रांची में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रभारी अभिषेक आनंद ने मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि दुनिया को मौसम विज्ञानियों की आवश्यकता क्यों है और कौन से क्षेत्र मौसम विज्ञान पर निर्भर हैं। उन्होंने मौसम विज्ञान केंद्र, रांची की हालिया पहल पर भी बात की। झारखंड सरकार के कार्यक्रम सीधा के अनुसंधान प्रमुख डॉ मनीष कुमार ने राज्य में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए जमीन, उपग्रह और मॉडल-व्युत्पन्न जानकारी का लाभ उठाने को कहा। बीआईटी मेसरा की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ तनुश्री भट्टाचार्य ने वाहन प्रदूषण और उसके प्रभावों पर अध्ययन प्रस्तुत किया।
सम्मेलन में जमीन आधारित अवलोकन, उपग्रह डेटा और वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए मॉडलिंग के तालमेल पर भी चर्चा की गई। साथ ही, सार्वजनिक नीति को सूचित करने में वैज्ञानिक अनुसंधान की भूमिका, स्थायी पर्यावरणीय प्रथाओं के लिए विज्ञान, नीति और सामुदायिक जुड़ाव का एकीकरण कितना महत्वपूर्ण है आदि विषयों पर भी चर्चा की गई। इसमें पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बीआईटी मेसरा रांची, डीएवी नंदराज पब्लिक स्कूल, बरियातू, उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम में भौतिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार सिन्हा सहित अन्य शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद थे।
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