रक्षा मंत्रालय का काम मिला तो समय पर पूरा करने में एचईसी सक्षम
एचईसी के कर्मचारियों को 26 महीनों से वेतन नहीं मिला है और सभी सुविधाएं बंद हैं। वेतन के लिए आंदोलन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि यदि रक्षा मंत्रालय से कार्यादेश मिलता है, तो वे उसे समय पर पूरा...

रांची, विशेष संवाददाता। एचईसी के कर्मचारियों को 26 माह से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद हैं। वेतन के लिए कर्मचारी आंदोलन भी कर रहे हैं, लेकिन देशहित में यह किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाह रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यदि कोई आपात स्थिति आती है और रक्षा मंत्रालय से कार्यादेश मिलता है तो उसे हर हाल में समय पर पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा करेंगे। इन कार्यादेशों को पूरा करने के लिए वह वेतन और अन्य सुविधाओं की चिंता भी नहीं करेंगे। एचईसी देश का मातृ उद्योग है। यहां रणनीतिक क्षेत्र के काम भी किए जाते हैं।
सामरिक महत्व के उपकरणों, अंतरिक्ष और न्यूक्लियर उपकरणों का भी निर्माण होता है। वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान एचईसी ने भारतीय सेना के लिए टैंक और अन्य उपकरणों का निर्माण किया था और उसकी आपूर्ति भी समय पर की गई थी। इससे एचईसी की प्रसिद्धि पूरे देश में फैली थी। एचईसी के पास अनुभवी-दक्ष कामगरों की टीम एचईसी के एक अधिकारी ने बताया कि एचईसी के पास अनुभवी और दक्ष कामगारों की टीम है। सामरिक महत्व के सभी उपकरणों और उनका निर्माण करने वाली मशीन भी बना सकता है। समय-समय पर एचईसी ने रणनीतिक सेक्टर के कई जटिलतम उपकरणों का निर्माण कर देश की जरूरतों को पूरा किया है। जब भी कार्यादेश मिलेगा, उसे समय पर पूरा कर लिया जाएगा। एफएफपी के एक कर्मचारी ने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान प्लांट में टैंकों और अन्य उपकरणों के निर्माण के लिए एक अलग शॉप भी बनाया गया था। इसके बाद से एचईसी को रक्षा क्षेत्र के कई कार्यादेश मिले और बाद में यह नियमित हो गए। इस तरह के कार्यादेशों पर एचईसी में काम होता है तो मशीन पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी यह पता नहीं होता कि वह किसके लिए इसका निर्माण कर रहे हैं। उपकरणों के निर्माण में काफी गोपनीयता बरती जाती है। नौसेना के लिए एचईसी का योगदान -एनएस राणा के लिए गियर सिस्टम का निर्माण -आधुनिक रडार का निर्माण -परमाणु पनडुब्बी के महत्वपूर्ण उपकरणों का निर्माण -अरिहंत के लिए प्रोपेलर का निर्माण रक्षा मंत्रालय के लिए एचईसी का योगदान -इंडियन माउंटेन गन एमके-2 की असेंबलिंग -105 एमएम गैन बैरल का निर्माण -टी-72 टैंक की कास्टिंग -120 एमएम गन का हीट ट्रीटमेंट और मशीनिंग
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