समय से पहले पैसे निकाले जाने से पेंशन के लाभ से वंचित हो रहे कर्मचारी
रांची में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अनुसार, समय से पहले पैसे निकालने के कारण पिछले पांच वर्षों में करीब 94 हजार कर्मचारी पेंशन के लाभ से वंचित हो गए हैं। ये कर्मचारी निजी कंपनियों में...
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रांची, संवाददाता। समय से पहले पैसे निकाले जाने से बड़ी संख्या में कर्मचारी पेंशन के लाभ से वंचित हो रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) रांची क्षेत्रीय कार्यालय के मुताबिक हर साल तकरीबन 19 हजार कर्मचारी पेंशन के लाभ से वंचित हो रहे हैं। वहीं, बीते पांच वर्षों में इनकी संख्या लगभग 94 हजार है। ये वैसे कर्मी हैं, जो निजी कंपनियों में काम करते हैं और ईपीएफओ के सदस्य हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अनुसार फॉर्म 10डी के तहत पेंशन फंड से पैसे निकाले जाने से कर्मचारी भविष्य में मिलने वाले पेंशन के लाभ से चूक रहे हैं। ईपीएफओ पेंशन के लिए योग्यता
ईपीएस पेंशन स्कीम का लाभ केवल उन्हीं ईपीएफओ सब्सक्राइबर को मिलता है, जिन्होंने 10 साल तक नौकरी की और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में 10 साल तक अपना योगदान दिया है। लेकिन, ईपीएफओ के पदाधिकारियों के मुताबिक अगर इस बीच कर्मी अपने पेंशन फंड से राशि की निकासी करते हैं तो वे भविष्य में मिलने वाले पेंशन की सुविधा से वंचित हो जाते हैं।
पांच साल में 94 हजार कर्मी हुए वंचित
ईपीएफओ से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, बीते पांच सालों में करीब 84 हजार सदस्य समय से पहले पैसे निकाले जाने से पेंशन के लाभ से वंचित हुए हैं। इस क्रम में वित्तीय वर्ष 2019 में 19808, 2020-21 में 21453, 2021-22 में 16834 और वित्तीय वर्ष 2023-24 में 15195 कर्मचारियों ने अपने पेंशन फंड की राशि की निकासी की। वहीं, पांच वर्षों में कुल 93920 कर्मियों ने पैसे निकाले।
जागरुकता बढ़ी तो प्री-मैच्योर मामलों में आई कमी
ईपीएफओ के आंकड़ों से यह पता चलता है कि प्री-मैच्योर विड्रॉल के मामलों में बीते वर्षों में कमी है। जहां पहले अधिक संख्या में कर्मचारी पेंशन फंड से पैसे की निकासी कर पेंशन के लाभ से वंचित हो रहे थे। अब इनकी संख्या घट रही है। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में लगभग 20 हजार कर्मचारियों ने पैसे निकाले थे। जबकि, 2023-24 में 15 हजार कर्मचारियों ने पैसे निकाले।
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