Hindi Newsझारखंड न्यूज़रांचीElephant corridor will be marked for widening of Ranchi-Odisha road

रांची-ओड़िशा सड़क चौड़ीकरण के लिए चिह्नित किए जाएंगे एलिफेंट कॉरिडोर

रांची-ओडिशा सड़क चौड़ीकरण के लिए दोनों राज्यों के बीच इस मार्ग पर आने वाले एलिफेंट कॉरिडोर की रिपोर्ट केंद्र सरकार ने मांगी...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSun, 11 April 2021 10:40 PM
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रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो

रांची-ओडिशा सड़क चौड़ीकरण के लिए दोनों राज्यों के बीच इस मार्ग पर आने वाले एलिफेंट कॉरिडोर की रिपोर्ट केंद्र सरकार ने मांगी है। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राज्य सरकार से झारखंड की सीमा में सड़क के अलाइमेंट में पड़ने वाले एलिफेंट कॉरिडोर का विवरण मांगा है। यह सड़क भारत माला परियोजना के तहत लिटिबेड़ा-रांची आर्थिक गलियारा है। झारखंड में केयोंडपानी (जामटोली) से सिठियो खंड के बीच वन क्षेत्र है और यहां ओडिशा और झारखंड के हाथियों का आवागमन होता है। हाथी अपने रास्ते को लेकर काफी संवेदनशील होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक हाथी अपने कॉरिडोर पर वर्षों बाद लौट सकता है।

एनएचएचआई के अधिकारियों के मुताबिक एलिफेंट कॉरिडोर पहले चिह्लित कर लेने से सड़क परियोजना में हाथियों के लिए अंडर पास या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से उनके लिए रास्ता मुहैया कराया जाएगा। भौगोलिक दृष्टि से यातायात के लिए या हाथियों के लिए अंडर पास बनाने का निर्णय लिया जाएगा। ओडिशा के लिटिबेड़ा से रांची के सिठियो तक आर्थिक गलियारा के इस अलाइमेंट में वन क्षेत्र काफी आ रहा है। इनमें वन्यजीव काफी संख्या में रहते हैं। केंद्र सरकार वन्यजीवों का रास्ता रोके बिना उनके लिए बेहतर मार्ग उपलब्ध कराते हुए ही सड़क निर्माण कराया जाएगा।

हाथियों की गतिविधियों के मूल्यांकन के आधार पर देखा गया है कि वह गुवा-बरजाम्दा-केंडपोस, मनोरहरपुर-पोसियाटा-महादेवसल-गोइलकेरा-चक्रधरपुर-सिन्नी के साथ-साथ रांची-राउरकेला, गोमिया-जगेशर-रामगढ़ और साहिबगंज-बरहरवा-रामपुरहाट के कुछ स्थानों पर विचरण करते हैं।

हाथियों के हमले बढ़े: राज्य में हर वर्ष 65 से अधिक लोगों की मौत हाथियों के हमले में हो रही है। गर्मी के दिन में हाथियों का झुंड काफी सक्रिय हो जाता है। भोजन की तलाश में हाथियों का झुंड एक स्थान से दूसरे स्थान को जाता है। इस दौरान मानव-हाथी संघर्ष की खबरें बढ़ गई हैं। राजधानी रांची के कांके तक हाथी घुस चुके हैं। करीब 20 से 25 हाथियों का झुंड टुंडीवन क्षेत्र से निकल कर जामताड़ा, दुमका में मसलिया होते हुए विचरण कर रहा है। वन विभाग के मुताबिक देश के 11 प्रतिशत हाथी मध्य पूर्वी भारतीय क्षेत्र पश्चिम बंगाल (दक्षिण), ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड में हैं। हाथी के हमले के 45 फीसदी मामले इन्हीं क्षेत्रों में हो रहे हैं।

लिटिबेड़ा - रांची आर्थिक गलियारा

रांची-संबलपुर इकोनामिक कॉरिडोर की लंबाई 280 किलोमीटर है। लागत 4200 करोड रुपए। इसमें 133 किलोमीटर कार्य पूरा हो गया है। शेष 147 किलोमीटर कार्य का डीपीआर बन रहा है। इस कार्य को इसी साल अवार्ड किया जाना है। यह कॉरिडोर लिट्टीबेड़ा, केरिया, लोइंगा से रांची रिंग रोड पर सिठियो तक से होगा। झारखंड के हिस्से में 1354 करोड़ की लागत से 70 किलोमीटर आर्थिक गलियारा का काम इसी साल शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

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