Hindi Newsझारखंड न्यूज़रांचीED Investigates Human Trafficking and Money Laundering Linked to Bangladesh Infiltration in Jharkhand

रांची में बांग्लादेशी युवतियों को देह व्यापार में लगा रहे दलाल

झारखंड में बांग्लादेश से घुसपैठ मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के बिंदुओं पर जांच शुरू की है। गिरोह रांची और पश्चिम बंगाल में सक्रिय है, जो बांग्लादेशी युवतियों को देह व्यापार में लगाता है। ईडी ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीTue, 12 Nov 2024 07:53 PM
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रांची, विशेष संवाददाता। झारखंड में बांग्लादेश से घुसपैठ मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने ईसीआईआर दर्ज कर मनी लॉन्ड्रिंग के बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है। जांच में खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश से भारत की सीमा में घुसपैठ कराने से लेकर उनके लिए जरूरी दस्तावेज बनवाने वाला गिरोह पश्चिम बंगाल से लेकर रांची तक सक्रिय है। बांग्लादेश से रांची समेत अन्य शहरों में लायी गई युवतियों को देह व्यापार में लगाया जाता है। रांची के होटल स्काई लाइन और बाली रिजॉर्ट में छापेमारी में बांग्लादेशी युवतियों से देह व्यापार कराने के साक्ष्य मिले हैं। ईडी ने ग्राहकों की सूची भी बरामद की है। ग्राहकों से पैसों के लेन-देने के साक्ष्य एजेंसी को मिले हैं। मंगलवार को भी जब ईडी की टीम होटलों में छापेमारी के लिए पहुंची तो संदिग्ध परिस्थिति में होटल संचालक समेत अन्य को पाया।

पुलिस ने पहले की थी एफआईआर

ईडी ने यह मामला चार जून की एफआईआर संख्या 188/2024 पर दर्ज किया था। रांची के बरियातू थाने में आईपीसी 1860 की धारा 420, 467, 468, 471 और 34, पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12, विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14-ए के तहत यह केस दर्ज हुआ था।

एफआईआर के अनुसार, बांग्लादेश की रहने वाली लगभग 21 साल की एक युवती को एक अन्य लड़की की मदद से कोलकाता लाया गया था। मंगलवार को ईडी ने बांग्लादेश से लड़की को लाने वाली युवती के कोलकाता स्थित आवास पर भी छापेमारी की। इस दौरान उसके पास से भी कई बांग्लादेशियों से जुड़ी जानकारी मिली है। जांच में पता चला है कि 31 मई की देर रात को उसने निजी एजेंटों की मिलीभगत से जंगल क्षेत्र से अवैध रूप से युवती को बांग्लादेश सीमा पार कराई। इसके बाद एजेंटों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों की भारतीयता स्थापित करने के लिए फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए।

एजेंटों के खिलाफ जांच में तेजी पर जोर

ईडी ने अनुसार कई व्यक्ति अवैध घुसपैठ, फर्जी पहचान प्रमाण बनाने से संबंधित कानूनी गतिविधियों में शामिल हैं, जो पीएमएलए, 2002 की धारा 2 (1) (यू) के तहत प्रदान की गई परिभाषा के अनुसार अपराध की आय से जुड़ी आपराधिक गतिविधियां हैं। इसलिए यह जरूरी है कि बांग्लादेश से भारत में ऐसे व्यक्तियों की अवैध घुसपैठ और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले एजेंटों के संबंध में जांच की जाए।

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