केंद्र का असहयोगात्मक रवैया बर्दाश्त नहीं : झामुमो
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्र सरकार से सहयोगात्मक रवैया अपनाने के लिए बात करें। यदि केंद्र के रुख...
झामुमो ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर वह झारखंड सरकार के प्रति सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाएगी, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्र सरकार से सहयोगात्मक रवैया अपनाने के लिए बात करें। यदि केंद्र के रुख में बदलाव नहीं आता है, तो झामुमो कोरोना संक्रमण का प्रसार थमने के बाद आर्थिक नाकेबंदी करेगी।
पांडेय ने बरियातू स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान शनिवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रारंभ से ही केंद्र सरकार का रवैया झारखंड के प्रति असहयोगात्मक रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी से लिखित और मौखिक हर तरह से जीएसटी कंपनसेशन का भुगतान कराने का आग्रह किया। लेकिन, केंद्र सरकार ने झारखंड का न तो जीएसटी का बकाया और न ही विभिन्न कोयला कंपनियों व केंद्रीय उपकरणों पर झारखंड का बकाया भुगतान करने में कोई दिलचस्पी दिखाई। केंद्र सरकार पर झारखंड का 75000 करोड़ से अधिक बकाया है।
पांडेय ने कहा कि 29 दिसंबर 2019 को जब हेमंत सरकार का गठन हुआ तब पिछली भाजपा सरकार की गलत नीतियों की वजह से राज्य का खजाना खाली था। सरकार को श्वेत पत्र जारी करना पड़ा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए राज्य के सीमित संसाधनों के बलबूते पर हेमंत सरकार लोगों के सहयोग से हर मोर्चे पर संघर्ष कर रही है। इसका परिणाम भी सामने है। झारखंड में अन्य राज्यों के मुकाबले कोरोना संक्रमितों की संख्या कम है और रिकवरी दर बेहतर है। अब केंद्र के इशारे पर आरबीआई ने झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी का बकाया 1417 करोड़ काटकर असहयोग किया है। जबकि झारखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण और आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए केंद्र को ऐसा नहीं करने के लिए अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा कि झामुमो संघर्ष से बनी पार्टी है। केंद्र का असहयोगात्मक रवैया पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी लोगों की मदद से आंदोलन करके केंद्र को झारखंड के प्रति सहयोगात्मक रवैया अपनाने के लिए बाध्य कर देगी। कहा कि झारखंड के संसाधनों से पूरा देश जगमगाता है। इसके बावजूद केंद्र सरकार झारखंड को ही आंख दिखा रही है। यह झामुमो को कतई बर्दाश्त नहीं है। जरूरत पड़ी तो झारखंड से दूसरे राज्यों को जाने वाला कोयला अथवा अन्य संसाधनों को झामुमो रोकेगी। पार्टी आर्थिक नाकाबंदी करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
जनादेश का अपमान :
उन्होंने कहा कि राज्य में लोकसभा की 14 सीट में से 12 एनडीए के पास हैं। ये सांसद और जनादेश से विपक्ष में बैठे विधायक राज्य की जनता की भलाई के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। वे चाहे तो केंद्र सरकार से बात कर झारखंड सरकार का सहयोग कर सकते हैं। उनका इस प्रकार खामोश बैठना जनादेश का अपमान है।
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