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विज्ञान संकाय के छात्रों के लिए बीएससी हॉर्टिकल्चर में नामांकन का अवसर

हॉर्टिकल्चर (उद्यान) कृषि की एक विशेष शाखा है। यह विषय अनाज, फलों, फूलों, सब्जियों, जड़ी-बूटियों, सजावटी पेड़ों की खेती और बागानों में पौधारोपण से संबंधित है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के तहत वर्ष...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSun, 30 Aug 2020 08:22 PM
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हॉर्टिकल्चर (उद्यान) कृषि की एक विशेष शाखा है। यह विषय अनाज, फलों, फूलों, सब्जियों, जड़ी-बूटियों, सजावटी पेड़ों की खेती और बागानों में पौधारोपण से संबंधित है। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के तहत वर्ष 2018 में राज्य पहला कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर, खूंटपानी (चाईबासा) स्थापित किया गया। फिलहाल यह कॉलेज कांके स्थित विश्वविद्यालय के कृषि संकाय परिसर में संचालित किया जा रहा है। कॉलेज में चार वर्षीय बीएससी (ऑनर्स) हॉर्टिकल्चर पाठ्यक्रम उपलब्ध है। कॉलेज में बीएससी हॉर्टिकल्चर में कुल सीटों की संख्या 50 है। नामांकन प्रक्रिया को झारखंड संयुक्त प्रतियोगिता प्रवेश परीक्षा पर्षद ने वर्ष 2020-21 के शैक्षणिक सत्र के लिए शुरू कर दी है। इसकी जानकारी पर्षद की वेबसाइट http:jceceb.jharkhand.gov.in पर उपलब्ध है। लिखित परीक्षा के आधार पर जारी मेरिट लिस्ट पर नामांकन लिया जाएगा। यह परीक्षा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित सभी दस कॉलेजों में नामांकन के लिए आयोजित होगी। इसमें नामांकन के लिए रसायन शास्त्र भौतिकी जीव विज्ञान गणित के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।हॉर्टिकल्चर कोर्स के अंतर्गत प्लांट प्रोपगेशन, प्लांट ब्रीडिंग, प्लांट मैटेरियल, टिश्यू कल्चर, क्रॉप प्रोडक्शन, क्रॉप न्यूट्रिशन, प्लांट पैथोलॉजी, पोस्ट-हार्वेस्ट हैंडलिंग, इकोनॉमिक्स, एग्री-बिजनेस, जैसे विषयों का अध्ययन कराया जाता है। हॉर्टिकल्चर की विभिन्न शाखाओं में फ्लोरीकल्चर के अधीन फूलों की खेती, उत्पादन और विपणन पर केंद्रित विषय, ओलेरीकल्चर में सब्जियों की खेती से संबंधित विज्ञान, लैंडस्केप हॉर्टिकल्चर में बागवानी के क्षेत्रों को सजाने और उनके विपणन व रखरखाव का ज्ञान, पोमोलॉजी में फलों के उत्पादन से संबंधित विषय और पोस्ट हार्वेस्ट फिजियोलॉजी के तहत बागवानी विशेषज्ञ खाद्य पदार्थ को खराब होने से रोकने के विषय में अध्ययन करते हैं। हॉर्टिकल्चर में अवसर हॉर्टिकल्चर की पढ़ाई के बाद उद्यान अधिकारी, कृषि पदाधिकारी, तकनीकी पदाधिकारी, फल और सब्जी निरीक्षक, उद्यान पर्यवेक्षक, कृषि विकास पदाधिकारी के अलावा हॉर्टिकल्चर स्पेशलिस्ट, फ्रूट-वेजिटेबल इंस्पेक्टर, हॉर्टिकल्चरिस्ट बनने का विकल्प मौजूद हैं। सरकारी बैंकों में ग्रामीण विकास अधिकारी और कृषि वित्त अधिकारी आदि पदों में भी अवसर हैं। सरकारी निकायों जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), सीएसआईआर-राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई), कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) में हॉर्टिकल्चरिस्ट की नियुक्ति की जाती है। हॉर्टिकल्चर में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद नेट परीक्षा पास कर या पीएचडी करके एग्रीकल्चर कॉलेज में लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नौकरी या साइंटिस्ट के तौर पर रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।

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