बीआईटी मेसरा ने स्कूली बच्चों को कराई तकनीकी यात्रा
बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा ने पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, सिमडेगा के 102 विद्यार्थियों और शिक्षकों को तकनीकी यात्रा कराई। उन्होंने विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा किया, जिससे उन्हें...
रांची, विशेष संवाददाता। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा ने अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत शिक्षार्थियों को सशक्त बनाने और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि बढ़ाने के उद्देश्य से पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, सिमडेगा के 102 विद्यार्थियों और शिक्षकों को रविवार को तकनीकी यात्रा कराई। इसके तहत स्कूली बच्चों ने संस्थान के विभिन्न अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का दौरा किया, जिनमें स्पेस इंजीनियरिंग और रॉकेट्री विभाग, डिजिटल लैब, पर्यावरण अनुसंधान प्रयोगशाला और अनमैन्ड व्हीकल लैब शामिल थे। इन प्रयोगशालाओं के अनुभव ने बच्चों को तकनीक की संभावनाओं से परिचित कराया और उनके ज्ञान को व्यावहारिक दृष्टिकोण प्रदान किया। बीआईटी मेसरा के इनोवेशन काउंसिल की ओर से राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का आयोजन भी किया गया, जिसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता और स्थायी प्रथाओं के महत्व पर जोर देना था। इस आयोजन ने ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ाने और इस क्षेत्र में देश की उपलब्धियों को रेखांकित करने का कार्य किया। कार्यक्रम की शुरुआत रजिस्ट्रार प्रो सुदीप दास, ने की। उन्होंने संस्थान के इतिहास और इसके अग्रणी स्पेस इंजीनियरिंग और रॉकेट्री विभाग के क्रियाकलाप के बारे में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को ऊर्जा के महत्व और आनेवाली पीढ़ियों के लाभ के लिए स्थायी प्रथाओं को अपनाने का संदेश दिया।
वहीं, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो संजय कुमार और आईआईसी, बीआईटी मेसरा के सह-संयोजक डॉ दिलीप कुमार सिंह, ने व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण- प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के माध्यम से जैविक अपशिष्ट से धन सृजन, विषय पर विशेष सत्र था, जिसे यांत्रिक इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजीव कुमार ने प्रस्तुत किया। उन्होंने सौर, पवन और जल विद्युत जैसी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के महत्व पर जोर दिया, जो प्रदूषण को कम करने, संसाधनों का संरक्षण करने और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में सहायक हैं। डॉ राजीव कुमार ने यह भी बताया कि ऊर्जा की खपत जलवायु परिवर्तन से सीधे जुड़ी है और ऊर्जा संरक्षण पर्यावरण को बचाने और एक सतत भविष्य सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन इनोवेशन काउंसिल के संयोजक डॉ आनंद प्रसाद सिन्हा, ने किया।
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