Hindi Newsझारखंड न्यूज़रांचीAlka Tiwari Appointed New Chief Secretary of Jharkhand A Pioneer in Administrative Service

आईएएस अलका तिवारी ने खूंटी एसडीओ से मुख्य सचिव तक सफर किया तय

1988 बैच की आईएएस अधिकारी अलका तिवारी को झारखंड की नई मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। उन्होंने खूंटी जैसे छोटे जिले से अपने करियर की शुरुआत की और कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। उनके कार्यकाल में...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीFri, 1 Nov 2024 07:56 PM
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रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। 1988 बैच की आईएएस अधिकारी अलका तिवारी झारखंड की नई मुख्य सचिव बनाई गई हैं। प्रशासनिक सेवा के 36 साल के कार्यकाल में अहम पदों पर रहते हुए उन्होंने कई बेहतर काम किए हैं। खूंटी जैसे छोटे जिले में एसडीओ पद से प्रशासनिक सेवा का काम शुरू करते हुए वह मुख्य सचिव के पद तक पहुंची हैं। वे लोहरदगा और गुमला जिलों में उपायुक्त के पद पर काम कर चुकी हैं। उनके कार्याकाल की एक बड़ी बात यह है कि खूंटी एसडीओ रहते हुए उन्होंने 1990 में भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली उलिहातू का दौरा किया था। ऐसा करने वाली वह पहली आईएएस अधिकारी थीं। इसी दौरान उन्होंने उलिहातू एवं आसपास के क्षेत्र में विकास के कई काम किए।

केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकीं अलका के नाम बेहतरीन कामों की लंबी सूची है। उनका नाम देश में उच्च शिक्षा नियामक ढांचे में सुधार और शिक्षण एवं अनुसंधान के विश्व स्तरीय संस्थानों के विकास के लिए रणनीति दस्तावेज विकसित करने में शामिल किया जाता है।

गिर रही कंपनी को बाजार में अग्रणी बनाया

उर्वरक कंपनी एफएजीएमआईएल की सीएमडी के रूप में उन्होंने जिप्सम व्यापार में हो रही गिरावट को उलट दिया और इसे लाभ कमाने वाली बाजार की अग्रणी कंपनी में बदल दिया। अलका तिवारी ने यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और देश के राजस्व हितों की रक्षा के लिए कतर, ईरान और रूस के साथ संपर्क बनाए रखा। व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के तहत ‘आधुनिकीकरण और औद्योगिक सहयोग पर प्रोटोकॉल समझौते पर हस्ताक्षर कराने में अहम भूमिका निभाई।

आदिवासी मुद्दों पर हासिल है विशेषज्ञता

अलका तिवारी ने अनुसूचित जनजातियों के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग में साढ़े तीन साल से अधिक समय तक सचिव के रूप में काम किया और देश में आदिवासी मुद्दों पर विशेषज्ञता हासिल की। बता दें कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से मूल कैडर झारखंड लौटने से पहले नई मुख्य सचिव आयोग में ही सचिव के पद पर काम कर रही थीं। लौटने के बाद झारखंड सरकार ने उन्होंने राजस्व पर्षद में सदस्य के पद पर नियुक्ति किया था।

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