दोस्त की मौत के बाद उसके बच्चों को रोड के किनारे छोड़ा
कोरोना संक्रमण के खौफ ने रिश्तों को भी तोड़ दिया है। अपने परिजन ही मृत सदस्यों का शव तक नहीं ले रहे हैं और न ही अंतिम संस्कार में जा रहे...
रांची। संवाददाता
कोरोना संक्रमण के खौफ ने रिश्तों को भी तोड़ दिया है। अपने परिजन ही मृत सदस्यों का शव तक नहीं ले रहे हैं और न ही अंतिम संस्कार में जा रहे हैं। ऐसे भी मामले आए हैं, जब पूरा परिवार अस्पताल में है और एक सदस्य की मौत के बाद शव लेने कोई नहीं जा रहा है। रिश्तेदारों को सूचना मिलने के बाद वे भी आने में असमर्थता जता रहे हैं। दिन-रात जो दोस्ती की कसमें खाते थे, साथ उठना-बैठना और परिवार के सदस्य से भी ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते थे, अब वे दोस्त के संक्रमित होने के बाद मुंह मोड़ ले रहे हैं। एक जिगरी दोस्त ने दूसरे के साथ ऐसा ही किया है। अपने जिगरी दोस्त की मौत के बाद उसके छोटे-छोटे दो बच्चों को घर न पहुंचाकर रोड के किनारे छोड़कर दोस्त भाग खड़ा हुआ।
रांची के हरमू में मानवता को शर्मसार करनेवाली घटना घटी। संक्रमित दोस्त हरमू निवासी अजय की जब तक सांस चलती रही, दोस्त हर तरह की मदद करते रहे। लेकिन जैसे ही संक्रमित दोस्त की मौत की खबर मिली, वही दोस्त मृत दोस्त अजय के चार साल एवं नौ साल के बच्चों को घर के दरवाजे तक भी नहीं पहुंचाया, बल्कि घर के सामने रोड के किनारे ही छोड़ कर निकल गया। जबकि वह जान रहा था कि अजय के घर में एक वृद्ध के सिवा कोई नहीं है। अजय की पत्नी भी संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती है। अजय के बड़े भाई भी अस्पताल में भर्ती थे। ऐसे में छोटे-छोटे मासूम बच्चों को देखनेवाला कोई नहीं था। अजय अपने दोस्त को ही बच्चों को ध्यान रखने को कहा था। जब इसकी खबर स्थानीय पुलिस को मिली तो मौके पर पहुंची और सबसे पहले बच्चों का हाल जाना। बड़े बच्चे से पूछा गया कि रांची में कौन रहते हैं। बताया कि मौसी रहती है। किसी तरह बच्चों को बरियातू स्थित उसकी मौसी के घर तलाश कर पहुंचाया गया। इसके पहले पुलिस ने दोनों बच्चों का कोविड टेस्ट कराया। निगेटिव आने के बाद आगे की कार्यवाही की।
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