Hindi Newsझारखंड न्यूज़रांचीAdulterants active as soon as Diwali intensive raid campaign will run in Ranchi

दिवाली आते ही मिलावटखोर सक्रिय, रांची में चलेगा सघन छापेमारी अभियान

खाद्य पदार्थों की होगी जांच, मिठाई, खोआ और पनीर की नियमित जांच, मोबाइल लैब के साथ निकलेगी टीम, रांची में चार टीम करेगी...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSat, 31 Oct 2020 08:02 PM
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दिवाली आते ही रांची में मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। मिठाइयों की मांग पूरी करने के लिए खोआ, पनीर और दूधजनित पदार्थों में मिलावट कर अभी से मिठाइयां भी बनने लगी हैं। मिलावटखोरी की शिकायत के मिलने के बाद रांची जिला प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है।

प्रशासन ने मिलावटखोरी की जांच के लिए चार टीम का गठन किया है। सभी टीम अलग-अलग इलाकों में जाकर विभिन्न प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर नमूनो की ऑन द स्पॉट जांच करेगी। जांच टीम में एक दंडाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर इसका नेतृत्व करेंगे। उनके साथ लैब के तकनीशियन भी मौजूद रहेंगे। खाद्य पदार्थों और मिठाइयों में खतरनाक रसायनिक तत्व मिले, तो दुकानों को सील कर दिया जाएगा। दुकान संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और मुकदमा चलाया जाएगा। छापेमारी अभियान किसी भी समय शुरू की जा सकती है।

पिछले साल तक दिवाली के एक-दो दिन पहले ही दुकानों से नमूने लिये जाते थे। रांची के नामकुम स्थित खाद्य पदार्थों की जांच के लिए बने लैब में कर्मचारियों के नहीं रहने से नमूनों को जांच के लिए कोलकाता या दूसरे शहर भेजा जाता था। जांच रिपोर्ट आने में विलंब होती थी। अब लैब में तकनीशियन और विशेषज्ञों नियुक्त कर दिए गए हैं। सरकार ने मोबाइल लैब भी उपलब्ध कराया है। अब मोबाइल लैब के साथ ही जांच टीम पहुंचेगी और नमूनों की तत्काल जांच करेगी।

दुर्गापूजा में चला था अभियान

दुर्गापूजा में भी कुछ इलाकों में जांच अभियान चला था। बिरसा चौक के एक होटल के रसगुल्ला में स्टॉर्च पाया गया था। टीम ने मैदा-अरारोट नहीं मिलाने की चेतावनी देते हुए रसगुल्ला की बिक्री पर रोक लगा दी थी। वहीं, एक दुकान में लड्‌डू में खतरनाक रंग पाया गया, इसे फेंकवा दिया गया था।

मिठाइयों के निर्माण और इस्तेमाल की अवधि बतानी होगी

एफएसएसएआई ने एक अक्तूबर से खुले में बिकनी वाली हर मिठाई की थाली के सामने बेस्ट बिफोर यूज्ड लिखना अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत मिठाई कब बनी और कब तक इसका सेवन किया जा सकता है, यह लिखना जरूरी है। लेकिन रांची के अधिकतर दुकानदारों को इसकी जानकारी नहीं है। फूड सेफ्टी टीम की जांच के दौरान यह मामला सामने आया है।

जुर्माना और चेतावनी देकर छोड़ देता है प्रशासन

रांची में मिलावट करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। सिर्फ चेतावनी और जुर्माना लेकर छोड़ दिया गया है। लेकिन इस बार प्रशासन ने सख्ती बरतने का दावा किया है। एसडीओ समीरा एस ने कहा कि अभियान नियमित चलेगा और मिलावटखोरों के खिलाफ सख्ती की जाएगी।

सिर्फ त्योहारों में ही सक्रिय होता है महकमा

शहर में खाद्य पदार्थों की जांच का अभियान सिर्फ त्योहारों पर ही चलता है। दुर्गापूजा और दिवाली के समय अभियान चलाकर औपचारिकता निभायी जाती है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि जांच नियमित होती है। एफएसएसएआई के नए नियम लागू होने के बाद से अभियान नियमित चलेगा। इसके लिए स्थायी टीम बनायी जाएगी। जिले में अब फूड सेफ्टी अफसर की नियुक्ति भी हो गई है। पहले प्रभार में रहने और पद रिक्त रहने के कारण नियमित अभियान नहीं चलता था।

हो सकती है उम्रकैद की सजा

खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को अब दो कानून के तहत सजा मिल सकती है। फूड सेफ्टी एंड सिक्योरिटी एक्ट 2006 के तहत खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद या दस लाख का जुर्माना या दोनों हो सकता है। प्रीवेंशन ऑफ फूड एडल्टरेशन एक्ट 1954 के तहत मिलावटखोरों को एक से छह साल तक की सजा और फाइन तथा दोनों दी जा सकती है।

कोट :

रिपोर्ट के आधार पर सभी दुकानों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आम लोगों के लिए खाद्य सामग्री तैयार करने में बरती गई लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नियमानुसार कार्रवाई होगी। औचक निरीक्षण अभियान समय-समय पर चलता रहेगा।

-समीरा एस, एसडीओ

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