Hindi NewsJharkhand NewsRanchi News70th Anniversary Seminar on Aerospace Technologies at BIT Mesra with DRDO Experts

शोधकर्ता अनुदान पर नहीं, शोध समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करें: डॉ एसके पांडेय

रांची में बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा (बीआईटी मेसरा) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 70वीं वर्षगांठ पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीFri, 29 Nov 2024 12:53 AM
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रांची, विशेष संवाददाता। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा (बीआईटी मेसरा) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से बीआईटी मेसरा में 70वीं वर्षगांठ पर, रक्षा क्षेत्र में एयरोस्पेस टेक्नोलॉजीज-एक अवलोकन विषय पर गुरुवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास और रक्षा क्षेत्र में इसके महत्व पर बात की गई। कार्यक्रम में एयरोस्पेस, रक्षा उद्योगों, शिक्षा जगत और वैज्ञानिक समुदाय के प्रमुख विशेषज्ञ एक साथ आए। डीआरडीओ और बीआईटी मेसरा के वरिष्ठ अधिकारियों ने छात्रों, शोधकर्ताओं को संबोधित किया, जिसमें एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान की गई। आयोजन बीआईटी मेसरा के अंतरिक्ष इंजीनियरिंग एवं रॉकेट्री विभाग की ओर से किया गया था। संगोष्ठी में डीआरडीओ में हुए विकास का पर बात की गई और संकाय सदस्यों के लिए वित्त पोषण के अवसरों पर भी चर्चा की गई। अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मान्ना ने की।

मुख्य वक्ता डॉ एसके पांडेय डीआरडीओ मुख्यालय/एआर एंड डीबी में एससी-एफ, ने एआर एंड डीबी के साथ अनुसंधान के अवसरों पर जानकारी दी। कहा कि एआर एंड डीबी शैक्षणिक संस्थानों को एक विस्तारित शाखा के रूप में मानते हैं। उन्होंने शोधकर्ताओं को अनुसंधान समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया, न कि अनुदान पर। बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना ने एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने बीआईटी की विभिन्न शैक्षणिक इकाइयों के बारे में बताया और डीआरडीओ की विशाल संख्या में प्रयोगशालाओं के बारे में भी चर्चा की।

सेवानिवृत्त डीआरडीओ वैज्ञानिक और एआरडीबी में सिस्टम और सिस्टम इंजीनियरिंग पैनल की वर्तमान अध्यक्ष डॉ रीना शर्मा ने विमान प्रणाली जैसे एवियोनिक, उड़ान नियंत्रण, उपयोगिता, सेंसर, संचार आदि से संबंधित अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने पर बात की। आईआईटी कानपुर के प्राध्यापक डॉ बिशाख भट्टाचार्य ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग परिप्रेक्ष्य से बुद्धिमान स्वायत्त प्रणालियों के भविष्य के डिजाइन पर बात की। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र की खोज पर जानकारी दी और छात्रों के लिए इसकी क्षमता पर बात की।

डॉ एके सिंह, डीएमएसआरडीई, कानपुर के वैज्ञानिक-एफ ने एयरोस्पेस अनुप्रयोगों में उन्नत पॉलिमर कंपोजिट के उपयोग पर चर्चा की। एलआरडीई, बेंगलुरु में एससी-एफ श्री अमनदीप गर्ग ने हवाई राडार पर अंतर्दृष्टि साझा की।

संगोष्ठी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा जगत और रक्षा अनुसंधान संगठनों के बीच सहयोग के महत्व पर बात की गई। बीआईटी मेसरा के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रियांक कुमार ने विभाग में चल रहे अनुसंधान और विकास परियोजनाओं पर बात की।

इस कार्यक्रम में छात्रों को वास्तविक दुनिया में रक्षा क्षेत्र की चुनौतियों के बारे में जानकारी दी गई। इसमें बड़ी संख्या में शोधार्थी और विद्यार्थी सम्मिलित हुए।

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