पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति से वंचित हो सकते हैं 55 हजार विद्यार्थी
कल्याण विभाग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया 15 अक्तूबर को खत्म हो जाएगी। इस बार अब तक 1.11 लाख छात्रों का ही आवेदन पूरा होने पर स्वीकार किया जा सका है। करीब 55 हजार से अधिक...
कल्याण विभाग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की प्रक्रिया 15 अक्तूबर को खत्म हो जाएगी। इस बार अब तक 1.11 लाख छात्रों का ही आवेदन पूरा होने पर स्वीकार किया जा सका है। करीब 55 हजार से अधिक छात्रों के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी नहीं हो पाई है।
बताया जा रहा है कि त्योहारों की छुट्टियों एवं अन्य कारणों से छात्रों को प्रमाण पत्र (जाति, आय, निवास आदि) बनवाने में समस्या आ रही है। इन प्रपत्रों को अपलोड किए बगैर छात्रवृत्ति आवेदन पूरा नहीं होगा। ऐसे में ये छात्र छात्रवृत्ति प्राप्त करने से चूक सकते हैं। दो दिन में 55 हजार छात्रों का प्रमाण पत्र अपलोड करना मुश्किल नजर आ रहा है। छात्रों ने कल्याण मंत्री से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। छात्रों का कहना है कि ऐसा नहीं होने पर वे छात्रवृत्ति से वंचित रह जाएंगे। उन विद्यार्थियों की पढ़ाई भी छूट जाएगी।
कल्याण विभाग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी श्रेणी के पोस्ट मैट्रिक छात्रों को अधिकतम 50 हजार रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करता है। यह राशि छात्रों को सीधे उनके आधार लिंक बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।
उल्लेखनीय है कि कल्याण मंत्री के निर्देश पर विभाग ने सितंबर माह में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन की समय सीमा एक महीने बढ़ा कर 15 अक्तूबर कर दी थी।
इस अवधि विस्तार के बावजूद आवेदन की संख्या बीते वर्ष से काफी कम है। बीते वर्ष पोस्ट मैट्रिक के लिए 2.44 लाख छात्रों को 2.15 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई थी। कल्याण विभाग ने बीते वर्ष के समान ही इस वर्ष भी छात्रवृत्ति का बजट 400 करोड़ रुपये रखा है। इस बार अब तक 1.11 लाख विद्यार्थियों का ही आवेदन पूरा हो सका है।
दो दिन में छात्रों को करना होगा प्रमाणपत्र अपलोड
’ ऑनलाइन आवेदन से पहले लॉग इन आईडी और पासवर्ड बनाते वक्त प्रमाणित व्यक्तिगत जानकारी ही दें
’ प्रथम वर्ष के बाद पाठ्यक्रम बदलने वाले छात्रों का आवेदन सॉफ्टवेयर अस्वीकार कर देता है
’ छात्र आवेदन की प्रक्रिया के सभी चरणों को पूरा करें, एक भी चरण अधूरा न छोड़ें
’ आय, जाति और आवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन ही नहीं बने होने चाहिए
’ अलग-अलग आईडी से आवेदन नहीं करें
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