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रिम्स में डॉक्टर नर्स समेत विभिन्न श्रेणी के 3566 पद खाली

कोरोना काल की बात छोड़ दी जाए तो रिम्स में अन्य दिनों में औसतन हर दिन 1600 से 1800 मरीज भर्ती रहते हैं। जबकि, 1500 बेड के हिसाब से ही देखा जाए तो रिम्स में डॉक्टर, नर्स से लेकर चतुर्थ वर्गीय श्रेणी...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीSat, 5 Sep 2020 03:03 AM
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कोरोना काल की बात छोड़ दी जाए तो रिम्स में अन्य दिनों में औसतन हर दिन 1600 से 1800 मरीज भर्ती रहते हैं। जबकि, 1500 बेड के हिसाब से ही देखा जाए तो रिम्स में डॉक्टर, नर्स से लेकर चतुर्थ वर्गीय श्रेणी तक के लगभग 3566 पद खाली हैं। सबसे बड़ी बात कि किसी भी अस्पताल की रीढ़ कही जाने वाली नर्सों के ही 2540 पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं। फैकल्टी के सबसे प्रारंभिक असिस्टेंअ प्रोफेसर के 65 और रेजीडेंट समेत डॉक्टरों के कुल लगभग 120 पद खाली हैं। रिम्स में 3004 नर्सों की जरूरत कार्यरत सिर्फ 464 नर्सेंएनआईसी मानदंड के अनुसार रिम्स में 1500 बेड के लिए कुल 3004 नर्सों की जरूरत है, जबकि कार्यरत महज 464 हैं। जिसमें 94 नर्सें अस्थाई रूप से रखी गई हैं। रिम्स में 1500 बेड के लिए आईएनसी (इंडियन नर्सिंग काउंसिल) के मानक के अनुसार ए ग्रेड की 2709, वार्ड सिस्टर (लाल बेल्ट) की 270, सहायक मात्रिका की 17, नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट की तीन और डिप्टी नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट के लिए पांच नर्सों की जरूरत है। ए ग्रेड में आईसीयू के लिए 608, डायलिसिस, कैथलैब व सीटीवीएस के लिए 250, ओटी के लिए 160, ओपीडी के लिए 26 और जनरल वार्ड के लिए 1665 नर्सों की जरूरत है। जबकि, रिम्स में पूर्व से स्वीकृत ए ग्रेड की 536 और वार्ड सिस्टर की 26 पदों के विरुद्ध ए ग्रेड में 370 और वार्ड सिस्टर के रूप में रिम्स से पास होने वाली 94 नर्सों को 10000 के मासिक मानदेय पर रखा गया है। तृतीय वर्ग में आधे पद खालीरिम्स में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की स्थिति भी अच्छी नहीं है। चतुर्थ श्रेणी के लिए स्वीकृत 596 पदों के विरुद्ध महज 131 कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अलावा इस वर्ष लगभग 65 पदों पर नियुक्ति की गई है। जिसमें अनियमितता की पुष्टि होने पर जांच की प्रक्रिया चल रही है। यानी चतुर्थ श्रेणी के 596 पदों में से 465 पद रिक्त पड़े हैं। तृतीय श्रेणी के कुल 208 पद सृजित हैं, जिसमें से 101 पद खाली पड़े हैं। इन पदों में भी सर्वाधिक पद ऐसे हैं, जो सीधे-सीधे मरीजों से जुड़े हैं। ओटी अटेंडेंट के लिए स्वीकृत 17 पदों में से 10 पद जहां खाली पड़े हैं, लैब टेक्नीशियन के लिए स्वीकृत 29 पद रिक्त हैं। जीबी के फैसले का नहीं हुआ पालनरिम्स की शासी परिषद की 16 नवंबर 2018 को हुई बैठक में फैसला लिया गया था कि रिम्स में अब आउटसोर्स एजेंसी के तहत कर्मी नहीं रखे जाएंगे। लेकिन आज तक इसका अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया जा सका। रिम्स में सिक्युरिटी, सफाई के साथ साथ मरीजों के भोजन की व्यवस्था भी पूरी तरह आउट सोर्स पर आधारित है। जबकि, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के 225 से अधिक कर्मी आउटसोर्स एजेंसी से नियम विरुद्ध लिए गए हैं।

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