Hindi NewsJharkhand NewsRanchi News30 of the candidates were absent in the first examination of JEE Main

जेईई मेन की पहली परीक्षा में 30 फीसदी परीक्षार्थी रहे अनुपस्थित

सुरक्षा के जरूरी उपाय के साथ जेईई मेन की परीक्षा शुरू रक्षा के जरूरी उपाय के साथ जेईई मेन की परीक्षा शुरू परीक्षार्थियों ने कहा, कोविड के डर से ज्यादा एक साल बर्बाद होने का खौफ...

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीTue, 1 Sep 2020 11:32 PM
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कोविड के खौफ के बीच जेईई मेन की परीक्षा एहतियात के साथ मंगलवार से राज्य में शुरू हुई। तुपुदाना स्थित इऑन सेंटर में दो शिफ्ट में परीक्षा हुई। पहले दिन बीआर्क (बैचलर इन आर्किटेक्ट) की परीक्षा हुई। इसमें लगभग 30 फीसदी से ज्यादा परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। परीक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दो शिफ्ट में 800 परीक्षार्थी को शामिल होना था। इनमें लगभग 250 से ज्यादा परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। हालांकि परीक्षा के बाद छात्र परीक्षा केद्रों की व्यवस्था से संतुष्ट दिखे। उन्होंने बताया कि कोरोना का खौफ जरूर है लेकिन उससे ज्यादा बड़ा खौफ करियर को लेकर था। वे पिछले दो साल से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। अगर ये एक साल बर्बाद हो जाता तो इसका काफी नुकसान होता।

दो घंटे पहले प्रवेश दिया गया :

परीक्षा केंद्रों में निर्धारित अवधि से दो घंटे पहले ही छात्रों को प्रवेश दिया गया। एडमिट कार्ड की रिपोर्टिंग टाइमिंग के मुताबिक छात्र केंद्र पहुंचते गए और उसी हिसाब से उन्हें प्रवेश मिलता गया। केंद्र में प्रवेश और निकास के दौरान इस बात का पूरा ख्याल रखा गया कि किसी भी तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन न हो। मुख्य द्वार में प्रवेश से पहले छात्रों का हैंड सेनेटाइज कराने के बाद स्क्रीनिंग की गई। मुख्य गेट पर ही परीक्षार्थियों के मास्क बदल दिए जा रहे थे। इतना ही नहीं प्रवेश से पहले छात्रों के एडमिट कार्ड को भी सेनेटाइज किया गया।

कोई रॉल शीट नहीं चिपकाया गया :

परीक्षा केंद्र पर इस बार किसी प्रकार का रॉल शीट नहीं लगाया गया था। लैब के बाहर लगे स्कैनर में एडमिट कार्ड दिखाने के बाद परीक्षार्थियों को लैब की जानकारी मिल रही थी। रांची के तुपुदाना स्थित ईऑन परीक्षा केंद्र में परीक्षा के बाद छात्रों ने बताया कि बैठने की जगह पर दो-दो सिस्टम का गैप था। सभी जगह सेनेटाइजेशन की बेहतर व्यवस्था थी। परीक्षा केंद्र के अंदर छात्रों को केवल एडमिट कार्ड और आई कार्ड ले जाने की अनुमति थी। इसके अलावा पानी की बोतल और सेनेटाइजर भी छात्र अपने साथ अंदर ले जा रहे थे।

अभिभावकों को 100 मीटर दूर रोका गया :

परीक्षार्थियों के साथ आये अभिभावकों को परीक्षा केंद्र से 100 मीटर दूर ही रोक दिया गया था। उन्हें केंद्र से बाहर सोशल डिस्टनसिंग के नियमों के पालन की हिदायत दी जा रही थी। परीक्षार्थियों को नियमों की जानकारी माइकिंग के माध्यम से दी जा रही है। इसमें एंट्री गेट के नंबर से लेकर सोशल डिस्टनसिंग के नियमों के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही क्या-क्या डॉक्यूमेंट साथ रखना है, इसके बारे में भी बताया जा रहा है।

डर तो है पर भविष्य जरूरी :

रांची के परीक्षा केंद्र पर आधे से ज्यादा छात्र रांची के ही थे। 20-25 फीसदी छात्र लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा आदि शहरों से भी आए थे। उनसे कोरोना महामारी में एग्जाम कंडक्ट कराने के बारे में पूछा गया, तो ज्यादातर छात्रों का कहना था कि डर तो लग रहा है, पर भविष्य सुरक्षित करने के लिए यह एग्जाम देना जरूरी है। अभिभावकों ने भी बताया कि अगर परीक्षा नहीं होती तो एक साल बेकार हो जाता। इसका छात्रों पर अधिक दबाव पड़ता। परीक्षा हो जाना सही रहा। जो जरूरी था वो सुरक्षा के उपाय थे जिसकी बेहतर व्यवस्था की गई है।

भाजपा युवा मोर्चा ने लगाया हेल्प डेस्क :

छात्रों की सुविधा के लिए परीक्षा केंद्र के बाहर भाजयुमो की ओर से हेल्प डेस्क लगाया था। यहां पार्टी के केके गुप्ता ने बताया कि छात्रों को परेशानी होने पर परीक्षा केंद्रों पर लाने की व्यवस्था के साथ अभिभावकों के बैठने की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा यहां विद्यार्थियों के लिए मास्क और नास्ते का भी इंतजाम था। परीक्षा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से यहां परीक्षार्थियों से पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की चित्र पर पुष्प भी अर्पित कराया जा रहा था।

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