हटिया इलाके में एक किमी तक क्षतिग्रस्त हुआ 11 केवी लटमा फीडर
एलपीजी गैस पाइप लाइन के चक्कर में गुल हो रही है बिजली, गैस पाइप लाइन के लिए मशीन से की जा रही खुदाई में पहले से बिछे इलेक्ट्रिक केबुल क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इस वजह से बिजली की आपूर्ति में व्यवधान आ...
राजधानी में एलपीजी गैस पाइप लाइन और पीवीसी पाइप बिछाने के चक्कर में घंटों बिजली गुल हो रही है। डोरंडा विद्यूत आपूर्ति प्रमंडल क्षेत्र के सिंह मोड से आजाद चौक तक इसी वजह से 11 केवी लटमा फीडर का भूमिगत इलेक्ट्रिक केबुल करीब एक किमी तक क्षतिग्रस्त हो गया। जिस वजह से संबंधित फीडर से जुड़े इलाके में घंटों तक बिजली गुल रही। उर्जा आपूर्ति निगम की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था में खुले तार से कनेक्शन जोड़ कर संबंधित फीडर को फिलवक्त चालू रखा गया है। इसी तरह हटिया एनसिलरी और बसारगढ़ इलाके में मशीन से पीवीसी पाइप बिछाने के क्रम में अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिक केबुल क्षतिग्रस्त हो रहा है। डोरंडा के कुसई इलाके में 33 केवी कुसई फीडर के भूमिगत केबुल के भी इसी वजह से ब्रेक डाउन होने की संभावना बनी हुई है।
पाइप लगाने में क्षतिग्रस्त हो रहा है केबुल :
हटिया इलाके में अभी एलपीजी गैस पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इस काम में एचडीडी मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। इससे पहले जमीन के अंदर लंबाई में मिट्टी हटायी जाती है। इसके बाद दो फीट व्यास का छेद कर गैस पाइप लाइन डाला जा रहा है। मशीन से खुदाई जमीन के अंदर चार मीटर से नीचे तक किया जा रहा है। जहां पहले से इलेक्ट्रिक केबुल बिछाया हुआ है। मशीन से ड्रिलिंग होने के साथ ही पहले से बिछे केबुल क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। जिस वजह से पिछले दो माह से कई स्थान पर केबुल कट गया। इस कारण लोगों को घंटों तक बिजली नहीं मिली। ऐसी स्थिति हर दिन बन रही है।
क्षतिग्रस्त केबुल दुरूस्त करना आसान नहीं :
ऊर्जा आपूर्ति निगम के सामने समस्या अब यह है कि जो भूमिगत केबुल क्षतिगस्त हो रहे हैं। उसे तत्काल दुरूस्त करना संभव नहीं है। पूर्व में ठेका कंपनी की ओर से विशेष मशीन से सुरक्षा कारणों से भूमिगत केबुल लगाए गए थे। अब वैसे स्थान पर ओपेन स्पेश में इलेक्ट्रिक वायर से कनेक्शन जोड़ा जा रहा है। इससे आमजन की सुरक्षा समेत निर्बाध बिजली की आपूर्ति में व्यवधान आ रहा है। इलाके में बिजली की आपूर्ति को लेकर पहले वाली स्थिति फिर से बन गयी है। केबुल के क्षतिग्रस्त होने के मामले में संबंधित क्षेत्र के थाना में ठेका कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है।
विभाग में समन्वय की कमी से बढ़ी परेशानी :
राजधानी में विकास कार्य में भूमिगत केबुल, पाइप और फाइवर ऑप्टिकल बिछाने के लिए समन्वय समिति बनायी गयी थी। यह तय हुआ था कि इस तरह का कोई भी काम शुरू करने के पहले नगर निगम, पीएचइडी, दूरसंचार और बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर संबंधित इलाके के संबंध में जानकारी हासिल करना था कि वहां से किस छोर से और कितनी गहराई पर फाइबर ऑप्टिकल, सप्लाइ पाइप लाइन और इलेक्ट्रिक केबुल पहले से बिछाया गया है। इसके बचाव के लिए हर संभव प्रयास का मसौदा तय हुआ था ताकि संबंधित विभाग की ओर से निर्बाध सेवा जारी रह सके। फोटो: रूपेश कुमार
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