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दीवारें फटीं,झड़ रही छतें;रांची के RIMS अस्पताल में हर पल खतरे के साये में मरीज

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में फटीं दीवारों और झड़ रही छतों के नीचे लोगों के हो रहे उपचार के समय कोई हादसा हुआ तो मरीजों की जान सांसत में पड़ जाएगी। ऐसा इसलिए कि दो दिन पहले (शनिवार को) ही जमशेदपुर के एमजीएम में छत के गिरने से तीन मरीजों की मौत हो गई और दो घायल हो गए थे।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, रांचीMon, 5 May 2025 09:48 AM
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दीवारें फटीं,झड़ रही छतें;रांची के RIMS अस्पताल में हर पल खतरे के साये में मरीज

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में फटीं दीवारों और झड़ रही छतों के नीचे लोगों के हो रहे उपचार के समय कोई हादसा हुआ तो मरीजों की जान सांसत में पड़ जाएगी। ऐसा इसलिए कि दो दिन पहले (शनिवार को) ही जमशेदपुर के एमजीएम में छत के गिरने से तीन मरीजों की मौत हो गई और दो घायल हो गए थे। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने रविवार को रिम्स की पड़ताल की तो दृश्य सिहरा देने वाला दिखा।

रिम्स के पुराने भवन में भर्ती मरीजों को बेड के ऊपर दीवारों में इतनी बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं। ये कभी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। सिपेज के चलते दीवारों का रंग तक उतर चुका है। बाथरूम के जर्जर हाल और हर माले के गिरते दरकते और झूल रहे छज्जे यहां आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। रिम्स की पुरानी बिल्डिंग के चारो फ्लोर की दीवारों के अधिकतर कोने जर्जर हो चुके हैं। मेंटेनेंस नहीं होने के चलते सिपेज भी होता है। छज्जे हर दिन टूट-टूटकर गिर रहे हैं। इसके बाद भी रिम्स प्रबंधन इसे लेकर लेकर गंभीर नहीं दिख रहा।

छज्जों के नीचे मरीजों के परिजन सुखाते हैं कपड़े

रिम्स की पुरानी बिल्डिंग के छज्जे आए दिन टूटकर गिर रहे हैं। चिंता इस बात की है कि यहां हर दिन मरीजों के परिजन कपड़े धोकर सुखाते हैं। नहाने के बाद इसके आसपास में टहलते भी हैं। मरीजों को भी इन इलाकों में जाने से रोका नहीं जा रहा है। यदि एमजीएम जैसी घटना रिम्स में हुई तो कई मरीजों की जान सकते में आ सकती है।

ऑर्थो वार्ड में टपकता रहता है पानी

चार तल के इस भवन का हाल सबसे खराब ग्राउंड फ्लोर पर है। ग्राउंड फ्लोर में मौजूद ऑर्थो विभाग में लगातार सिपेज रहता है। हर वार्ड में पानी टपकता है। बारिश के मौसम में तो यहां हालात दयनीय हो जाते हैं। पानी टपकने से कई बार यहां भर्ती मरीजों को कई तरह की परेशानी होती है।

ब्लड बैंक के पास कभी भी गिर सकता है छज्जा

रिम्स के पुराने भवन में प्रवेश करते ही ब्लड बैंक के पास के छज्जों के कभी भी गिरने से बड़ा हादसा हो सकता है। यहां गार्ड भी तैनात रहते हैं और हर मिनट में 50 से अधिक लोगों की आवाजाही होती रहती है। कई बार मरीजों को ट्रॉली में लेकर भी परिजन इसी ओर से जाते हैं। ब्लड के लिए पहुंचने वाले मरीजों के परिजन भी यहां लगातार एकत्र रहते हैं।

जर्जर सीढ़ियों से आए दिन लोग होते हैं चोटिल

● रिम्स के हर फ्लोर पर जाने के लिए बनी सीढ़ियां भी जर्जर हो चुकी हैं।

● ये कब धंस जाएंगी कहा नहीं जा सकता। इनमें दरारें आ चुकी हैं।

● रेलिंग भी टूट रही हैं। बाहर निकली रॉड से आए दिन मरीज या उनके परिजन इससे चोटिल भी हो रहे हैं।

● महिलाओं की साड़ियां व यवतियों के दुप्पटे भी कई बार फंस जाते हैं।

● रिम्स में छज्जों को दुरुस्त नहीं किया गया तो हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।

● ग्राउंड फ्लोर के ऑर्थो वार्ड में लगातार मरम्मत के बाद भी पानी का टपकना नहीं हो रहा बंद।

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