बोले हजारीबाग : हद है! करोड़ों खर्च कर दिए, नहीं बना स्वीमिंग पूल, तैराक परेशान
हजारीबाग में मौलाना अब्दुल कलाम इंडोर स्टेडियम में स्विमिंग पूल का निर्माण 2008 से अधूरा है। एक करोड़ की लागत से बना यह पूल अब झाड़ियों और गंदगी से भरा है। तैराकों को उचित संसाधनों की कमी का सामना...

करोड़ों की लागत से मौलाना अब्दुल कलाम इंडोर स्टेडियम में स्विमिंग पुल का निर्माण कराया गया था। मगर यह अभी तक अद्धनिर्मित है। स्विमिंग पूल के निर्माण के लिए लगभग एक करोड़ का बजट रखा गया था, लेकिन अभी तक केवल आधा काम ही पूरा हुआ है। तैराकी कोच ने बताया कि उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया है, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह शहर के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा होगी। स्विमिंग पूल नहीं होने से खिलाड़ियों को अभ्यास करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हजारीबाग। मौलाना अब्दुल कलाम इंडोर स्टेडियम का स्विमिंग पूल देखरेख के अभाव में यह झाड़ियों और कचरे से भर गया है और उपयोग में नहीं आ पा रहा है। तैराकी संघ ने कई बार जिला प्रशासन और सरकार से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हजारीबाग से कई गया है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल तैराकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शहर के लिए भी एक महत्वपूर्ण सुविधा होगी।
जिला प्रशासन, डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स कमेटी, हजारीबाग और एनटीपीसी के बीच 13 नवंबर 2017 को एक एमओयू हुआ था। इस समझौते के तहत, एनटीपीसी को अर्द्धनिर्मित स्विमिंग पुल का काम पूरा करना था, लेकिन अब तक यह काम पूरा नहीं हुआ है। यह परियोजना शहर के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा होगी, लेकिन इसके अधूरे रहने से लोगों को निराशा हो रही है। तैराकी संघ ने कई बार जिला प्रशासन और सरकार से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह सवाल उठता है कि इतनी बड़ी राशि के बावजूद यह परियोजना पूरी क्यों नहीं हुई।
हजारीबाग में तैराकों को उचित संसाधन नहीं मिलने के कारण वे राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं में भाग लेने से वंचित रह जाते हैं। स्टेडियम परिसर के अंदर बने स्विमिंग पुल की हालत जर्जर हो गई है, जो तैराकों के लिए एक बड़ी समस्या है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए आवश्यक है कि जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारी तैराकों के लिए उचित संसाधन प्रदान करें और स्विमिंग पूल की मरम्मत करें। इससे तैराकों को राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा और वे अपनी प्रतिभा को दिखा सकेंगे। इसके अलावा, यह भी आवश्यक है कि तैराकी संघ और अन्य संबंधित संगठन तैराकों के लिए उचित प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान करें। इससे तैराकों को अपनी प्रतिभा को विकसित करने का अवसर मिलेगा और वे राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए तैयार हो सकेंगे। स्विमिंग पूल की हालत बहुत खराब हो गई है।
पूल के आसपास झाड़ और बड़े-बड़े लिपटस के पेड़ उग आए हैं, जो पुल की सुंदरता को खराब कर रहे हैं। दो चेंजिंग रूम बनाए गए थे, एक लड़कों के लिए और एक लड़कियों के लिए, लेकिन दोनों में झाड़ उग आया है। झाड़ियों के उगने के कारण अंदर जाना मुश्किल हो गया है। यह समय है कि जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारी इस स्टेडियम की देखरेख करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और इसे फिर से खिलाड़ियों के लिए उपयुक्त बनाएं।
हजारीबाग के लगभग 25 लड़के स्टेट तक पहुंच गए हैं और 12 बच्चे नेशनल तक गए हैं। यह उपलब्धि हजारीबाग के युवा तैराकों की मेहनत और लगन को दर्शाती है।लेकिन इस उपलब्धि के बावजूद, हजारीबाग में स्विमिंग पुल की सुविधा अभी भी नहीं है। स्विमिंग पूल के निर्माण के साथ चारों ओर की चार दिवारी का भी निर्माण होना आवश्यक है। इससे तैराकों को प्रशिक्षण लेने के लिए एक अच्छी सुविधा मिलेगी और वे अपनी प्रतिभा को विकसित कर सकेंगे। इसके अलावा, स्टेडियम के अंदर स्ट्रीट लाइट की कमी है, जिसे पूरा करना आवश्यक है। इससे तैराकों को रात में प्रशिक्षण लेने में आसानी होगी और वे अपनी प्रतिभा को विकसित कर सकेंगे।
हजारीबाग के युवा तैराकों की उपलब्धियां एक नई उम्मीद को दर्शाती हैं। अगर उन्हें अच्छी सुविधाएं मिलेंगी, तो वे अपनी प्रतिभा को विकसित कर सकेंगे और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगे। स्विमिंग पुल के अर्ध-निर्माण को पूरा करना और यहां उगे लिप्टिस के पेड़ व झाड़ियों की सफाई करना आवश्यक है। इसके साथ ही, स्ट्रीट लाइट और स्टेडियम का नवनिर्माण भी आवश्यक है, जिससे हजारीबाग के युवा तैराक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल ला सकें। इसके लिए जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को मिलकर काम करना होगा। पुल के निर्माण और स्टेडियम के नवनिर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे, जिससे हजारीबाग के युवा तैराकों को एक अच्छी सुविधा मिल सके।
2008 से मरम्मत की बाट जोह रहा है स्विमिंग पूल
मौलाना अब्दुल कलाम आजाद इंडोर स्टेडियम परिसर के अंदर बने स्विमिंग पूल की हालत जर्जर हो गई है। हालांकि मिनी ओलंपिक के लायक या स्विमिंग पूल 25 मीटर की लंबाई और 10 मीटर की चौड़ाई के साथ है। लेकिन बिना मरम्मत के या स्विमिंग पूल कोई काम का नहीं है। स्थानीय खिलाड़ियों ने बताया कि जब से यह स्विमिंग पूल बना है 2008 से यह इसी स्थिति में है। इस स्विमिंग पूल में सीख कर आज तक एक भी खिलाड़ी ने नेशनल तक नहीं पहुंचा है और ना ही स्टेट लेवल खेला है। यहां के स्विमिंग कोच बताते हैं कि उन्होंने झील में तैराकी सीखकर खिलाड़ियों को स्टेट लेवल चैंपियनशिप बनाया है और नेशनल तक पहुंचा है। वहीं चेंजिंग रूम भी जर्जर अवस्था में है। बिना मरम्मत का यह चेंजिंग रूम भी किसी काम के लायक नहीं है। 2008 से यश चेंजिंग रूम बना हुआ है जो इतने सालों से बेकार पड़ा हुआ है।
गंदगी का लगा है अंबार
मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के इंडोर स्टेडियम में स्विमिंग पूल तक जाने के लिए जो रास्ता बना हुआ है उसमें बहुत गंदगी हैं। यहां का हालत देखकर लगता है कि दशकों से यहां की सफाई नहीं की गई है। सरकार को सफाई के साथ-साथ यहां के सुंदरता और इंडोर गेम पर खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दे। ताकि सभी खिलाड़ी अपने गेम को सुधार सके और ओलंपिक में हजारीबाग का नाम रोशन कर सके।
मैंने यहां की स्थिति का अवलोकन किया है। इसके सुधार के लिए संबधित अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा। तैराकों की प्रतिभाओं को उभारने के लिए एक स्विमिंग की पूल की आवश्यकता है। हजारीबाग में स्विमिंग पुल निर्माण तैराकों व संबंधित खेल संगठनो को जरूरत है जिससे तैराकों को उचित प्रशिक्षण और सुविधाएं दी जा सके। मैं इसके लिए कोशिश कर रहा हूं। तैराकों को उचित संसाधन उपलब्ध करवाना प्राथमिकता रहेगी।
-प्रदीप प्रसाद, सदर विधायक, हजारीबाग
हजारीबाग जिले में तैराकों के लिए स्विमिंग पूल के निर्माण की आवश्यकता है। पूर्व में लगभग लाखों की लागत से मौलाना आजाद इंडोर स्टेडियम में स्विमिंग पूल का निर्माण किया गया था, जो अभी तक अधूरा है। इसके निर्माण लिए पूर्व में तैराकी संघ की ओर से जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार को कई बार लिखित तौर पर निवेदन किया गया लेकिन अब तक हजारीबाग में स्विमिंग पूल का निर्माण नहीं हो पाया है।
-प्रहलाद सिंह, सचिव, तैराकी संघ, हजारीबाग
स्विमिंग पूल का निर्माण लगभग एक करोड़ की लागत से किया गया था, लेकिन यह परियोजना अभी तक अर्ध निर्मित है। यह परियोजना शहर के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा होगी, लेकिन इसके अधूरे रहने से लोगों को निराशा हो रही है। स्विमिंग पुल का निर्माण जल्द से करना आवश्यक है। -मन्नू राणा
देखरेख के अभाव में झाड़ियों का उगना स्टेडियम के लिए एक बड़ी चुनौती है। यह न केवल पूल की सुंदरता को खराब कर रहा है, बल्कि यह के अधूरे निर्माण को दर्शाता है कि किसी भी अधिकारी का ध्यान इधर नहीं है और यहां बड़े पेड़ और झाड़ियां उग आए हैं। इसे हटाने की जरूरत है। -रितिक यादव
स्टेडियम के अंदर स्ट्रीट लाइट की कमी है, स्ट्रीट लाइट खराब है इसकी मरम्मत आवश्यक है। स्टेडियम के अंदर रोशनी ना होने से कुछ का असामाजिक तत्व या नशेड़ियों का अंदर आना आसान हो जाता है। स्टेडियम के पुनर्निर्माण में स्ट्रीट लाइट को पूरा करना एक बड़ा काम है। -डब्लू गोप
चेंजिंग रूम की हालत एकदम से खराब हो गई है। स्विमिंग पूल के पास बने चेंजिंग रूम की हालत बहुत खराब है। झाड़ियों शेखपुरा चेंजिंग रूम भरा है। स्विमिंग पूल के निर्माण के साथ यहां तो चेंजिंग रूम बनाए गए थे। इसके अलावा दोनों कमर की हालत खंडहर जैसी हो गई है। -रोशन कुमार
तैराकों को उचित संसाधनों की कमी है उनमें से सबसे बड़ी कमी स्विमिंग पूल की है। हजारीबाग में तैराकों को उचित संसाधनों की कमी है। उन्हें प्रशिक्षण लेने के लिए अच्छी सुविधाएं नहीं मिलती हैं, जो उनके प्रदर्शन को प्रभावित करती हैं। हजारीबाग से भी कई लड़के नेशनल व स्टेट तब की तैराकी कर चुके हैं। -रितिक राणा
स्विमिंग पूल की मरम्मत की आवश्यकता है। पूल की दीवारें और तल खराब हो गए हैं, जो तैराकों के लिए एक बड़ी समस्या है। हजारीबाग में एक अदद स्विमिंग पूल का निर्माण को अनदेखा इस कदर किया गया है कि यहां बड़े लिपटस के पेड़ और झाड़ियों का अम्बर लग गया है। -अभिषेक राणा
प्रशिक्षण के लिए उचित उपकरणों की कमी तैराकों के लिए एक बड़ी समस्या है। इसके अलवा यहां हजारीबाग में तैराकों को प्रशिक्षण के लिए उचित उपकरणों की कमी है। उन्हें प्रशिक्षण लेने के लिए आवश्यक उपकरण नहीं मिलते हैं, जो उनके प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं। -काशिफ अली
स्टेडियम के अंदर स्वच्छता की कमी के कारण झाड़ियां उगती जा रही है। कचरे और झाड़ियों का उगना स्टेडियम को गंदा बनाता है। स्टेडियम की सफाई के उपाय आवश्यक है। स्टेडियम के अंदर की सफाई एक बड़े पैमाने पर की जानी चाहिए। साफ सुथरा स्टेडियम को नवनिर्माण करना आसान होगा। -अरनव
हजारीबाग में तैराकी की तैयारी करने वालों के लिए हजारीबाग झील एक मात्र एक सहारा है। लेकिन झील में तैराकी करना कहीं से स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। झील का पानी स्वच्छ नहीं है इससे तैराकों को एलर्जी हो सकती है। इसके लिए स्विमिंग पूल का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए। -अनिल राणा
ंइनडोर स्टेडियम स्विमिंग पुल की चार तिवारी टूटी हुई है। इसका निर्माण आवश्यक है। सबसे बड़ी बात इस जगह स्विमिंग पूल में बाहरी लोग व पशु अंदर अजाने से स्विम्िंंाग पुल में गिरने से उनकी जान जोखिम में पड़ सकती है। स्विमिंग पूल की सफाई के साथ चार तिवारी की मरम्मत आवश्यक है। -दीप ज्योति
स्वमिंग पूल के निर्माण में देरी होना एक बड़ी समस्या है। यह परियोजना शहर के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा होगी। इसके अलावा हर बार निर्माण की मांग करने पर आश्वासन के कुछ भी नहीं मिलता। यहां जन्म प्रतिनिधियों का दौरा भी होता है लेकिन निर्माण कार्य आज तक नहीं हो पाया। -सोबिर पाल
स्विमिंग पूल के आसपास लिप्टिस के पेड़ उगना उचित नहीं है। इसके अलावा यहां पर लिप्टिस के पेड़ बहुत ज्यादा पानी खींचते हैं, जिससे स्विमिंग पूल के जल स्रोत में तेजी से गिरावट आ जाएगी। अन्य पौधे लगाने से स्विमिंग पूल के आसपास का वातावरण स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सकता है। -आशीष राणा
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