सात समुंदर पार से पतरातू डैम की शोभा बढ़ाने पहुंचे विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षी
पतरातू डैम में विदेशी साइबेरियन पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। ये पक्षी नवंबर से फरवरी तक डैम में रहकर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करते हैं। इनकी मौजूदगी से डैम की सुंदरता बढ़ जाती है। झारखंड सरकार ने...
पतरातू। पतरातू डैम में सात समुंदर पार से विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षी डैम की शोभा बढ़ाने के लिए पहुंचने लगे हैं। अभी डैम में कुछ ही पक्षी पहुंचे हैं। सर्दी शुरु होते ही इन विदेशी मेहमानों का पतरातू डैम में पहुंचने का तांता लग जाता है। वे यहां पर पहुंच कर लगभग तीन माह तक अठखेलियां शुरु कर देते हैं। जो पर्यटक और सैलानियों को अपनी ओर काफी आकर्षित करते हैं। यह साइबेरियन पक्षी माह नवंबर से लेकर फरवरी माह तक डैम में पहले से मौजूद लाल सोर देशी पक्षी और पनडूबी नामक पक्षियों के साथ घुलमिल जाते हैं। कुछ सैलानी तो इन्हें खाने का लालच देकर अपने नाव किनारे बुलाते हैं और पक्षियों का लुत्फ उठाते हैं। इन विदेशी मेहमान साइबेरियन पक्षियों के यहां आने से डैम की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। रामगढ़ जिला में स्थित पतरातू डैम और लेक रिसॉर्ट पूरे विश्व में अपनी प्राकृतिक सौंद्रर्य के लिए विख्यात है। जी-20 समिट के दौरान यहां पर दर्जनों देश के विदेशी मेहमान पहुंचे थे। उन्होंने भी इसके मनोरम दृश्य को देख कर पुलकित हुए थे। दूसरी ओर डैम में प्राय: एलबम और फिल्मों की शूटिंग होते रहती है। इसी कारण झारखंड़ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां करोड़ों रुपए की लागत से पतरातू लेक रिसॉर्ट का निर्माण कराई है। विदेशी साइबेरियन पक्षी के आते ही डैम की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं। इन पक्षियों के आते ही डैम का सौंदर्य और भी बढ़ जाता है। पतरातू डैम में आने वाले सैलानियों ने बताया कि डैम की सुंदरता यहां आने वाले प्रवासी पक्षी के कारण बढ़ जाती है। सरकार को डैम और विदेशी पक्षी जो यहां आते हैं उनके संरक्षण के आवश्यक कदम उठाने चाहिए। इसके साथ-साथ यहां पर मौजूद मछली केज भी डैम की सुंदरता बढ़ाती हैं। दूसरी ओर अब पलानी झरना का भी कुछ हद तक सुंदरीकरण किया गया है। यहां पर भी वर्षाकाल से ही पर्यटकों का आना-जाना हो रहा है।
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