सर्द हवाओं से सहमे गरीब, प्रशासन मौन, परेशानी बढ़ी
गोला क्षेत्र में कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। गरीब लोग फटे कपड़ों में अपने आशियाने में कैद हैं। घने कोहरे के चलते उनकी समस्याएँ और बढ़ गई हैं। सरकारी मदद की कोई योजना नहीं है, जिससे...
गोला। गोला क्षेत्र में कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। सर्द हवाओं ने गरीबों का जीना मुहाल कर दिया है। फटे पुराने कपड़े में लिपटे गरीब दिन भर अपनी आशियाने में ही दुबके रहने को विवश हैं। कोहरे के कारण मंगलवार की सुबह आठ बजे तक आसमान में धुंध का आलम रहा। कोहरे ने पूरे वातावरण को अपने आगोश में ले लिया, जो समय बीतने के साथ कम होता चला गया। सूरज की एक झलक पाने के लिए लोग दिन भर तरसते रहे। घने कोहरे के कारण सुबह के समय एनएच-23 में चलने वाली गाड़ियां भी लाईट जला कर गुजर रही थी। बंदा बाजारटांड़ में बसे मल्हारों और साड़म पंचायत के मसरीडीह के बिरहोरों की जिन्दगियां उनके घासफुस की झोपड़ियों में ही कैद हो कर रह गई है। उनकी बेबसी पर न सरकार का ध्यान है और न ही किसी स्वयं सेवी संस्थाएं ही इनकी समस्या के प्रति गंभीर है। आर्थिक तंगी से ये जनजाति वर्ग के लोग घासफुस टूटे फटे झोपड़ियों में फटे पुराने कपड़ों में जीवन का सफर तय करने को विवश हैं। ठंड ने सबसे अधिक मासूम बच्चों को परेशान किया है। सरकारी और स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से अब तक गर्म वस्त्रों का वितरण की तैयारी नहीं की गई है। गरीब असहाय गर्म वस्त्र की आस हमेशा की तरह लगाए हैं। प्रशासन की उदासीनता से असहायों में निराशा है। सीओ समरेश प्रसाद भंडारी ने बताया कि जिला से कंबल का आवंटन नहीं मिला है, मिलते ही वितरण किया जाएगा।
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