Hindi Newsझारखंड न्यूज़रामगढ़Ro n l la Choudhary Elected to Badkagaon Assembly Ending 15-Year Political Exile

पिछले 15 साल से बड़कागांव से भाग्य आजमा रहे हैं रोशनलाल चौधरी

चुनाव : भाजपा में आने के बाद खत्म हुआ रोशनलाल चौधरी का 15 साल का वनवास, तीन बार आजसू से लड़ चुके हैं चुनाव, चौथी बार भाजपा का दामन थामने के बाद नैया ल

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Sat, 23 Nov 2024 09:27 PM
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रामगढ़, योगेंद्र कुमार सिन्हा। 2024 में बड़कागांव विधानसभा से रोशनलाल चौधरी पहली बार विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं। इस निर्वाचन के साथ उनका 15 साल का वनवास भाजपा में आने के बाद टूट गया। इस चुनाव में भारी अंतर से वे विधानसभा की निर्वमान विधायक अंबा प्रसाद को शिकस्त देने में सफल हुए हैं। झारखंड विधानसभा में तो रोशनलाल चौधरी नया चेहरा जरूर होगा, लेकिन बड़कागांव में पिछले करीब दो दशक से वे इस मुकाम को पाने के लिए हाड़-तोड़ मेहनत कर रहे थे। बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत तो वे करीब वर्ष 2005 से ही शुरू कर दिए थे, लेकिन उन्हें पहली बार 2009 में इस विधानसभा से चुनाव लड़ने के बाद पहचान मिली। 2009 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे। तब यहां भाजपा और कांग्रेस का बोलबाला था। 2009 के बाद वे 2014 और 2019 में भी दो बार चुनाव लड़े। एक चुनाव में तो वे महज 411 वोट से कांग्रेस नेत्री सह निवर्तमान विधायक अंबा प्रसाद की मां निर्मला देवी से हा गए थे। वहीं 2019 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस नेत्री अंबा प्रसाद के हाथों उन्हें शिकस्त मिली। 2024 के अक्टूबर माह तक वे आजसू पार्टी के नेता के रूप में बड़कागांव क्षेत्र में जाने और पहचाने जाते रहे। 2024 में चुनाव की घोषणा होते हुए अचानक वे आजसू को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिए। बड़कागांव सीट भाजपा के खाते में जाने की चर्चा के बीच उन्होंने यह कदम उठाया। आखिरकार भाजपा में जाने के बाद उनहा 15 साल को राजनीतिक वनवास समाप्त हुआ। लड़ते-गिरते फिर लड़ते हुए वे इस चुनाव में बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं।

अपने जीत की खुशी के बीच चूभता रहा सुनीता चौधरी के हार का गम

पहली बार चुनाव जीत कर आने वाले रोशनलाल चौधरी के लिए यह उनके जीवन का सबसे बड़ा दिन था। इस खुशी के बीच उन्हें रामगढ़ विधानसभा चुनाव में एनडीए के घटक दल के रूप में आजसू से चुनाव लड़ रही उनके भाई चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी के हार का गम भी सालता रहा। मतगणना परिसर में उनके चेहरे पर जीत और हार का मिश्रित रूप साफ दिखाई पड़ रहा था। अंतिम समय तक वे बड़कागांव के साथ रामगढ़ विधानसभा चुनाव को परिणाम जानने का व्याकुल दिखाई दिए।

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