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मुक्तिधाम विद्युत शवदाह गृह की जांच होने पर होगा अहम खुलासा, विभागीय लापरवाही के कारण 1.32 करोड़ की योजना फ्लॉप, ऑफिसर योजना बनाते समय नहीं रखते हैं बुनियादी सुविधाओं का ध्यान

शहर प्रतिनिधि मुक्तिधाम विद्युत शवदाह गृह की जांच होने पर होगा अहम खुलासा, विभागीय लापरवाही के कारण 1.32 करोड़ की

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Sat, 18 Jan 2025 04:03 AM
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रामगढ़ । शहर प्रतिनिधि डीएमएफटी योजना से थाना चौक मुक्तिधाम में 1 करोड़ 32 लाख 13 हजार रुपए की लागत से तीन वर्ष पहले बना विद्युत शवदाह गृह का निर्माण सवालों के घेरे में खड़ा हो गया है। बतौर कार्यकारी एजेंसी के रुप में नामित ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की लापरवाही का खामियाजा पूरा शहर भुगत रहा है। योजना के तहत ठहरने की व्यवस्था, वाटर सप्लाई, लाईट, प्रदूषण रोकने के यंत्र, सबस्टेशन, ट्रांसफार्मर आदि लगाए जाने थे। हिन्दुस्तान अखबार के प्रतिनिधि ने शुक्रवार को योजना स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान नल टूटी पड़ी दिखी। साथ ही कई दरवाजा भी खुला दिखा। इससे योजना के तहत क्या - क्या उपकरण लगाए गए थे और क्या गायब हुआ। इस पर सवाल उठ रहा है। काम रांची के एसए कंस्ट्रक्शन के शमशुल को मिला था। जिनके द्वारा योजना का क्रियान्वयन हुआ।

--योजना बनाते समय हुई बड़ी लापरवाही

डीएमएफटी मद से थाना चौक स्थित मुक्तिधाम में निर्मित विद्युत शवदाह गृह का डीपीआर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के द्वारा तैयार हुआ। उस समय में ही विभाग के द्वारा बड़ी लापरवाही हुई। जेनरेटर रखने का उपयुक्त व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा गया। इसके संचालन की प्रक्रिया और जिम्मेवारी तय नहीं की गई है। विभाग की इस बड़ी लापरवाही के कारण विद्युत शवदाह गृह का हैंड ओवर नहीं हो सका है। परिणाम स्वरुप योजना चालू होने से पहले ही धराशायी दिख रही है। धरातल पर विद्युत शवदाह गृह का लाभ किसी को नहीं मिला। केवल योजना क्रियान्वयन और राशि निकासी की बात सामने आ रही है।

--जांच के क्रम होगा अहम खुलासा

थाना चौक स्थित विद्युत शवदाह गृह निर्माण की जांच के क्रम में कई अहम खुलासे हो सकते हैं। क्योंकि योजना बनाने से लेकर क्रियान्वयन की प्रक्रिया में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। अब तक संवेदक को काम के एवज में कितना भुगतान हुआ। विद्युत शवदाह गृह में लगे उपकरणों की सुरक्षा किसके जिम्मे थी। यदि समान गायब हैं तो इसकी जवाबदेही किसकी है। सूचना थाना में दी गई अथवा नहीं सभी बिन्दु की जांच आवश्यक है। ऐसी कई योजनाएं हैं, जिनका क्रियान्वयन के बावजूद हैंड ओवर आज तक नहीं हो पाया।

फोटो रामगढ़ 63 विद्युत शवदाह गृह की टूटी नल।

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