कश्मीर के जैसा एहसास कराती है पतरातू की वादियां :खान
पतरातू की वादियां कश्मीर की याद दिलाती हैं। हाल ही में बीपीएससी 1999 बैच के अधिकारियों ने पतरातू डैम का दौरा किया। दिसंबर में सैलानियों की आमद बढ़ गई है, जो डैम और लेक रिसॉर्ट का आनंद ले रहे हैं।...
पतरातू,निज प्रतिनिधि। कश्मीर के जैसा एहसास कराती है पतरातू पिठौरिया की वादियां। उक्त बातें पतरातू पहुंचे जॉइंट सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ़ टूरिज्म के एम खान ने कही। रविवार को सिल्वर जुबली री- यूनियन के बैनर तले बीपीएससी 1999 बैच के 54 अधिकारी अपने परिजनों के साथ यहां पहुंचे थे। सभी कोई यहां पहुंचकर लेक रिसॉर्ट, चिल्ड्रन पार्क, पतरातू डैम और पतरातू डैम के आइलैंड पहुंचकर लुत्फ उठाया। जबकि उनके यहां पहुंचने पर जीटीडीसी के सीनियर मैनेजर अरुण कुमार, मैनेजर नवनीत कुमार और सिक्योरिटी इंचार्ज शशिधर गोप ने उनका स्वागत किया। दूसरी ओर 4 दिसंबर को पर्यटन बिहार में स्किल डेवलपमेंट की आयोजित बैठक में गवर्नमेंट आफ इंडिया के सेक्रेटरी अतुल तिवारी सहित कई आला अधिकारी और यहां पर मौजूद कल कारखानों के उच्च अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल होंगे।
माह दिसंबर पहुंचते ही हजारों सैलानी पतरातू डैम पहुंचने लगे हैं। छुट्टी के दिन संडे को तो पतरातू डैम सैलानी और पर्यटकों से गुलजार हो जा रहा है। सुंदर पहाड़ियों से घिरा हुआ पतरातू डैम जो सैलानियों के लिए वर्षों से आकर्षण का केन्द्र है। सैलानी खास कर इसी डैम के लुभावने दृश्य का अवलोकन करने के लिए यहां पहुंचते हैं। इसके अलावा पर्यटन विभाग की ओर से यहां पर बनाए गए पर्यटन केंद्र, चिल्ड्रन पार्क, पाथवे, जेटी को देखने के लिए सालों भर पहुंचते रहते हैं। क्योंकि सिर्फ पतरातू डैम ही नहीं यहां का लेक रिसॉर्ट और पलानी झरना भी दर्शनीय है। अब दिसंबर पहुंच चुका है तो डैम परिसर में पिकनिक मनाने वालों का हुजूम उमड़ने लगी है।
वर्ष के नवंबर माह के पहुंचते ही यहां पर प्रवासी पक्षियों का आना प्रारंभ हो गया है। जो ठंड के समाप्त होने पर वापस लौट जाते हैं। सैलानी डैम में विचरण कर रहे प्रवासी पक्षियों के विचरण और अठखेलियों को देख पुलकित हो रहे हैं।
डैम में सैलानी आधुनिक बोट से कुलांचे मारते हुए पहुंचते हैं। वर्तमान समय में लाईफ जैकेट पहनकर डैम में बोटिंग का आनंद उठा रहे हैं। नाविक सैलानियों को लाईफ जैकेट पहनाकर बोटिंग करा रहे हैं। साथ ही डैम के एक छोर पर एक छोटा-सा टापू है। जहां पर पर्यटन विभाग इसकी खूबसूरती को और चार चांद लगा दिया है। सैलानी यहां पर पहुंच कर डैम के आठ विशाल जल निकासी फाटक, स्पील्वे और इसके निकट मां पंचबहनी मंदिर में दर्शन कर आनंदित होते हैं। इसके साथ ही लेक रिसॉर्ट का सरोवर बिहार,और पर्यटन बिहार नामक रेस्टुरेंट है। जबकि घाटियों का सुंदर परिदृश्य और जलेबीनुमा सड़क देखने को मिलता है। दूसरी ओर कुछ लोगों ने डैम के निकट और इसके आसपास दर्जनों निजी रेस्टूरेंट खोल रखा है। सैलानी में निजी रेस्टुरेंट में भी पहुंचते हैं।
लेक रिसॉर्ट से शादी विवाह सहित अन्य कार्यक्रम से पर्यटन विभाग को प्रति माह लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक का इनकम हो रहा है। जानकारी देते हुए जेटीडीसी के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान समय में शादी विवाह का मुहूर्त चल रहा है। इसलिए यहां के पर्यटन बिहार और सरोवर बिहार में शादी विवाह सहित मेहंदी के कार्यक्रम खूब चल रहे हैं। इससे पर्यटन विभाग को प्रति माह लगभग एक करोड़ रुपए का आय हो रहा है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि इसके अलावा सामान्य दिनों में भी लेक रिसॉर्ट से लगभग एक करोड़ रुपए तक का इनकम हो रहा है। दूसरी और माह दिसंबर जनवरी में डैम में बोट चलाने वाले स्थानीय और विस्थापित लोगों को भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है।
वर्ष के अंत में 31 दिसंबर को पतरातू लेक रिसॉर्ट में प्रतिवर्ष भव्य कार्यक्रम का आयोजन होता है। यह कार्यक्रम पर्यटन विभाग की ओर से की जाती है।
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