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बोले रामगढ़ : ऑनलाइन शॉपिंग से छोटे दुकानदारों पर पड़ रहा असर

गिद्दी के छोटे दुकानदारों का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग के कारण उनकी बिक्री में भारी कमी आई है। ग्राहकों की भीड़ कम हो गई है और कई दुकानें बंद होने की कगार पर हैं। छोटे दुकानदारों ने सरकार से अपील की है...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Fri, 21 Feb 2025 02:07 AM
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बोले रामगढ़ : ऑनलाइन शॉपिंग से छोटे दुकानदारों पर पड़ रहा असर

पहले गिद्दी बाजार में ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी। स्थानीय लोग हर दिन यहां खरीदारी करने के लिए आते थे। लेकिन इन दिनों ऑनलाइन शॉपिंग का प्रचलन बढ़ने के कारण बाजार के छोटे दुकानदारों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। छोटे दुकानदारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। बाजार की रौनक भी कम हो गई है। अब बाजार में अधिकांश लोग सुबह और शाम में सिर्फ सब्जी की खरीदारी के लिए आते हैं। गिद्दी के छोटे दुकानदारों का कहना है सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए, जिससे छोटे दुकानदारों का रोजगार प्रभावित न हो। छोटे दुकानदारों को सरकार अन्य रोजगार से भी जोड़ने का प्रयास करें। गिद्दी। देश दुनिया की विभिन्न बड़े शहरों की तरह गिद्दी में भी ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ा है। इसके कारण गिद्दी के व्यापारी और दुकानदारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। पहले जहां गिद्दी के बाजारों में ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी। वहीं अब सड़कों और दुकानों में पहले जैसी रौनक नहीं दिखती है। खास कर युवा वर्ग अब बाजारों में जाने की बजाए मोबाइल पर ही अपनी जरूरत का सामान खरीद रहे हैं। इससे गिद्दी के बाजार और दुकान में ग्राहक कम आने लगे हैं। इसका असर छोटे व्यापारी और दुकानदारों पर पड़ रहा है। इससे गिद्दी के व्यापारी और छोटे दुकानदार इस मंदी से परेशान हैं।

इन दुकानदारों का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग के इस युग में लोग छोटे से छोटे उपयोग के सामान यहां तक कि खाने-पीने और नास्ते तक का सामान मोबाइल पर ऑर्डर कर घर बैठे मंगा ले रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग के कारण कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक़्स, फुटवियर और घरेलू सामान की बिक्री पर गहरा असर पड़ा है। बड़े-बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर डिस्काउंट और ऑफर्स के चलते भी ग्राहक गिद्दी के बाजार और दुकानों में जाने के बजाए ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे न केवल गिद्दी के छोटे दुकानदारों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।

सामान के कम बिक्री होने के कारण कई दुकान बंद होने की स्थिति में पहुंच गई हैं। अब गिद्दी के उन्हीं दुकानों में ग्राहक नजर आते हैं, जिनके पास पर्याप्त पूंजी है और लेटेस्ट डिजाइन के सामान उपलब्ध हैं। बाकी के दुकानों में दिन भर में गिनती के ग्राहक ही पहुंचते हैं। अर्थात गिद्दी के वैसे ही दुकानदार और व्यापारियों की स्थिति इस समय थोड़ा ठीक हैं जो डिजिटल युग के साथ तालमेल बैठा पा रहे हैं। कई दुकानदार ग्राहकों को बनाए रखने के लिए ऑनलाइन सामान मंगा कर अपने परमानेंट ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं। जैसे-जैसे लोग इंटरनेट का उपयोग अधिक कर रहे हैं और ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ता जा रहा है। वहीं खुदरा व्यापार दम तोड़ता जा रहा है। एक ओर जहां गिद्दी के छोटे दुकानदार दिन भर ग्राहकों का इंतजार करते नजर आते हैं वहीं ऑनलाइन शॉपिंग का सामान पहुंचाने वाले रोज नए-नए डिलीवरी बॉय गली मुहल्लों और बाजार में देर शाम तक देखे जाते हैं। ऐसे में जिन लोगों की आजीविका दुकानों से चलती हंै, वे अपने भविष्य और परिवार के जीविकापार्जन को लेकर चिंतित हैं। इन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे अपने और बाल बच्चों का जीविका कैसे चला पाएंगे।

गिद्दी के छोटे दुकानदारों का कहना है सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए कि ऑन लाइन के जरिए वही सामग्री बेची जाए जो सामान स्थानीय बाजार और छोटे दुकानदारों के पास नहीं हो। इसके लिए जगह विशेष के अनुसार सरकार को जिला स्तर पर नीति बनाने की आवश्यकता है। इनका मानना है जब तक तक छोटे दुकानदारों के हित के लिए कोई सरकारी नीतियां नहीं बनेगी। तब तक वे इस ऑनलाइन शॉपिंग से प्रतिस्पद्र्धा नहीं कर सकेंगे। ऑनलाइन शॉपिंग में बड़े से बड़े पूंजीपति और ब्रांडेड कंपनी अपने सामान बेच रहे हैं। ऐसे में सरकार छोटे दुकानदारों को डिजिटल युग में ऑनलाइन शॉपिंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रशिक्षण दें।

दोपहर में गिद्दी की दुकान बंद रहने से भी नहीं पहुंचते हैं ग्राहक : गिद्दी में ऑनलाइन शॉपिंग के साथ-साथ यहां की दुकानों में कम बिक्री होने का एक कारण दोपहर में दुकान बंद रखना है। गिद्दी में अब पहले से काफी कम गांव के खरीदार आते हैं। गांव के ग्रामीण महिला-पुरुष अपने-अपने घर का काम धाम करके दोपहर तक बाजार में खरीदारी करने पहुंचते हैं। जबकि गिद्दी चौक के दुकानदार दोपहर में अपनी दुकान बंद कर घर खाना खाने चले जाते हैं और वे फिर शाम में चार बजे आते हैं। तब तक गांव के ग्रामीण ग्राहक दूसरे जगह रेलीगढ़ा और भुरकुंडा बाजार में खरीदारी करने चले जाते हैं।

प्रस्तुति: नंदकिशोर पाठक

ऑनलाइन खरीदारी का बढ़ा प्रचलन

गिद्दी के बाजार और छोटे दुकान में कम भीड़ का एक बड़ा कारण युवा पीढ़ी का ऑनलाइन खरीदारी की ओर बढ़ता झुकाव है। वर्तमान में डिजिटल दुनिया में मोबाइल से खरीदारी न केवल आसान हो गया है, बल्कि समय और पैसे दोनों की बचत होती है। साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ब्रांडेड कपड़े, जूते, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपयोग के सामान आसान किस्त में उपलब्ध हो जा रहे हैं। इसके कारण युवा वर्ग ज्यादा ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद कर रहे हंै। ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से मुकाबला करने गिद्दी जैसे छोटे स्थान के छोटे दुकानदार के लिए आसान नहीं है। एक और जहां ई कॉमर्स कंपनियां भारी छूट और कैशबैक जैसी सुविधाएं दे रही है। इससे भी गिद्दी के दुकानदार पिछड़ रहे हैं।

लोकल सेल चालू होने के बाद भी नहीं बढ़ी दुकानदारों की बिक्री

गिद्दी ए के शनिचर बाजार, बुध बाजार, मेनगेट में 1970-80 के दशक में बड़े-बड़़े राशन और कपड़ा की दुकान के साथ नामी होटल भी हुआ करता था। साथ ही मनीहारी और गिफ्ट और स्टेशनरी की दुकान भी थे। इसके कारण गिद्दी कोयलांचल के गिद्दी, रेलीगढ़ा, गिद्दी सी, वाशरी कॉलोनी के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांव के लोग यहां खरीदारी के लिए नियमित पहुंचते थे। पर आगे चलकर गिद्दी के शनिचर बाजार, बुध बाजार, मेन गेट की बड़ी दुकानें बंद हो गईं और कुछ गिद्दी का बाजार चौक में शिफ्ट कर गए। वहीं कई बड़े दुकानदार अन्यत्र बड़े शहर में जाकर घर बना लिए और दुकान खोल कर बस गए। बावजूद इसके गिद्दी चौक में तेजी से बाजार बढ़ा और सभी प्रकार की दुकान खुले। पिछले वर्ष गिद्दी ए कोलियरी परियोजना में लोकल सेल चालू होने से दुकानदारों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद जगी थी, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण यहां के छोटे दुकानदारों की स्थिति सुधार नहीं पाई।

ग्राहकों के बीच विश्वास जगाने की जरूरत

गिद्दी के छोटे दुकानदारों का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग से प्रतिस्पर्धा के लिए गिद्दी के छोटे दुकानदारों को सहकारिता और सामूहिक रूप से मिलकर ग्राहकों के बीच जागरुकता लाने के जरूरत है। आनलाइन शॉपिंग से न केवल खुदरा व्यापार में तेजी आया है, बल्कि ग्राहकों को भी ऑनलाइन शॉपिंग के विश्वास उत्पन्न किया है। ऐसे में गिद्दी के छोटे दुकानदारों को भी स्थानीय ग्राहकों के बीच विश्वास उत्पन्न करने के लिए जागरुकता लाना होगा। इसके लिए अभियान चलाकर ग्राहकों को जागरूक करना होगा। साथ ही सहज खरीदारी, वापसी और व्यक्तिगत सेवा देने से भी ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी।

बिक्री घटने से घर चलाना भी हुआ मुश्किल

ऑनलाइन शॉपिंग ने गिद्दी के छोटे दुकानदारों के व्यापार को मंदा कर दिया है। इससे छोटे दुकानदारों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। इस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। प्रभावित दुकानदारों को सरकारी सहयोग की जरूरत है, ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके। -प्रणव चक्रवर्ती

वर्तमान में लोग अपनी जरूरत के 75 प्रतिशत सामान ऑनलाइन खरीद रहे हैं। शहरी कस्बाई युवा-युवतियों ही नहीं गांव घर की महिलाएं कॉस्मेटिक सामान तक ऑनलाइन मंगा रही है। इससे गिद्दी के छोटे व्यापारी और दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

-चंद्रप्रकाश सिंह

वर्तमान समय में सभी के पास मोबाइल है। लेकिन मोबाइल के सामान भी कवर, हेडफोन, ईयर फोन, चार्जर, बड्स जैसे सामान भी ऑन लाइन खरीदारी कर रहे हैं। इससे दुकानों में कम बिक्री हो रही है।

-मोहन केसरी

ऑनलाइन शॉपिंग की वजह से गिद्दी के बाजार में बिक्री प्रभावित हुई है। कई लोग हैं जो गिद्दी बाजार में निकलने के बजाए घर बैठे ऑन लाइन खरीदारी कर लेते हैं। इसके अलावा बाजार में प्रतियोगिता हो गई है। इससे दुकानदारों का मुनाफा काफी कम हो गया है।

-नन्नी सुमन

गिद्दी के दुकानदारों पर ऑनलाइन शॉपिंग का गहरा प्रभाव पड़ा है। इससे स्थानीय दुकानदारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे लेकर लोगों को सामूहिक जागरुकता उत्पन्न करना होगा, ताकि लोग लोकल दुकान में अधिक से अधिक सामान खरीद करें।

-किरण देवी

ऑनलाइन खरीद से छोटे और मध्यम वर्ग के दुकानदार तंगी का दंश झेल रहे हैं। ऑनलाइन खरीदारी में ग्राहक अक्सर ठगी के शिकार होते हैं। गिद्दी के लोगों से अपील है कि वे ऑनलाइन खरीदारी न करके अपने आस पड़ोस के दुकानदार से ही सामान खरीदें।

-शंकर साव

ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे ज्यादा असर कम पूंजी वाले दुकानदारों पर पड़ रहा है। इससे वे काफी त्रस्त हैं। तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन बाजार से छोटे दुकानदारों के रोजी रोजगार पर संकट उत्पन्न हो गया है। इससे उन्हें घर परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है।

-संतोष गुप्ता

ऑनलाइन शॉपिंग इन दिनों तेजी से बढ़ा है, जिससे गिद्दी की दुकान में भी काफी कम लोग खरीदारी कर रहे हैं। इसके चलते यहां के छोटे दुकानदारों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है और उन्हें घर परिवार चलाना भी मुश्किल हो गया है। इस पर सरकार कार्रवाई करे।

-बृजकिशोर पाठक, व्यापारी संघ सचिव

ऑनलाइन खरीदारी शुरू होने के बाद अब उनकी दुकान से साइकिल बिक्री भी कम हो गई है। पर जब ऑनलाइन मंगाए गए साइकिल में खराबी आती है तब लोग उन्हीं के पास मरम्मत कराने आते हैं। सरकार ऑनलाइन शॉपिंग के लिए कोई ठोस नियम बनाए, ताकि उनका व्यवसाय चल सके। -दिलीप रवानी

ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज इतना बढ़ा है कि लोग कोई भी चीज खरीदने से पहले इंटरनेट पर ऑफर चेक करते हैं। कुल मिलाकर छोटे दुकानदार के लिए यह चुनौती का दौर है। इससे निपटने के लिए सामूहिक रूप से पहल करनी होगी,ताकि फिर से पुराना दौर लौट सके।

-राजकुमार शर्मा

गिद्दी के कई शिक्षित बेरोजगार नौकरी नहीं मिलने पर छोटे दुकान खोलकर अपनी जीविका चला रहे हैं। पर ऑनलाइन शॉपिंग का दौर ने छोटे दुकानदारों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे निपटने के लिए स्थानीय लोगों को एकजुटता की आवश्यकता है।

-विजय पासवान

गिद्दी के कई शिक्षित बेरोजगार नौकरी नहीं मिलने पर छोटे दुकान खोलकर अपनी जीविका चला रहे हैं। पर ऑनलाइन शॉपिंग का दौर ने छोटे दुकानदारों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इससे निपटने के लिए स्थानीय लोगों को एकजुटता की आवश्यकता है।

-विजय पासवान

ऑनलाइन शॉपिंग के दौर में गिद्दी जैसे छोटे जगह के दुकानदार और व्यवसायी के लिए चुनौती भरा है। इससे समय रहते नहीं निपटा गया तो छोटे दुकानदार के अस्तित्व संकट में आ जाएगा। इसे लेकर वे रामगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों से मांग करेंगे कि उनका एक प्रतिनिधिमंडल जिला प्रशासन से मिलकर इसके समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए, ताकि छोटे दुकानदार का व्यापार फिर से चल पड़े।

-दिलीप दत्ता, चैंबर ऑफ कॉमर्स रामगढ़ कार्यकारिणी सदस्य

ऑनलाइन शॉपिंग से अन्य जगहों की तरह निश्चित रूप से गिद्दी के दुकानदारों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसे लेकर वे स्थानीय बैंक से बात करके लोन तो ले सकते हैं। पर फिर जब बिक्री नहीं होगी तो वे लोन की भरपाई कैसे करेंगे। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए दुकानदारों को कम से कम मार्जिन पर अधिक बिक्री का तरीका अपनाना पड़ेगा, ताकि फिर से उनकी दुकान पर रौनक लौट आए।

-सुनील सिन्हा, क्षेत्रीय व्यापारी संघ अध्यक्ष

1. छोटे दुकानदार के लिए विशेष योजनाएं और व्यवसायिक रणनीतियां नहीं है। इससे उन्हें परेशानी होती है।

2. छोटे दुकानदारों के पास डिजिटल लिटरेसी का काफी अभाव है। इससे भी उनके व्यवसाय पर असर पड़ रहा है।

3. छोटे दुकानदार ऑनलाइन की तरह ऑफर नहीं दे पाते हैं।

4. छोटे दुकानदार व्यक्तिगत सेवा उपलब्ध नहीं कराते हैं।

5. छोटे दुकानदारों के पास विशेष उत्पादन की बिक्री की व्यवस्था भी नहीं है।

1. सरकार छोटे दुकानदारों के लिए विशेष योजनाएं और सब्सिडी प्रदान कर सकती है ।

2. सरकार छोटे दुकानदारों को डिजिटल लिटरेसी प्रदान करने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर सकती है।

3. ऑनलाइन शॉपिंग की तरह दुकानों में समय-समय पर बेहतर ऑफर देना होगा।

4. छोटे दुकानदार स्थानीय विशेष उत्पादन के सामान बेच सकते हैं।

5. छोटे दुकानदारों के व्यवसाय बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाए।

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