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संकटग्रस्त महिलाओं के लिए बना सखी वन स्टॉप सेंटर बना सफेद हाथी

एक प्रतिनिधि संकटग्रस्त और हिंसा से प्रभावित महिलाओं को तत्काल सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से सखी वन स्टाॅप सेंटर की स्थापना हुई है।

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Sun, 4 May 2025 11:51 PM
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संकटग्रस्त महिलाओं के लिए बना सखी वन स्टॉप सेंटर बना सफेद हाथी

रामगढ़। राहुल सिंह। संकटग्रस्त और हिंसा से प्रभावित महिलाओं को तत्काल सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से सखी वन स्टाॅप सेंटर की स्थापना हुई है। सखी वन स्टॉप सेंटर योजना 1 अप्रैल 2015 से पूरे देश में लागू की गई है। इसे वन स्टॉप सेंटर के नाम से भी जाना जाता है। भारत में अभी लगभग 752 वन स्टॉप सेंटर कार्यरत हैं। जैसा कि इसके नामकरण से ही पता चलता है पीड़ित महिलाओं के सहायता के लिए एक केंद्र पर ही सारी सुविधाओं का मिलना। सखी वन स्टॉप सेंटर में पीड़ित महिलाओं को इमरजेंसी रेस्क्यू सर्विस, मेडिकल सहायता, मानसिक काउंसलिंग, कानूनी मदद के अलावा वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है।रामगढ़

जिले में यह योजना सफेद हाथी साबित हो रहा है। योजना पर बिचौलियों का प्रभाव है। हिंसा से प्रभावित और संकटग्रस्त महिलाओं के लिए यहां रात में रूकने की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यदि किसी संकटग्रस्त महिला को शाम होने के बाद सखी वन स्टॉप सेंटर से कोई मदद चाहिए तो इसके लिए महिला को अपने साथ एक अभिभावक लाना होगा। तब कहीं जाकर पीड़ित महिला या लड़की को रामगढ़ के सखी वन स्टॉप सेंटर में आश्रय मिल पाएगा। 30 अप्रैल को पतरातू थाना क्षेत्र की एक 19 वर्षीय लड़की रामगढ़ की महिला थाने पहुंची थी। लड़की अपने प्रेमी के साथ शादी कर उसके घर जाना चाहती थी। लड़के के घर वाले इसके लिए तैयार नहीं थे। परिजनों के काफी समझाने के बावजूद वह अपने घर जाने के लिए भी तैयार नहीं हुई। देर शाम हो जाने के कारण महिला थाना से उसे सखी वन स्टॉप सेंटर के लिए ले जाया गया। जहां गार्ड ने बताया रात में यहां महिलाओं को रुकने की कोई सुविधा नहीं है। गार्ड ने फोन पर सखी वन स्टॉप सेंटर के केंद्र प्रशासक से बात कराई। केंद्र प्रशासक दुख हरन महतो ने भी बताया रात में रुकने के लिए महिला के साथ आपको एक महिला जवान साथ में देना पड़ेगा। इसके बाद महिला थाना ने पतरातू से आई लड़की को रात भर महिला थाने में ही रखा। इस संबंध में बात करने पर दुख हरण महतो ने बताया हमारे केंद्र में एक महिला चौकीदार की प्रतिनिधि है। साथ ही एक प्राइवेट महिला कूक यहां पर रहती है। शाम को दोनों अपने घर चली जाती हैं। उन्होंने बताया पतरातू थाना से भी कुछ दिन पहले एक महिला को लाया गया था। व्यवस्था नहीं रहने के कारण पतरातू थाना ने एक महिला चौकीदार की साथ में नियुक्ति की थी।

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