बोले रामगढ़ : 60 लाख के मार्केट में बिजली कनेक्शन ही नहीं
कोयलांचल के प्राचीन हाट बाजार में शुमार साप्ताहिक शुक्रवार बाजार घुटूवा में सुविधाओं की कमी है। इससे यहां के दुकानदारों को परेशानियों का सामना करना पड़
बरकाकाना । रामगढ़ नगर क्षेत्र के प्रसिद्ध साप्ताहिक शुक्रवार बाजार को व्यवस्थित करने में सरकारी महकमा दिलचस्पी नहीं ले रहा है। पूरे बाजार में अस्त व्यस्त का नजारा देखने को मिलता है। पूरा बाजार अव्यवस्थाओं की चपेट में है। लेकिन वक्त के साथ बाजार का क्षेत्रफल सिमटता जा रहा है। क्षेत्र के सीसीएल, रेलवे सहित लगभग 30 गांव के लोग कोने-कोने से सब्जी खरीदने और बिक्री करने इस बाजार में आते हैं। हिन्दुस्तान से बातचीत में सब्जी कारोबारियों ने कहा कि सरकार को टैक्स देते हैं, प्रत्येक सप्ताह लाखों का कारोबार यहां होता है। लेकिन यहां दुकानदारों को कोई सुविधा नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बाजार लगने के कारण 30 फीट की चौड़ी पतरातू-रामगढ़ फोर लाइन सड़क दोपहर में 15 फीट में सिमट जाती है। इससे जाम की स्थिति बन जाती है।
जाम के कारण आने जाने वाले वाहनों को काफी परेशानी होती है। आधी सड़क पर बाजार लगता है, तो दूसरी ओर पार्किंग की सुविधा नहीं होने से छोटे-बड़े वाहन भी सड़क पर ही खड़े कर दिए जाते हैं। इससे जाम की स्थिति और भयावह हो जाता है। मालूम हो कि वार्ड पार्षद की पहल पर नगर परिषद रामगढ़ के सौजन्य से दिसंबर 2024 में 60 लाख की लागत से 18 वेंडर मार्केट (शेड), शौचालय, पेयजल और डीप बोरिंग की व्यवस्था तो की गई, लेकिन बिजली सप्लाई नहीं होने के कारण डीप बोरिंग नहीं चलता और स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी रहती है। साथ ही बिजली आपूर्ति ठप होने से पेयजल और शौचालय रूम में ताला जड़ा हुआ है। सब्जी विक्रेता 5 से 6 घंटे इस बाजार में रहते हैं। इस दौरान उन्हें शौच और पेयजल के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता है। खासकर महिला सब्जी विक्रेताओं और ग्राहकों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। मजबूरन वे शौच के लिए खेत या दीवार की ओर रुख करते हैं। वहीं पानी के लिए जहां-तहां से जुगाड़ लगाकर अपनी प्यास बुझाते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार समस्या के समाधान को लेकर नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी को लिखा गया। लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। इससे सब्जी विक्रेता, ग्राहक और स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना था कि नगर परिषद लाखों रुपए खर्च करके भी सुविधा नहीं मुहैया करा पा रहा है, तो ऐसे खर्च का क्या फायदा। वहीं दूसरी ओर जगह कम होने के कारण मछली और मुर्गा की दुकान मुख्य मार्ग के किनारे उत्क्रमित मध्य विद्यालय घुटूवा की चहारीदवारी से सटा कर लगाई जाती है।
सड़क किनारे मांस-मछली खुलेआम बिकने से शाकाहारी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही आसपास काफी गंदगी फैल जाती है। इससे राहगीरों को भी परेशानी होती है। दुर्गंध के कारण और बाजार क्षेत्र सीमित होने के कारण कई बार विवाद उत्पन्न हो जाता है। जिसे स्थानीय लोग सुलझाते हैं।
प्रस्तुति: जाकिर
टैक्स देने के बावजूद नहीं मिल रही दुकानदारों को सुविधाएं
नगर परिषद प्रबंधक शुक्रवार बाजार में निर्मित वेंडर मार्केट (शेड) के एलॉटेड प्रत्येक सब्जी विक्रेताओं से पैसे वसूलते हैं। वेंडर मार्केट में कुल 18 शेड बने हैं। प्रति शेड से प्रति माह 300 रुपए वसूली की जाती है। वेंडर मार्केट से नगर परिषद को प्रतिमाह 5 हजार 400 रु यानि हर वर्ष 64 हजार 800 रुपए की प्राप्ति होती है।
वहीं नगर परिषद प्रबंधक 18 वेंडर मार्केट के अलावा बाजार क्षेत्र में लगनेवाले सैकड़ो छोटे - बड़े सब्जी विक्रेताओं से टैक्स वसूली भी करता है। एक वर्ष के सैरात वसूली के लिए टेंडर घुटूवा निवासी मदन बेदिया को मिला है। वार्ड पार्षद गीता देवी, समाजसेवी पंचदेव करमाली, मदन बेदिया, राजेश बेदिया, अहमद अली उर्फ़ बिल्लू आदि बाजार में हो रहे असुविधा को लेकर नगर पर परिषद प्रबंधक को कई बार अवगत कराया, लेकिन समस्या अब भी जस का तस बना हुआ है। नगर परिषद प्रबंधक बिजली की समस्या की निराकरण का ठिकरा बिजली विभाग पर फोड़ रहा है। नगर परिषद प्रबंधक और बिजली विभाग खींचतान से सब्जी विक्रेताओं सहित आम आवाम परेशान हो रहे हैं। लेकिन कोई इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
घर से पानी लाने को मजबूर हैं दुकानदार
मार्केट में प्रत्येक सप्ताह हजारों की तादाद में किसान सब्जी बेचने और खरीदने पहुंचते हैं। लेकिन यहां पेयजल सुविधा का घोर अभाव है। पेयजल सुविधा के नाम पर नगर परिषद ने एक डीप बोरिंग कराया है, जो चालू नहीं है। अधिकतर दुकानदार पीने का पानी घर से लेकर आते हैं। लेकिन किसानों को अपने साथ पानी का बोतल लाना कठिन है। इससे बाजार आने वाले किसानों और ग्राहकों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ता है। अक्सर लोग बोतल बंद पानी खरीदकर पीने को विवश हैं। बाजार में पेयजल की व्यवस्था अति आवश्यक है, ताकि लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
सीसीटीवी कैमरे नहीं रहने से होती है परेशानी
साप्ताहिक बाजार में चोरी की घटना व असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम बहुत जरूरी है। इसके लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे की अवश्यकता है। सब्जी विक्रेताओं के अनुसार बाजार में हर सप्ताह हजारों लोग सब्जी बेचने और खरीदारी करने पहुंचते हैं। इस दौरान भीड़ का फायदा उठाकर उचक्के ग्राहकों के पर्स और मोबाइल की चोरी कर लेते हैं। इससे ग्राहकों को परेशानी तो होती ही है। साथ ही सब्जी विक्रेता भी अलग परेशान रहते हैं। डेली मार्केट में सीसीटीवी कैमरा लगने से चोरी की घटना में अंकुश लगेगा। बाजार आने वाले लोग बेखौफ रहेंगे।
शौचालय चालू नहीं होने से परेशानी
साप्ताहिक बाजार में शौचालय का निर्माण नगर परिषद ने करवाया है। पांच से छह घंटे बाजार का कारोबार चलता है। शौचालय में पानी की सुविधा के लिए डीप बोरिंग भी कराई गई है। डीप बोरिंग में बिजली सप्लाई नहीं होने के कारण चालू नहीं हो पाया है। इस कारण शौचालय में ताला लटका हुआ है। बाजार में सब्जी, मनिहारी, श्रृंगार आदि बिक्री करने वाले महिला कारोबारियों को शौचालय नहीं होने के कारण परेशानी होती है। जबकि पुरुष विक्रेताओं को भी समस्या होती है।
खुले में मांस-मछली बेचने को मजबूर
साप्ताहिक बाजार का क्षेत्र दिन-ब-दिन सीमित होते जा रहा है। बाजार अतिक्रमण की जद में है। जगह नहीं होने के कारण रामगढ़-पतरातू मुख्य मार्ग के किनारे खुले में मांस-मछली बेचने को लोग मजबूर हैं। सरकार खुले में मांस मछली बेचने पर पाबंदी लगा रखी है। इसके बावजूद यहां खुले में मांस-मछली की दर्जनों दुकानें संचालित है। सड़क किनारे गुजरनेवाले शाकाहारी इससे परेशान हैं। लेकिन बाजार के अंदर जगह उपलब्ध नहीं है। लोग जीविकोपार्जन के लिए मज़बूरी में सड़क किनारे दुकान लगाने के लिए विवश हैं।
बाजार में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग
लंबे समय से बाजार में गुपचुप की दुकान लगाते आ रहे हैं। सुविधा नहीं होने से कारोबार प्रभावित होता है। पानी के जुगाड़ में इधर-उधर भटकना पड़ता है।
—संतोष कुमार, गुपचुप दुकानदार।
साप्ताहिक शुक्रवार बाजार अति प्राचीन है। लेकिन सुविधा के नाम पर अभी कुछ उपलब्ध नहीं है। शौचालय बना है, लेकिन पानी की सुविधा नहीं होने के कारण ताला जड़ा हुआ है। रुकमणि देवी, मनिहारी दुकानदार।
शुक्रवार बाजार में बिजली, पानी, शौचालय की सुविधा नहीं है। सुविधा नहीं होने से सब्जी कारोबारी स्थानीय खरीदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
—अहमद अली
शुक्रवार बाजार में शौचालय, पेयजल और बिजली की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हो रही है। समस्याओं को लेकर ईओ को ध्यान दिलाया गया, लेकिन अभी तक पहल नहीं की गई है।-पंचदेव करमाली
शुक्रवार बाजार में मेरे तीन पीढ़ी लगातार यहां राशन का कारोबार करते आ रहे हैं। बाजार में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। इससे काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
-बिनेश्वर बेदिया, राशन दुकानदार।
शुक्रवार के साप्ताहिक बाजार में लंबे समय से आ रहे हैं। यहां मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण कारोबार भी प्रभावित होता है।
-अरुण कुमार, दुकानदार
बाजार में जगह को लेकर भी कई बार आपस में विवाद होता है। बाजार क्षेत्र को बढ़ाना चाहिए। इससे सभी छोटे सब्जी विक्रेताओं को जगह मिल जाती।
-बबीता देवी, सब्जी विक्रेता।
बाजार में महिला कारोबारियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शौचालय नहीं होने से महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है।
—तारा देवी, बांस निर्मित सामान विक्रेता।
20 वर्षों से दुकान लगाते आ रहे हैं। लेकिन यहां कुछ भी सुविधाएं नहीं है। नप ने शौचालय, पेयजल, प्रकाश की व्यवस्था की बीड़ा उठाया है, तो उसे अंजाम तक पहुंचना चाहिए।-लखन प्रसाद, शृंगार दुकानदार।
शुक्रवार बाजार में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। अपना रेडीमेड की दुकान लगाते आ रहे हैं। प्रबंधन बुनियादी सुविधा बहाल करें तो उनकी समस्या घट जाएगी।
—मो इरफ़ान, रेडीमेड दुकानदार।
बाजार में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से काफी परेशानी उठानी पड़ती है। कारोबारी और खरीदार सड़क में ही वाहन खड़ा कर देते हैं। कभी भी बड़ी घटना होने की आशंका बनी रहती है। —शमशाद आलम, दुकानदार।
पतरातू प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र से इस बाजार में आते हैं। वहीं खरीदार भी आते हैं। लेकिन यहां बिजली, पानी और शौचालय जैसी भी मूलभूत सुविधएं नहीं मिलती है।
—बंशी मुंडा, दाडीदाग निवासी।
शिकायतें और सुझाव
1. बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण शौचालय की टंकी में नहीं भर पा रहा है पानी।
2. बाजार में पहुंचने वाले सब्जी विक्रेता और ग्राहक पेयजल के लिए परेशान रहते हैं।
3. बाजार क्षेत्र में लाइट की व्यवस्था नहीं होने से कई परेशानी होती है।
4. बाजार में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इस कारण मुख्य मार्ग में ही लोग छोटे-बड़े वाहन खड़ा कर देते हैं।
5. खुले में मांस मछली बेचने से होती है परेशानी।
1. तत्काल बिजली आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए ताकि उचित रोशनी और डीप बोरिंग में सप्लाई हो सके।
2. वेंडर मार्केट में निर्मित शेड को आंधी, बारिश से बचाव का उपाय किया जाए।
3. बाजार क्षेत्र और शौचालय को साफ-सुथरा रखा जाए और पार्किंग की व्यवस्था की जाए।
4. आनेवाली गर्मी को देखते हुए तत्काल पेयजल की सुविधा बहाल किया जाए।
5. छोटे सब्जी विक्रेताओं के लिए भी चबूतरा बनवाया जाए।
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