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केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने लेह में एनटीपीसी की ग्रीन हाइड्रोजन बेसन को दिखाई हरी झंडी

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने लेह में एनटीपीसी की ग्रीन हाइड्रोजन बसों को हरी झंडी दिखाई। यह परियोजना 1.7 मेगावाट सौर संयंत्र और 80 किलोग्राम क्षमता वाले हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन के साथ है। प्रत्येक बस...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Sat, 23 Nov 2024 06:38 PM
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पतरातू, निज प्रतिनिधि। केंद्रीय विद्युत, आवास और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को लेह में एनटीपीसी की ग्रीन हाइड्रोजन बेसन को हरी झंडी दिखाई। इसमें विद्युत मंत्रालय, लेह प्रशासन और एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एनटीपीसी की ग्रीन हाइड्रोजन बसों के बेड़े को हरी झंडी दिखाई। इस संबंध में जानकारी देते हुए पीवीयूएनएल के अधिकारियों ने बताया कि झंडी दिखाने के बाद मंत्री ने एच टू फिलिंग स्टेशन से लेह हवाई अड्डे तक एच टू बसों से 12 किलोमीटर की यात्रा की। मंत्री ने हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों को अपनाने जैसे विभिन्न मोर्चों जैसे गतिशीलता, पीएनजी के साथ मिश्रण, ग्रीन मेथनॉल और आरई पर इसके समग्र जोर के माध्यम से देश की ऊर्जा सुरक्षा और डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों में अपने अद्वितीय योगदान के लिए एनटीपीसी को बधाई दी। लेह में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना में इन-सीटू 1.7 मेगावाट सौर संयंत्र, 80 किलोग्राम क्षमता का ग्रीन हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन और 5 हाइड्रोजन इंट्रा-सिटी बसें शामिल हैं।

प्रत्येक बस 25 किलोग्राम हाइड्रोजन भरकर 300 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। यह दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई (3650 मीटर एमएसएल) पर स्थित ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना भी है। जिसे कम घनत्व वाली हवा, शून्य से नीचे के तापमान में संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 350 बार दबाव पर हाइड्रोजन भर सकती है। यह स्टेशन लगभग 350 मीट्रिक टन प्रति वर्ष कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा। वातावरण में 230 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष शुद्ध ऑक्सीजन का योगदान देगा। जो लगभग 13000 पेड़ लगाने के बराबर है। लद्दाख में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी समाधान की संभावना बहुत मजबूत है। कम तापमान के साथ उच्च सौर विकिरण, सौर ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन का कुशलतापूर्वक उत्पादन करने के लिए एक बेहतरीन स्थान है। इन स्थानों पर इस ग्रीन ईंधन के उत्पादन और उपयोग से जीवाश्म ईंधन रसद से बचा जा सकेगा। ऊर्जा आवश्यकता के मामले में ये स्थान आत्मनिर्भर बनेंगे। विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उपयोगिता कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड प्रधानमंत्री के 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने के दृष्टिकोण को पूरा करने के प्रयासों में अग्रणी रही है। यह विभिन्न हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों की तैनाती के अलावा पूरे भारत में अधिक हाइड्रोजन गतिशीलता परियोजनाएं स्थापित कर रही है। आंध्र प्रदेश में हाइड्रोजन हब की स्थापना सहित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तेजी से बढ़ा रही है।

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