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Hindi Newsझारखंड न्यूज़रामगढ़In the financial year 2021-22 the backward Kuju sector is expected to improve its production target

उत्पादन लक्ष्य प्राप्ति में पिछड़े कुजू क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2021-22 में है सुधार की आस

-- कोराना काल की मार के साथ-साथ कहीं जमीन तो कहीं सुरक्षा के लिहाज से लगी रोक ने कुजू क्षेत्र का प्रदर्शन किया फिसड्डी:...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Fri, 2 April 2021 09:40 PM
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कुजू। निज प्रतिनिधि

सीसीएल कुजू क्षेत्र कोयला उत्पादन, ओवरवर्डेन रिमूवल व डिस्पैच में वित्तीय वर्ष 2020- 21 में पिछड़ गया। कुजू क्षेत्र को सीसीएल मुख्यालय से 20 लाख 20 हजार मीट्रिक टन कोयला उत्पादन तो ओवरवर्डेन रिमूल 44 लाख क्यूबिक मीटर व डिस्पैच 24 लाख 50 हजार टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसी बीच वैश्विक महामारी कोरोना ने जहां चहुंओर लॉकडाउन लगाकर सभी प्रकार के कार्य को ठप करा दिया। इसका खासा प्रभाव कोयला उत्पादन पर भी पड़ा। वहीं समस्याग्रस्त कुजू क्षेत्र की विभिन्न कोलियरियों के हालात भी कमोवेश कोयला उत्पादन लक्ष्य हासिल करने में बाधक बनी। कुजू क्षेत्र के मात्र दो परियोजनाओं के कोयला उत्पादन के बल पर क्षेत्र ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 14 लाख 53 हजार टन तो ओवरवर्डेन रिमूवल 42 लाख 28 हजार क्यूबिक मीटर व डिस्पैच 16 लाख 53 हजार टन पर जाकर थम गया।

करमा परियोजना में डीजीएमएस ने लगाया वॉयलेशन

इसमें कोयला उत्पादन में विगत वित्तीय वर्ष में बेहतर स्थान हासिल करने वाले करमा परियोजना में कोयला उत्पादन माह के ऐन मौके पर सुरक्षा कारणों से जहां डीजीएमएस ने वायलेशन लगा दिया। इससे यहां कोयला उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो गया। जबकि कुजू क्षेत्र के बहुआयामी तोपा परियोजना में जमीन की समस्या के साथ-साथ खान क्षेत्र के निकट आ चुके घरों का समय पर खाली न होना तो कारण बना ही। तोपा परियोजना में एक माह के भीतर विद्युत पोल से इलेक्ट्रिशियन के गिरने, विद्युत सब-स्टेशन में एक निजी कंपनी के सर्विस इंजीनियर के करंट लगने से हुई मौत के अलावा कोयला उत्पादन माह के दौरान ही बनवार न्यू कांटाघर में हुई गोलीकांड में एक व्यक्ति की हत्या की घटित घटनाओं ने पूरा खेल ही बिगाड़कर रख दिया। इसमें निजी खनन कंपनी के कार्य में अवरोध होना भी काफी हद तक उतरदायी है।

अगले वर्ष अव्वल होगा एरिया: जीएम

इस संबंध में कुजू क्षेत्र के जीएम ईश्वर चंद्र मेहता ने कहा कि जमीन की समस्या को झेल रहे कई परियोजनाओं में काम पूरी तरह बंद पड़ा है, तो कहीं रूक-रूककर बाधा खड़ी हो रही। ऐसे में पिछले बातों को भुलाकर अब नए सिरे से कमर कसकर सम्यक प्रयास से क्षेत्र को अगले वित्तीय वर्ष में अव्वल बनाने का कार्य अभी से ही शुरू किया गया है।

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