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बोले रामगढ़ : अस्पताल में स्त्री रोग की डॉक्टर ही नहीं, इलाज में होती है परेशानी

सीसीएल अरगड़ा क्षेत्र के गिद्दी ए में वर्ष 1958 में स्थापित आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी ए की स्थिति दिनोंदिन दयनीय होते जा रही है। चिकित्सकों और कर

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Wed, 5 March 2025 02:16 AM
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बोले रामगढ़ : अस्पताल में स्त्री रोग की डॉक्टर ही नहीं, इलाज में होती है परेशानी

गिद्दी । नंदकिशोर पाठक एक ओर केंद्र सरकार आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके लिए बड़े-बड़े अस्पताल भवन और स्वास्थ्य केंद्र बनाए जा रहे हैं। तो पंचायत स्तर पर भी उपस्वास्थ्य केंद्र खोले जा रहे हैं। लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए आयुष्मान कार्ड बन रहा है। वहीं कोल इंडिया अधिनस्त कंपनी सीसीएल कंपनी के उच्च अधिकारियों की उपेक्षा के कारण अरगड़ा क्षेत्र की आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी ए की स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही है।

बता दें गिद्दी में कोलियरी खुलने के साथ वर्ष 1958 में एनसीडीसी ने डिस्पेंरी की स्थापना की थी। इसके बाद वर्ष 1963 में इसे अस्पताल का दर्जा दिया गया। फिर सीसीएल ने वर्ष 1999 में इस अस्पताल को क्षेत्रीय अस्पताल का दर्जा दिया। गिद्दी के क्षेत्रीय अस्पताल बनने के बाद इस अस्पताल में 7 डॉक्टर की नियुक्ति के साथ-साथ नौ नर्स पर्याप्त फर्मासिस्ट, लैब, पैथोलॉजी, एक्सरे, इसीजी के साथ ऑपरेशन थिएटर में अलग से कर्मी पदस्थापित थे। उक्त सभी मेडिकल कर्मी जब तक पदस्थापित रहे तब तक यहां लोगों को चिकित्सा की बेहतर सुविधा मिलती रही। पर बाद में जैसे-जैसे उक्त कर्मी सेवानिवृत्त होते गए उक्त सेवानिवृत्त मेडिकलकर्मी के स्थान पर नए कर्मियों की नियुक्ति नहीं हुई और सभी लैब, पैथोलॉजी, एक्सरे, इसीजी आदि बंद होते गए। एक्सरे मशीन और ऑपरेशन थिएटर के संयंत्र को जंग लगने लगा है। इसके पहले इस अस्पताल में महिलाओं के प्रसव से लेकर विभिन्न तरह के ऑपरेशन होता था। प्रत्येक वर्ष परिवार नियोजन, मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए अस्पताल में शिविर लगा करता था। सामान्य मरीजों से अस्पताल भरा रहता था। पर वर्तमान में अस्पताल में दो महिला के और दो पुरुष कुल चार मरीज वार्ड होने के बाद भी एक भी मरीज भर्ती नहीं रहते हैं। वर्तमान में इस अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा के नाम पर सिर्फ ड्रेसिंग करने, दर्द की सूई देने और बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र रेफर करने का काम होता है। इसके कारण कई लोग अब इस अस्पताल को रेफरल अस्पताल कहने लगे हैं।

गिद्दी अस्पताल की बिल्डिंग और कैंपस को देखने वाले इसके किसी बड़े अस्पताल के होने की कल्पना करते हैं। पर वास्तविकता तो यह है कि वर्तमान में इस अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है। इससेे क्षेत्र के सीसीएलकर्मियों के साथ-साथ गैर सीसीएलकर्मियों और ग्रामीणों को गहरा चिंता में डाल दिया है। इतना ही नहीं गिद्दी ए में क्षेत्रीय अस्पताल के नाम पर क्षेत्र के रेलीगढ़ा और गिद्दी वाशरी के डिस्पेंसरी को जहां बंद कर दिया गया है। वहीं गिद्दी सी, अरगड्डा आदि डिस्पेंसरी में सुविधाओं की कमी कर दी गई है।

ऐसे में क्षेत्र के डिस्पेंसरी को जब बंद किया गया तो क्षेत्रीए अस्पताल गिद्दी में सुविधाओं में वृद्धि होनी चाहिए थी। पर इस अस्पताल के सुविधाओं में भी लगातार कटौती की जा रही है। इससे क्षेत्र में कार्यरत लगभग 15 सौ सीसीएल कर्मी के साथ-साथ क्षेत्र में रहने वाले लगभग 50 हजार आबादी को बुनियादी चिकित्सा के लिए भी प्राइवेट अस्पताल अथवा झोला छाप डॉक्टर के पास जाना पड़ रहा है। कर्मियों ने बताया सीसीएल में क्षेत्रीय अस्पताल पर ध्यान देने के बजाए अब सिर्फ सेंट्रल अस्पताल में सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके कारण आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल की हालत में सुधार नहीं किया जा रहा है। वर्तमान में इस क्षेत्रीय अस्पताल में कुल 54 कर्मी पदस्थापित हैं। इसमें 4 डॉक्टर, 9 नर्स 6 सीसीएल की और 3 अनुबंध पर, 2 फर्मासिस्ट, 2 ड्रेसर पदस्थापित हंै। यहां एक भी महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। इसके अलावा अस्पताल में सफाईकर्मी की घोर कमी है। जबकि एक भी खून जांच काम आदि के लिए एक भी टेक्नीशियन नहीं हैं। वहीं अस्पताल में कई विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होने के कारण लोगों को इलाज को रामगढ़ या रांची की ओर रुख करना करना है। इससे उन्हें अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।

गिद्दी अस्पताल में धूल खा रहे हैं लाखों के उपकरण

गिद्दी क्षेत्रीय अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर, टेक्नीशियन, सफाईकर्मी का पद रिक्त होने के कारण यहां रखे लाखों के उपकरण धूल खा रहे हैं। प्रसव कक्ष भी खुलने से पहले बंद हो गया। एक्स-रे कक्ष अनुपयोगी पड़ा रहा। स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने कई बार अधिकारियों को अवगत करवाया है। कई बार धरना प्रदर्शन किया गया। इसके बाद भी अस्पताल में नए बहाली नहीं हो रही है। अधिकारी गिद्दी अस्पताल में निरीक्षण के लिए आते हैं और इस अस्पताल की कमी को अविलंब दूर करने का आश्वासन देते रहे हैं। उक्त अधिकारियों का दिया गया आश्वासन पूरा नहीं हुआ है।

तीन पंचायत के लोग हैं निर्भर

अस्पताल के भरोसे तीन पंचायत के लोग हंै। इन तीनों पंचायत में राज्य सरकार के एक भी उपस्वास्थ्य केंद्र तक नहीं है। जबकि प्रखंड की दूसरी पांच पंचायत में उपस्वास्थ्य केंद्र है। दिलचस्प बात यह है कि अन्य जिन पंचायत में अब तक उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं है वहां उपस्वास्थ्य केंद्र बनाने की बात उठती है पर गिद्दी में सीसीएल के क्षेत्रीय अस्पताल होने के कारण किसी ने यहां राज्य सरकार के उपस्वास्थ्य केंद्र बनाने की मांग नहीं की। क्योंकि सभी जानते हैं कि पूर्व की तरह यहां सीसीएलकर्मियों के अलावे अन्य बासिंदो का भी इलाज की सुविधा है। पर अफसोस है कि इस अस्पताल में तो अब सीसीएलकर्मियों को ही बेहतर इलाज की व्यवस्था नहीं है तो गैर सीसीएलकर्मियों का इलाज क्या होगा।

दुर्घटनाग्रस्त मरीजोंं को नहीं मिल रही बेहतर सुविधा

अरगड़ा क्षेत्र के मरीजों के लिए ही नहीं डाड़ी प्रखंड के हजारों मरीजों के लिए गिद्दी अस्पताल जरूरी है। क्योंकि डाड़ी प्रखंड में भी अब तक प्रखंड स्तरीय अस्पताल नहीं बन पाया है। इसके कारण डाड़ी प्रखंड क्षेत्र में किसी प्रकार की दुर्घटना होने की स्थिति में उन्हें तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लोग मरीज को यहां लाते हैं। लेकिन गिद्दी अस्पताल में सुविधाओं के अभाव के कारण यहां आते ही डॉक्टर मरीज को नईसराए अथवा सदर अस्पताल रामगढ़ रेफर कर देते हैं। ऐसे में 20 किलोमीटर दूर सीसीएल के नईसराए अस्पताल अथवा सदर अस्पताल में भेजना पड़ता है

लोगों ने कहा- अस्पताल में पुरानी सुविधा बहाल हो

आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी में पूर्व की भांति अब इलाज नहीं होता है। इस कारण क्षेत्र में रहने वाले गैर सीसीएमकर्मियों को अत्यधिक परेशानी होती है। ऐसे में डाड़ी बीडीओ क्षेत्रीय प्रबंधन से बात करके अरगड़ा डिस्पेंसरी की तरह गिद्दी अस्पताल में भी एक डॉक्टर बैठाने की व्यवस्था करें।-संत सिन्हा

गिद्दी अस्पताल में 15 वर्ष पहले तक सुविधाएं काफी अच्छी थी। अस्पताल में सीसीएलकर्मियों की इलाज के साथ कॉलोनी में रहने वाले और आसपास के ग्रामीणों का भी इलाज होता था। पर अब इस अस्पताल में सीसीएल कर्मियों को भी सर्दी बुखार तक की पूरी दवा नहीं मिल पाती है।-शशिभूषण सिंह , मजदूर नेता

डाड़ी बीडीओ और जिला प्रशासन से गिद्दी में उपस्वास्थ्य केंद्र चालू करने की मांग की है। साथ ही जब तक गिद्दी उपस्वास्थ्य केंद्र चालू नहीं होता है। तब तक गिद्दी अस्पताल में एक डॉक्टर बैठाने की व्यवस्था कराई जाए, ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके।

-हीरालाल गंझू, मुखिया गिद्दी ग पंचायत

आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी में अब प्रारंभिक चिकित्सा की सुविधा तक उपलब्ध नहीं हो पाती है। अस्पताल में चिकित्सा सुविधा में लगातार हो रही कटौती गंभीर चिंता का विषय बन गया है। क्षेत्रीय प्रबंधन पूर्व की तरह गिद्दी क्षेत्रीय अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध कराए।

-सैनाथ गंझू, रैविमो केंद्रीय महासचिव

अरगड़ा क्षेत्र के रेलीगढ़ा डिस्पेंसरी बंद कर दिया गया। वहीं गिद्दी सी, अरगड्डा आदि डिस्पेंसरी में सुविधाओं की कटौती कर दी गई है। अब क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी में भी सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में मजदूरकर्मी इलाज के लिए कहां जाएंगे। मामूली बीमारी के इलाज के लिए भी नईसराए जाना संभव है। -सुनील सिंह, आरसीएमयू नेता

आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी का इंफ्रास्ट्रक्चर काफी अच्छा है। अस्पताल में ओटी, ब्लड जांच, एक्सरे, इसीजी आदि जांच का उपकरण मौजूद हैं। पर डॉक्टर और टेक्नीशियन के अभाव में सही इलाज नहीं हो पा रहा है। इस पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है।-चंद्रशेखर सिंह, ओवरमैन

सीसीएल के आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी में इलाज के सारे संसाधन होने के बाद भी विशेषज्ञ डॉक्टर और टेक्नीशियन के अभाव में अच्छा इलाज नहीं हो पा रहा है। जो डॉक्टर पदस्थापित हैं भी वे भी गिद्दी में नहीं रहते हैं। ऐसे में आपातकाल में इलाज की सुविधा नहीं हो पाती है।-संध्या देवी

आर्दश क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी ए में पहले जैसा इलाज नहीं होता है। अस्पताल में सभी व्यवस्था होते हुए भी डॉक्टर, टेक्नीशियन और दवा के अभाव में मामूली मौसमी बीमारी के इलाज के लिए भी सीसीएलकर्मियों को रामगढ़ रांची जाना पड़ता है।

-अनंया मुखर्जी, झामुमो नेता

सीसीएल के क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी में सहीं ढ़ग से कर्मियों का इलाज नहीं हो पाता है। वहीं सीएसआर से ग्रामीण इलाकों में शिविर लगाकर मरीजों की जांच किए जाने और दवा पितरण करने का कार्य किया जाना केवल मात्र आईवास जैसा काम लगता है।

-अलखनाथ सिंह, व्यवसायी

आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी में सुविधाओं की कमी के कारण क्षेत्र के मजदूर कर्मियों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अरगड़ा क्षेत्रीय प्रबंधन को इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए गिद्दी अस्पताल की कमी को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने का प्रयास करना चाहिए।-प्रेमचंद शर्मा, एजेकेएसएस नेता

आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी का स्वर्णिम इतिहास रहा है। इस अस्पताल में इलाज काफी अच्छा होता था। इसके कारण इस अस्पताल में दूसरे एरिया बरका सयाल तक के कर्मी और लोग पहुंचते थे। पर अब इस अस्पताल में सुविधाओं में काफी कमी हुई है।

-कीर्तन शर्मर, आरसीएमयू नेता

अरगड़ा क्षेत्रीय प्रबंधन और सीसीएल के अधिकारियों के उपेक्षा के कारण आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी की स्थिति दिनोंदिन खराब होते जा रही है। इसलिए अस्पताल में सुधार के लिए सभी यूनियन को मिलकर क्रमवार आंदोलन करना होगा।

- मोहन गहलौत

तीन पंचायत के लोग हैं निर्भर

आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी की स्थिति दयनीय है। इसमें सुधार करने के लिए वे क्षेत्रीय प्रबंधन से लेकर सीसीएल के उच्च अधिकारी से भी मांग किए है, लेकिन प्रबंधन मैन पावर की कमी बताक रहा है। नर्स आउटसोर्सिंग के पदस्थापित किए जा रहे हैं। प्रबंधन टेक्नीशियनों को भी आउटसोर्सिंग से पदास्थापित करे।-अरुण कुमार सिंह, सीसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य

आदर्श क्षेत्रीय अस्पताल गिद्दी की स्थिति दयनीय है। इसमें सुधार करने के लिए वे क्षेत्रीय प्रबंधन से लेकर सीसीएल के उच्च अधिकारी से भी मांग किए है, लेकिन प्रबंधन मैन पावर की कमी बताक रहा है। नर्स आउटसोर्सिंग के पदस्थापित किए जा रहे हैं। प्रबंधन टेक्नीशियनों को भी आउटसोर्सिंग से पदास्थापित करे।-अरुण कुमार सिंह, सीसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य

समस्याएं और सुझाव

1. गिद्दी की तीन पंचायतों में एक भी उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं है, इससे क्षेत्र के लोग इसी अस्पताल पर निर्भर हैं।

2.गिद्दी क्षेत्रीय अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं।

3. गिद्दी क्षेत्रीय अस्पताल में टक्नीशियनों की कमी के कारण सभी तरह की जांच बंद हो गए हैं।

4. गिद्दी क्षेत्रीय अस्पताल में प्रसव कक्ष तो बना हुआ है पर चालू नहीं हुआ है।

5.गिद्दी क्षेत्रीय अस्पताल में दवा और ड्रेसरों की कमी है।

1.जिला प्रशासन गिद्दी उपस्वास्थ्य केंद्र चालू करे अथवा गिद्दी अस्पताल में डॉक्टर बैठा कर गैर सीसीएलकर्मियों की इलाज की व्यवस्था कराया जाए।

2.गिद्दी अस्पताल में पहले की तरह विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति हो।

3.अस्पताल में खून जांच, एक्स-रे जांच, इसीजी जांच के लिए टेक्नीशियनों की नियुक्ति हो।

4.गिद्दी अस्पताल में प्रसव कराने की व्यवस्था कराई जाए।

5. गिद्दी अस्पताल में पूर्व की तरह मरीजों को प्रारंभिक दवा उपलब्ध कराया जाए।

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