सुबह किया मतदान, दिन में खेत-खलिहान में उतरे किसान
पतरातू के किसान बालेश्वर महतो और उनकी मां ने मतदान के दिन खेत में टमाटर की पटाई की। उन्होंने कहा कि खेती और खाना-पीना जीवन के लिए जरूरी हैं, जबकि मतदान 5 साल में एक बार होता है। परिवार ने सुबह मतदान...
पतरातू, सलीम अंसारी। दोपहर के करीब दो बजे होंगे। लबगा का किसान बालेश्वर महतो भुरकुंडा-पतरातू मुख्य मार्ग में 50 डिसमिल के खेत में टमाटर की पटाई में जुटा दिखा। बालेश्वर महतो के साथ उसकी मां भी खेती में उसका हाथ बंटा रही थी। लोकतंत्र के महापर्व के दिन जहां एक तरफ सभी लोग कतार में खड़े होकर मतदान में जुटे थे। वहीं दूसरी तरफ किसान अपने खेत में पटवन में जुटा दिखा। जब उससे चुनाव के संबंध में पूछा गया तो बालेश्वर महतो ही नहीं उसकी मां भी बोल उठी। खेती-बारी, खाना-पीना तो जिंदगी भर चलता रहता है, लेकिन मतदान 5 साल में एक बार करने का अवसर मिलता है। फिर भला इस अवसर को वे कैसे छोड़ सकती हैं। जैसे पेट चलाने के लिए खेती-बारी जरूरी है वैसे ही देश-राज्य सही से चले के लिए इसके लिए चुनाव में सही उम्मीदवार का चुना जाना भी जरूरी है। दिन में खेती में अपनी व्यस्तता के कारण उनका परिवार सुबह से अपने पोलिंग बूथ में कतारबद्ध होकर मतदान कर आएं। बालेश्वर कहते हैं पहले मतदान फिर जलपान, जिल प्रशासन का यह स्लोगन याद करते हुए वे भी सुबह-सुबह मतदान करने के बाद घर पहुंचकर जलपान किए, फिर निकल गए अपने काम धंधा में। वे कहते हैं खेतों में वे कड़ी मेहनत करते हैं। उन्हें अपने वोट की कीमत भी पता है। इसी कीमत को समझते हुए पूरा परिवार वोट किया। उन्होंने भुरकुंडा पतरातू मुख्य मार्ग के लबगा गांव में लगभग 50 डिसमिल जमीन में टमाटर की खेती लगाया है। जहां पर उन्होंने मतदान के बाद सिंचाई का काम किया। इसी तरह पतरातू प्रखंड के कई गांव के ग्रामीण और किसान वोट देने के बाद खेती में जुट गए।
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