जल्दी-जल्दी उगह हो सूरज देव, भईल अरग के बेर. . .
भुरकुंडा सहित आसपास के क्षेत्रों में छठ महापर्व धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने विभिन्न जलाशयों में सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ गीतों और शंख ध्वनि से वातावरण भक्तिमय बना रहा। व्रतियों ने सुबह...
भुरकुंडा। कोयलांचल भुरकुंडा समेत आसपास के कोलियरी और ग्रामीण क्षेत्र में आस्था व विश्वास का महापर्व छठ श्रद्धापूर्वक धूमधाम से मनाया गया। इस पावन अवसर पर पूरे कोयलांचल का माहौल भक्तिमय बना हुआ था। कहीं छठ के गीत तो कहीं शंख ध्वनि के साथ भगवान सूर्य का जयकार गूंज रहा था। गुरुवार शाम छठव्रतियों ने भुरकुंडा-सौंदा डी नलकारी तट, सौंदा दोमुहान, रिवर साईड, चैनगड़ा व लपंगा स्थित दामोदर नद तट, आईएजी डैम, लबगा डैम, कुरसे तालाब आदि जलाशय में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान विभिन्न समाजिक संस्थाओं की ओर छठ घाट में कई व्यवस्थाएं की गई थी। इसके कारण पूरी रात छठ घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। वहीं शुक्रवार को पौ फटने से पहले छठ घाटों में व्रतियों का आगमन शुरू हो गया। जलाशय में हाथ जोड़े व्रति एकटक सूर्यदेव की प्रतिक्षा कर रहे थे। ज्यों ही आसमान में अंधेंरे को चीरती हुई लालीमा दिखी, उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया। चहुंओर छठ के पावन गीत गूंजने लगे और समूचा क्षेत्र भक्ति सागर में गोता लगाने लगा। कोई हाथ जोड़कर तो कोई दंडवत प्रणाम कर छठी मईया से सुख, शांति और समृद्धि कामना की करने में लीन था। वहीं अर्घ्य के बाद छठ घाटों में प्रसाद देने और पाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची थी।
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