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बोले रामगढ़ : यहां अस्पताल नहीं, इलाज के अभाव में लोगों की जाती है जान

आजादी से पूर्व से अस्तित्व में रहा और प्रखंड की अहर्ता रखने वाला मांडू प्रखंड का चैनपुर संपूर्ण विकास से अछूता है। झारखंड में पंचायती राज के अस्तित्व

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Mon, 10 March 2025 02:06 AM
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बोले रामगढ़ : यहां अस्पताल नहीं, इलाज के अभाव में  लोगों की जाती है जान

वेस्ट बोकारो। प्रखंड के चैनपुर में आज भी कई समस्याएं हैं। यहां के बच्चों के लिए कोई कॉलेज, डिग्री कॉलेज, खेल मैदान, सिंचाई के लिए डीप बोरिंग, किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज स्थापित नहीं हो पाया। पूर्व में यहां पुलिस चौकी हुआ करती थी। लेकिन उस समय पंचायत के मुखिया और सरपंच के जबरदस्त दखल के कारण पंचायत में होने वाले सारी समस्या का निपटारा पंचायत में ही कर दिया जाता था। इससे थाना में कोई मामला पहुंच ही नहीं पाता था। इससेे बाद में यहां से पुलिस चौकी को हटा ली गई। क्षेत्र में पूर्व की अपेक्षा आज सरकारी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। राजकीय मध्य विद्यालय में जहां 80-90 के दशक में छात्रों की संख्या 700-800 हुआ करती थी आज वह सिमटकर 100 के लगभग हो गई है। कई दशकों से सोनडीहा रेलवे फाटक पर घंटों लगने वाले जाम से आज भी यहां के हजारों लोग और हजारों राहगीरों को दो चार होना पड़ता है। हद तो तब हो जाती है जब गंभीर अवस्था में मरीज को ले जा रहा वाहन या एंबुलेंस को भी इस रेलवे फाटक पर खड़ा रहना पड़ता है। स्कूली बच्चों को भी इससे काफी परेशानी होती है। आज एक दशक से उठाई जा रही फ्लाईओवर की मांग स्वीकृत हो चुकी है और जमीन पर काम शुरू भी हुआ। लेकिन जमीन के मुआवजा को लेकर पेंस फंस गया है और काम स्थगित है। केवल रेलवे की जमीन पर फाउंडेशन खोदकर छोड़ दिया गया है। क्षेत्र में अपराध भी एक वर्ष पूर्व से जड़े जमा रहा है। बीच बीच में क्षेत्र में घर से चोरी की घटना भी होती रही है। दूसरी ओर नशे का कारोबार भी यहां की युवा पीढ़ी को खोखला करने में लगी है। यहां के युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में फंसते चले जा रहे हैं। चाह कर भी इन बच्चों के अभिभावक उन्हें रोक नहीं पा रहे हैं। ऐसे में उक्त नशा की लत इन युवाओं से अपराध की ओर भी धकेल रही है।

क्षेत्र में पानी की व्यवस्था की अगर बात करें तो हर घर नल योजना पूर्ण रूप से विफल साबित हुई है। जलमीनार का निर्माण भी हुआ और घरों में नल का कनेक्शन भी लेकिन उसमें नियमित पानी नहीं आ सका। चैनपुर के बड़गांव, नावाडीह, छोटकी डुंडी, करमा, रतवे, भुईयांडीह, सिरका, भदवा, कुम्हरवार, बदगांव, जरहैया जैसे गांवों में यहां के ग्रामीणों को पानी की समस्या से दो चार होना पड़ता है। लोगों की जान क्षेत्र में लगे कुछ चापानल बचा रखा है। दर्जनों चापानल मरम्मत की आस लगाए हुए हैं। गर्मी के आगमन से पूर्व इन्हें दुरुस्त नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में हजारों की आबादी को पानी की भारी दिक्कत होगी।

क्षेत्र में कृषि प्रधान कई गांव हैं, यहां के लोग खेती पर निर्भर करते हैं। लेकिन किसानों की सुविधा के लिए डीप बोरिंग की सुविधा का घोर अभाव है। इससे यहां के किसानों को खेती करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

किन्नरों के आतंक से परेशान हैं क्षेत्र के लोग : यहां के लोग आए दिन पहुंचने वाले किन्नरों की टोली के आतंक से काफी परेशान हैं। यहां के डरे सहमे लोग बताते हैं कि स्कॉर्पियो से किन्नरों की टोली आ धमकते हैं। इनके आतंक की परिकाष्ठा कहें कि इन्हें देख लोग अपने घरों में ताला बंद कर भाग जाते हैं या दुबक कर घर में छुप जाते हैं।

लोग बताते हैं कि उक्त किन्नर जबरन खुशी वाले घरों पर पहुंचते हैं और जबरन 10-15 हजार की वसूली कर चले जाते हैं। लोगों को शंका है कि इन किन्नरों को क्षेत्र के कुछ लोग जानकारी देते हैं। इससे आए हुए किन्नर नाम लेकर पता पूछते हैं। किन्नरों का शिकार हुए ठेला लगाने वाले सुबोध से 8 हजार, पिक्की तिवारी से 21 सौ, फूलेश्वर प्रजापति से 15 हजार, उपमुखिया महेश साव, रंजीत जायसवाल, मनोज पांडेय, रघुनाथ, जनार्द्धन पांडेय, प्रेम प्रसाद, भूपेन्द्र साव जैसे कई लोग पीड़ित हैं। स्थिति यहां तक आ जाती है कि लोगों को जबरन महिला समिति या सूद पर पैसे लेकर किन्नरों को देकर पिंड छुड़ाना पड़ता है।

खेल मैदान नहीं, खिलाड़ी नहीं कर पाते अभ्यास

इतने बड़े क्षेत्र में हजारों स्कूली बच्चे विभिन्न स्कूलों में अध्ययनरत हैं। साथ ही कई बच्चे खेल के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। लेकिन क्षेत्रों में खेल मैदान होने के कारण ये खिलाड़ी नियमित अभ्यास नहीं कर पाते हैं। खेल मैदान रहता तो बच्चों को भी खेल के क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित करने में मदद मिलती। जहां क्षेत्र के युवा एथलेटिक्स, फुटबॉल, वालीबॉल, कबड्डी जैसे खेलों का अभ्यास कर सकेंगे। वहीं खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रशिक्षक की नियुक्ति भी अनिवार्य रूप से की जाय ताकि बच्चों को सही राह मिल सके और वह अपनी प्रतिभा में निखार ला सके।

कॉलेज के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं गरीब बच्चे

शिक्षा के क्षेत्र की अगर बात करें तो एक दर्जन से अधिक पंचायतों के बीच आज तक किसी कॉलेज का निर्माण नहीं हो पाया है। क्षेत्र के हजारों गरीब और अति पिछड़े परिवार के बच्चे किसी प्रकार सरकारी स्कूलों से 8वीं और दसवीं की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं। लेकिन उन्हें इंटर और उच्च शिक्षा के लिए रामगढ़, हजारीबाग सहित अन्य दूर दराज क्षेत्रों का रुख करना पड़ता है। परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति होने के कारण इन परिवारों के बच्चे आने-जाने का किराया, पठन सामग्री और कॉलेज की फीस चुकाने में असमर्थ साबित होते हैं। इसके कारण उनकी आगे की पढ़ाई छूट जाती है। ऐसे में उनका भविष्य अंधकार में चला जाता है और थक हारकर वह दिहाड़ी मजदूरी को अपना नसीब मान आगे बढ़ने लगते हैं। क्षेत्र के सांसद, विधायक और जिला प्रशासन गंभीरता दिखाती है तो आने वाले समय में ऐसे हजारों गरीब बच्चों को शिक्षा का समुचित अधिकारी मिल पाएगा।

बीमार होने पर लोगों को इलाज के लिए जाना पड़ता है रामगढ़

क्षेत्र में एक भी अस्पताल नहीं है। एक उपस्वास्थ्य केंद्र है जिसमें केवल एएनएम है। क्षेत्र के बड़गांव, नावाडीह, सारुबेड़ा, सोनडीहा, छोटकी डुंडी, करमा, रतवे, भुइयाडीह जैसे कई गांव में गंभीर मामलों या दुर्घटना की स्थिति में मरीज को यहां 20 किलोमीटर रामगढ़ ले जाना पड़ता है। इससे कई गंभीर अवस्था वाले मरीजों की रास्ते में ही मौत हो जाती है। साधारण रोगों में भी यहां के लोगों को रामगढ़ और रांची रोड का रुख करना पड़ता है। लंबी दूरी तय कर इलाज के लिए जाने वाले लोगों को इलाज कर घर लौटने में सुबह से शाम हो जाती है। ऐसे में एक अच्छे अस्पताल का निर्माण होने से यहां के हजारों लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा और गंभीरावस्था वाले मरीजों की भी जान बचाई जा सकेगी।

डीप बोरिंग की सुविधा नहीं

किसान बहुल्य क्षेत्र में यहां के किसानों को खेतों में पैदावार के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां के किसान आसपास के कई साप्ताहिक बाजार को हरी सब्जियां उपलब्ध कराते आ रहे हैं। घाटो, केदला, सारुबेड़ा, बड़गांव सहित अन्य क्षेत्रों में यहां के किसान खुद साइकिल, बाइक के सहारे अपने खेतों में उपजे हरी सब्जियों को बेचने के लिए खुद बाजार पहुंचते हैं और लोगों को ताजी सब्जियां उपलब्ध कराते हैं। लेकिन यहां के किसानों की सुविधा के लिए कोई डीप बोरिंग की सुविधा और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं प्रदान की गई है। इससे यहां के किसान अपनी पैदावार को सुरक्षित रख कर समय से बेच सकें

लोगों ने कहा- जलमीनार को चालू कराएं

1.यहां के युवाओं के भविष्य के लिए क्षेत्र में कॉलेज और डिग्री कॉलेज का निर्माण बेहद जरुरी है। सरकार और जिला प्रशासन को इसे गंभीरता पूर्वक लेना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य संवर सके। कॉलेज नहीं रहने से गरीब बच्चों को आगे की पढ़ाई में दकक्कत होती है और वह आने जाने में भाड़ा वहन करने में असमर्थ महसूस करते हैं।

- त्रिभुवन प्रसाद

2.चैनपुर को प्रखंड का दर्जा मिलना चाहिए। चैनपुर के प्रखंड बनने से आस-पास क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक पंचायतों के लोगों को 20-25 किलो मीटर की दूरी तय नहीं करना पड़ेगा। चैनपुर सभी पंचायतों के लिए सेंटर होगा और इन पंचायतों के लोगों को भी अपना काम कराने में सहूलियत होगी।

- आदित्य प्रसाद

3. चैनपुर क्षेत्र में चोरी की घटना की रोकथाम जरुरी है। खाली घरों को अपराधी अपना निशाना बना रहे हैं। जिससे यहां के लोगों में भय का माहौल है। पुलिस को योजनाबद्ध तरिके से इन अपराधियों तक पहुंचने की जरुरत है ताकि क्षेत्र के लोग शांति और सुरक्षित वातावरण में रह सकें।

- लक्ष्मण महतो

4.पूर्व की भांति चैनपुर में भी पुलिस चौकी का निर्माण होना चाहिए। जिससे यहां की समस्या और घटनाओं के बावत यहां के लोगों को शिकायत करने में दूर नहीं जाना पड़े। क्षेत्र में चौकी होने से अपराध पर भी अंकुश लग सकेगा और अपराधियों पर निगाह रखने में आसानी होगी जिससे अपराध में कमी आएगी।

- विकास प्रसाद

5.क्षेत्र में युवा वर्ग जो क्रिकेट, फुटबॉल, एथलेटिक्स में बहतर प्रतिभा रखते हैं उनके लिए भी समुचित खेल प्रसाधन और खेल मैदान की जरुरत है। सांसद, विधायक और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से खेल मैदान का निर्माण हो सकता है और यहां के बच्चों को खेल योग्यता निखारने का मौका मिल सकेगा।

- चितरंजन जायसवाल

6.इस क्षेत्र के लिए सोनडीहा रेलवे फाटक पर फ्लाईओवर का निर्माण बेहद जरुरी है। उक्त रुट और फाटक बोकारो, धनबाद, गोला, चितरपुर, रजरप्पा और रामगढ़ नयामोड़ को जोड़ती है। जिससे हजारों वाहनों का आना जाना लगा रहता है। फाटक बंद रहने से लोगों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ता है।

- बलराम साव

7.सरकार की योजना के अनुरुप क्षेत्र में दो-दो जलमीनार का निर्माण कराया गया है। लेकिन विगत डेढ़ वर्षो से उक्त जलमीनार से पानी की सप्लाई बंद रहने से हजारों घरों में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसे जल्द दुरुस्त करने की जरुरत है।

- राम लोचन प्रसाद, पूर्व वार्ड सदस्य

8.क्षेत्र वासी किन्नरों के आतंक से काफी भयभीत हैं। किन्नर क्षेत्र में पहुंचकर लोगों के घरों में जाकर अश्लिल हरकत करते हैं और जबरन दबाव बनाकर गृहस्वामी से पैसों की वसूली करते हैं। इसपर जिला पुलिस प्रशासन को गंभीरता से पहल करने की जरुरत है ताकि लोग इनके डर से बाहर निकल सकें।

- अनिल साव

9.यहां के अभिभावकों को बच्चों की नशाखोरी की लत को गंभीरता पूर्वक लेना चाहिए। ताकि देश के भविष्य इन युवा वर्ग को नशे के गिरफ्त में जाने से बनाया जा सके। स्थानीय पुलिस को भी इस फैलते नशे के कारोबार पर गंभीरता से अंकुश लगाने की जरुरत है।

- ईश्वर प्रसाद साहू

10.क्षेत्र के किसानों को खेती के लिए पानी की समस्या से दो चार होना पड़ता है। सरकार और जिला प्रशासन अगर ध्यान दे तो इन किसानों के सहूलियत के लिए डीप बोरिंग की सुविधा प्रदान कर इस परेशानी से निजात दिलाया जा सकता है।

- विश्वनाथ साव

11.क्षेत्र में कोल्डस्टेारेज की समस्या से यहां के किसानों को जूझना पड़ता है। क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण हो जाने से यहां के किसानों को अपने अनाज को सुरक्षित रखने में काफी मदद मिलेगी। इस ओर भी क्षेत्र के विधायक और सांसद को ध्यान देने की जरुरत है।

- शंकर ठाकुर

12 चैनपुर को प्रखंड के दर्जा देने की मांग सालों पुरानी है। जिसे अब पूरा कर देने की जरूरत है। इससे यहां के लोगों को काफी फायदा होगा। कोई भी सरकारी काम के लिए 25 किमी दूर जाना पड़ता है।

—प्रभु प्रसाद साव

इनकी भी सुनिए

चैनपुर का अपना एक अलग इतिहास रहा है। इतनी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र में आज भी बहुत कुछ का आभाव नज़र आता है। क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार का कोई वैकल्पिक साधन नहीं है। यहां के किसान भाइयों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि बच्चों के उच्च शिक्षा को लेकर कोई कॉलेज तक नहीं है। जिससे यहां के 10वी पास बच्चों को बाहर भटकना पड़ता है और बीच में ही पढ़ाई छूट जाती है।

- बुलबुल कुमारी, मुखिया, बड़गांव पंचायत

बड़गांव और नावाडीह पंचायत के दर्जनों गांव में हर घर नज जल योजना डेढ़ वर्षो से बंद है। इस समस्या को लेकर कई बार संबंधित विभाग सहित डीसी और बीडीओ को लिखित शिकायत दिया गया। लेकिन उसका आज तक कोई समाधान नहीं निकल पाया। जिससे यहां के हजारों ग्रामीणों को पानी की काफी समस्या झेलनी पड़ रही है। वहीं फ्लाईओवर का काम शुरु होते ही बंद हो गया है। इसके जो भी कोरण हैं इसका जल्द समाधान होना चाहिए।

- संजय प्रसाद, मुखिया, नावाडीह पंचायत

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