शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए कार्यशाला में हुआ मंथन
मेदिनीनगर में पलामू जिले के शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें युवाओं और अवयस्कों को तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम में सभी...
मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। पलामू जिले का शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए बीरबल प्लस-2 हाई स्कूल परिसर में शुक्रवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। सीड्स के तकनीकी सहयोग से स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलॉपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के तकनीकी सहयोग से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। समग्र शिक्षा अभियान के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार मिश्र ने कार्यशाला में उपस्थित सभी पदाधिकारियों, प्राचार्यों, शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा की तम्बाकू सेवन की आदत जनस्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या के रुप में वैश्विक स्तर पर उभर रहा है। अतः तंबाकू सेवन के दुष्परिणाम के प्रति अवयस्क और युवा वर्ग में जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि अपने आनेवाले भविष्य की चिंता करते हुए युवाओं और अवयस्कों को तम्बाकू की लत से दूर रखा जाए।
उन्होंने सभी प्रतिभागियों को तम्बाकू सेवन न करने का शपथ दिलाया। सीडस के कार्यक्रम समन्वयक रिम्पल झा ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने बताया कि तम्बाकू उत्पाद से बच्चे, अवस्क एवं युवा वर्ग के लोगों को बचाये जाने की आवश्यकता है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (2019) ने सम्पूर्ण विश्व में युवाओं के तम्बाकू सेवन से संबंधित संकलित आंकड़े को प्रदर्शित किया और कहा कि भारत में 13-15 वर्ष के 8.5 प्रतिशत छात्रगण किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू का उपयोग कर रहे हैं। झारखंड में यह 5.1 प्रतिशत है जो चिन्ता का विषय है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, चयनित विद्यालय के प्राचार्य, नोडल शिक्षक, सीड्स झारखंड के क्षेत्रीय समन्वयक भोला पांडेय आदि उपस्थित थे।
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