तेज आंधी व झमाझम बारिश से पलामू हुआ सेनेटाइज
पलामू में मंगलवार की शाम में 20 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चली आंधी के साथ हुई बारिश से मेदिनीनगर सिटी समेत पूरा जिला तर हो गया। करीब आधा घंटे तक...
मेदिनीनगर। संवाददाता
पलामू में मंगलवार की शाम में 20 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चली आंधी के साथ हुई बारिश से मेदिनीनगर सिटी समेत पूरा जिला तर हो गया। करीब आधा घंटे तक कड़कती बिजली के बीच हुई झमाझम बारिश से कोरोना संकट काल में पूरा जिला प्राकृतिक रूप से सेनेटाइज हो गया है।
भारतीय मौसम विभाग के डालटनगंज केंद्र के अनुसार बारिश 59 मिलीमीटर रिकार्ड किया गया है जबकि हवा की स्पीड 10 नॉट अर्थात 20 किलोमीटर प्रति घंटा रहा। इस तेज आंधी व पानी की चपेट में आकर मेदिनीनगर शहर सहित ग्रामीण इलाके में कई पेड़ टूटकर सड़क व खेत में आ गिरे हैं। बड़ा नुकसान मेदिनीनगर सदर प्रखंड के दुबियाखाड़ मोड़ पर हुआ है। एनएच-39 से बेतला नेशनल पार्क जाने के लिए मुड़े रास्ते में बनाये गये राजा मेदिनीराय द्वार का छज्जा, जो बारिश व धूप में यात्रियों को बचाता था, तेज आंधी में टूटकर सड़क पर आ गिरा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तेज आंधी के बीच कड़की बिजली के साथ ही छज्जा टूटकर सड़क पर आ गिरा। छज्जे के मलबे के नीचे एक सवारी गाड़ी भी दब गया। संबंधित सरजा पंचायत के मुखिया आनंद कुमार ने बताया कि तेज आंधी, बारिश तथा वज्रपात से तोरणद्वार का छज्जा गिरा है। छज्जा के नीचे खड़ा एक पिकअप वैन, तीन टेंपो और दो बाइक मलबा के नीचे दब गये। मुखिया के अनुसार तेज हवा और बारिश से बचने के लिए वाहन और उसमें सवार लोग छज्जा के नीचे छिपे थे। पास में स्थित मंदिर तथा यात्रीशेड में भी काफी लोग खड़े थे। भरभरा कर छज्जा को गिरता लोग उसके नीचे से भागे। एसडीएम राजेश कुमार साह व सतबरवा थाना के प्रभारी करमपाल नाग मौके पर बल के साथ पहुंचकर मलबे में दबे वाहनों को हटवाते हुए आवागमन बहाल करवाया। एसडीओ ने बताया कि गेट गिरने से जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि 1996 में राजा मेदिनीराय की याद में संबंधित तोरणद्वार बनाया गया था और दुबियाखाड़ में आदिवासी महाकुंभ मेला शुरू हुआ था।
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