एमआरएमसीएच में रोज हो रहा है औसतन 10 मरीजों की डायलिसिस
पलामू प्रमंडल के मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर दिन औसतन 10 मरीजों का डायलिसिस हो रहा है। 2024-25 में 21 फरवरी तक लगभग 3816 यूनिट डायलिसिस किया गया है। अस्पताल में नेफ्रोलॉजिस्ट की कमी है,...
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मेदिनीनगर, आनंद कुमार। पलामू प्रमंडल के सबसे बड़े हॉस्पिटल मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमआरएमसीएच) में प्रत्येक दिन औसतन 10 मरीजों का डायलिसिस हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों का 21 फरवरी तक लगभग 3816 यूनिट डायलिसिस हो चुका है। यह आकड़े बता रहे हैं कि पलामू जिले में किडनी कह बीमारी से बड़ी संख्या में मरीजों जूझ रहे हैं। हालांकि दु:खद पहले यह है कि एमआरएमसीएच में नेफ्रोलॉजिस्ट कार्यरत नहीं है। मरीजों की डायलिसिस तकनिशिन के भरोसे होता है। एमआरएमसीएच के अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान में खानपान, सामाजिक परिवर्तन, स्टोन और बढ़ते डायबिटीज के कारण किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं। लोगों को इससे बचने के लिए नियमित संतुलित आहार लेना चाहिए। एमआरएमसीएच के डायलिसिस सेंटर के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 56 लाख रुपए की राशि आवंटित की गई थी। इन पैसों से डायलिसिस सेंटर में सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। नेफ्रोलॉजिस्ट की नियुक्ति को लेकर भी अस्पताल प्रबंधन लगातार प्रयासरत है। अभी हाल ही अखबार और विभिन्न माध्यमों से नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे उसमें पलामू के लिए कोई आवेदन नहीं आया है। जैसे ही अपनी सेवा देने के लिए कोई नेफ्रॉलोजिस्ट तैयार होते है, एमआरएमसीएच में उनकी तत्काल नियुक्ति की जाएगी।
एमआरएमसीएच डायलिसिस सेंटर के टेक्नीशियन बिपिन कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में डायलिसिस के लिए चार मशीन है। 10 से ज्यादा मरीज का डायलिसिस नियमित होता है। हाल के दिनों में मरीज तेजी से बढ़े है। अब मशीनों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस हो रही है। बीपीएल और राशन कार्ड धारियों का बिल्कुल फ्री में डायलिसिस होता है जबकि बिना किसी कार्ड के मरीजों के लिए 1048 रुपए शुल्क निर्धारित है। एमआरएमसीएच में डायलिसिस सुविधा फिलवक्त पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत कराया गया है। शुक्रवार को डायलिसिस करवा रहे मुरमा निवासी बिपिन बिहारी सिंह ने बताया कि वे विगत छह महीने से नियमित रूप से एमआरएमसीएच में डायलिसिस करवा रहे हैं। डायलिसिस के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है। अबतक कोई दिक्कत नहीं हुई है। एक अन्य मरीज कजरी निवासी रिमा कुमारी ने बताया कि रांची के मेदांता से इलाज के पश्चात एमआरएमसीएच में ही नियमित रूप से ही 5-6 महीनों से डायलिसिस करवा रही हैं।
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