लगातार गहरी होती जा रही है, हुसैनाबाद में अंधविश्वास की जड़ें
हुसैनाबाद, पलामू जिले में एक महिला ने अंधविश्वास के चलते अपनी डेढ़ साल की बेटी की बलि चढ़ा दी। तांत्रिक क्रिया में शामिल होकर, उसने बच्ची के मांस को प्रसाद मानकर खाने का प्रयास भी किया। पुलिस ने शव को...
हुसैनाबाद, प्रतिनिधि। पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड में अंधविश्वास की गहरी जड़े जागरूकता अभियान के बावजूद और गहरी होती जा रही है। डायन-बिसाही और ओझा-गुणी को लेकर मारपीट और हत्या अक्सर होती रहती है। परंतु ओझा-गुणी के झांसे में आकर डायन-बिसाही सिखने और सिद्धि के लिए घर से करीब दो किमी दूर, सिकनी बरवाढोड़ा जंगल के पास, निर्जन पहाड़ी की तलहटी में, तांत्रिक क्रिया करते हुए, अपनी डेढ़ साल की बच्ची परी की बलि चढ़ा देने की घटना सभी सकते में है। चार बच्चों की मां और दिल्ली में काम करने वाले युवक अरूण राम की पत्नी गीता देवी, अंधविश्वास में इतनी पागल हो गई थी कि अपनी बच्ची की न सिर्फ बलि चढ़ाई बल्कि उसके मांस और खून को प्रसाद मानकर उसे खाने-पीने का प्रयास भी की थी। साथ ही निर्वस्त्र स्थिति बलि स्थल के आसपास नृत्य भी की है। अंधविश्वास में डूबी महिला ने तांत्रिक क्रिया के बाद बच्ची के शव को पास के नाले में जाकर कीचड़ में दफना दिया था। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम करवाया।
घटना के बाद से आरोपी महिला के परिजन और गांव वाले काफी दु:खी हैं। परिजन घटना के बारे में बात करने से कतरा रहे हैं। आरोपी की सास कौशल्या देवी के अनुसार गीता देवी मंगलवार की दोपहर करीब 11 बजे घर से निकली थी। शाम तक नहीं लौटने पर खोजबीन की गई परंतु कोई जानकारी नहीं मिली। मध्य रात में गांव के मनोज राम के घर के बाहर निर्वस्त्र स्थिति में अकेली खड़ी होने की जानकारी मिली। परंतु उसकी नन्ही बेटी परी साथ में नहीं थी। प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताई कि परी को ओझा लेकर चला गया परंतु कपड़ा पहनाने के बाद जब कड़ाई से पूछताछ की गई तब पूरी घटना क्रम की जानकारी उसने दी। इसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई।
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