कीटनाशक छिड़काव को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
पाकुड़िया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉ. भरत भूषण की अध्यक्षता में कीटनाशक छिड़काव से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। 18 मार्च से कालाजार प्रभावित गांवों में सिंथेटिक पाईरोथ्राइड कीटनाशक का छिड़काव...
पाकुड़िया। एसं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भरत भूषण की अध्यक्षता में आईआरएस प्रथम चरण कीटनाशक छिड़काव से संबंधित एसएफ डब्ल्यू एवं एफ डब्ल्यू को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान छिड़काव से संबंधित टेक्निकल एवं कीटनाशक के महत्व के बारे में कर्मियों को बताया गया। प्रखंड के 18 कालाजार प्रभावित गांवों में आईआरएसस्प्रे के तहत सिंथेटिक पाईरोथ्राइड 5 प्रतिशत नामक कीटनाशक का छिड़काव 18 मार्च से शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कालाजार संक्रमित मादा बालू मक्खी के काटने से फैलता है। जिसमें दो सप्ताह से अधिक बुखार मलेरिया रोधी दवा खाने पर भी ठीक नहीं होना, भूख नहीं लगना, वजन घट जाना, खून की कमी हो जाना, पिलहा का आकार बढ़ जाना एवं चमड़े का रंग काला हो जाना कालाजार का मुख्य लक्षण है। मरीजों को स्वास्थ्य कर्मी से संपर्क कर जांच एवं इलाज कराया जाय। साथ ही रोगी को 6600 श्रम क्षतिपूर्ति एवं चमड़े वाले रोगी को 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति दी जाती है। इस दौरान उन्होंने बताया की कीटनाशक का छिड़काव तकनीकी रूप से करने से कालाजार रोग 80 प्रतिशत तक खत्म किया जा सकता हैं। यह कीटनाशक एक बार छिड़काव करने से 75 दिन तक इसका असर दीवाल में रहता है। कीटनाशक घर के सभी कमरों में जैसे खाना बनाने वाला कमरा, सोने वाला कमरा, पूजा घर एवं गौशाला में छिड़काव करने से कालाजार रोग फैलाने वाले बालू मक्खी मर जाती है। मौके पर केटीएस संजय मुर्मू, पीरामल फाउंडेशन के प्रभात रंजन, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक प्रभात दास उपस्थित थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।