परिवार वालों ने टीम को बच्चा सौंपने से किया इनकार
हिरणपुर में एक नवजात शिशु को धोवाडांगा गांव में लावारिस अवस्था में पाया गया था। जिला बाल संरक्षण टीम और पुलिस ने बच्चे को लेने का प्रयास किया, लेकिन परिवार ने उसे सौंपने से मना कर दिया। उन्होंने कहा...
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हिरणपुर। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा गठित टीम स्थानीय पुलिस के सहयोग से बुधवार को धोवाडांगा गांव पहुंची। टीम बीते 14 जनवरी को हिरणपुर थाना क्षेत्र के रानीपुर-जामपुर पथ के परगला नदी पुल के निकट सड़क किनारे पुआल के ढेर में मिले नवजात शिशु को लेने गांव पहुंची थी। जहां उसका लालन पालन कर रहे परिवार वालों ने उसे टीम को सौंपने से मना कर दिया। उन्होंने टीम से कहा कि जब बच्चा की हालत ऐसी थी तब आप कहाँ थे। हमलोग बच्चे का लालन पालन करेंगे। इसके लिए कोई भी प्रक्रिया से गुजरने के लिए तैयार है, लेकिन बच्चे को सौंपा नहीं जाएगा। उधर टीम के सदस्यों द्वारा परिजन एवं ग्रामीणों को काफी देर तक नियमों के बारे में बताया। लेकिन ग्रामीणों ने कुछ भी सुनने ओर समझने से इनकार कर दिया। गौरतलब हो कि उक्त स्थान से लावारिस अवस्था में मिले बच्चे को धोवाडांगा निवासी रमेश साहा अपने साथ लेकर चले गए थे। तब से लेकर अब तक उन्होंने उस बच्चे का इलाज से लेकर उसकी परवारिश की। जिस कारण अब वो बच्चे को देने से इंकार कर रहे है। मालुम हो कि जिला बाल संरक्षण विभाग ने इस मुद्दें को गंभीरता से लेकर जांच करायी थी कि आखिर लावारिश बच्चे को कौन अपने साथ ले गया। इसके बाद रमेश साहा का नाम सामने आया था।
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