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ग्यारह करोड़ के लागत वाली पेयजलापूर्ति योजना बेकार

लोहरदगा के कैरो प्रखण्ड में 11 करोड़ की लागत से बनी पेयजलापूर्ति योजना बेकार हो गई है। यह योजना 2017 में शुरू हुई थी और तीन साल तक काम करती रही। अब उपभोक्ता पानी का बिल नहीं चुकाने के कारण यह बंद है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, लोहरदगाThu, 20 Feb 2025 04:11 AM
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ग्यारह करोड़ के लागत वाली पेयजलापूर्ति योजना बेकार

कैरो, प्रतिनिधि। लोहरदगा कैरो प्रखण्ड मुख्यालय में बने ग्यारह करोड़ की लागत से बना ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना बेकार हो गया है। इस योजना का निर्माण पेयजल स्वच्छता प्रमंडल के द्वारा 2017 में हुआ था। इसमें राइजिंग पाइप लाइन, किलयर वाटर राइजिंग,वितरण पाइप लाईन, सेंट्रीफ्यगल पंप, भीटी पम्प, वास वाटर टैंक, जलमीनार, जल संयोजन, इंटेकवेल सहित विभिन्न सयंत्र का निर्माण हुआ है।

इस योजना से कैरो, उतका, विराजपुर, जामुनटोली, सुकुरहट्टू, सिंजो, उमरी गांव के दो हजार घरों में कनेक्शन है। इससे लगभग दस हजार लोगों की प्यास बुझती थी। इस योजना के निर्माण के बाद से लगातार तीन वर्षों तक सुचारू रूप से लोगों के घरों में पानी पंहुचती थी। तीन वर्ष सबंधित ठेकेदार के द्वारा इसकी देख- रेख हो रही थी। इसके बाद जब इसका हैण्डओवर ग्राम पेयजल स्वच्छता समिति को कर दिया गया। तब से पेयजलापूर्ति नहीं चल रही है।

ग्राम पेयजल स्वच्छता समिति के अध्यक्ष सह कैरो पंचायत के मुखिया विरेन्द्र महली का कहना है। पेयजलापूर्ति योजना को सुचारू रूप से चलाने में वाटर रिफायनरी केमिकल और देख-रेख करने वाले कर्मियों का खर्च महीने का लगभग 75 हजार रुपए है। उपभोक्ताओं द्वारा पानी का बिल भुगतान नहीं करने के कारण इसका मेंटेन नहीं हो सका जिस कारण संयत्र बंद है।

पेयजलापूर्ति योजना को सुचारू रूप से चलाने में वाटर रिफायनरी केमिकल और देख-रेख करने वाले कर्मियों का खर्च महीने का लगभग 75 हजार रुपए है। उपभोक्ताओं द्वारा पानी का बिल भुगतान नहीं करने के कारण परेशानी पैदा हुई है।

वीरेन्द्र महली, स्वच्छता समिति अध्यक्ष

जब पेयजलापूर्ति शुरू हुई थी तो हमलोगों को आस जगी थी कि अब पानी की समस्या कम होगी। पर इसके बंद होने जाने से पेयजल समस्य और बढ़ गयी है। कैरो प्रखंड में वैसे भी ग्राउंड वाटर की स्थिति खराब है। सप्लाई पानी ही इकलौती उम्मीद थी, वह भी पूरी नहीं हुई।

बजरंग सोनी, कैरो

ग्रामीण बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं इसलिए सयंत्र बंद है। उपभोक्ता पुनः पानी का बिल नियमित देना शुरू कर दें जलापूर्ति योजना अवश्य शुरू होगी। उपभोक्ताओं को भी जिम्मेदार होना होगा। केवल सरकार और विभाग के भरोसे अच्छी व्यवस्था नहीं हो सकती।

संजय साहू, कैरो

ग्यारह करोड़ की लागत से विभाग हम ग्रमीणों के लिए सयंत्र लगा दिया है, इसको सुचारू रूपवसे चलाना और बचाना हमलोगों का कर्तव्य है। सरकारी विभाग और आम जनों के बीच बेहतर समन्वय हो तो योजना को फिर से पुर्नजीवित किया जा सकता है।

अशोक सोनी,कैरो

ग्राम पेयजल स्वच्छता समिति नियमित रूप से पानी का बिल वसूल कर हमलोग बिल देने को तैयार हैं। पर हर हाल में पानी सप्लाई चालू होनी चाहिए। इसके लिए प्रशासन और विभाग को जल्द और पुख्ता पहल करने की जरूरत है।

नीतू देवी, कैरो

सभी उपभोक्तओं की एक बैठक कर समस्या का हल निकालना अतिआवश्यक है, ताकि पेयजलापूर्ति जल्द चालू हो सके। इसे लेकर अबतक सरकारी अफसर उदासीन रहे हैं। जनप्रतिनिधियों को तो जैसे कैरो के लोगों की बुनियादी समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं रह गया है।

मोहित सोनी, कैरो

पानी का बिल आधे उपभोक्ता दे रहे थे। जो लोग बिल नहीं चुका रहे थे, दोषीवार वह हैं। ऐसे लोगों की वजह से ही इतनी अच्छी व्यवस्था ठप हुई। मुफ़तखोरी सही नहीं है। ऐसे लोगों पर सख्ती बरतते हुए राशि वसूल कर पानी आपूर्ति चालू किया जाए।

विजय पांडेय, कैरो

ग्राम पेयजल स्वच्छता समिति इसमें पहल करे और सभी ग्रामीणों का एक बैठक रखी जाए इससे समस्या का निराकरण जरूर होगा। गर्मी सर पर है। अगर अभी पहल हो तो लोगों को पेयजल की भीषण समस्या झेलनी नहीं पड़ेगी।

ममता देवी, गृहिणी

जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों और प्रखंड प्रशासन को स्थानीय प्रतिनिधियों से मिलकर, उपभोक्ताओं से बात कर समस्या का निराकरण निकालना होगा। वरना इस बार गर्मी में हालात बदतर होंगे।

भोला प्रसाद, कैरो

फोटो-07-लोहरदगा के कैरो में बंद पड़ा पेयजलापूर्ति केंद्र

फोटो-09-वीरेन्द्र महली

फोटो-10-ममता देवी, गृहिणी

फोटो-11-बजरंग सोनी

फोटो-12-संजय साहू

फोटो-13-अशोक सोनी

फोटो-14-नीतू देवी

फोटो-15-मोहित सोनी

फोटो-16-विजय पांडेय

फोटो-17-भोला प्रसाद

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