पहलगाम की घटना ने सिद्ध किया आतंकियों का धर्म होता है: आचार्य शरच्चंद्र
लोहरदगा में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जिहादी आतंकियों द्वारा 26 हिंदू पर्यटकों की हत्या की निंदा की गई। लोगों ने भारत सरकार से बदला लेने की मांग की।...

लोहरदगा, संवाददाता। गुरुकुल शांति आश्रम लोहरदगा के विशाल यज्ञशाला परिसर में बुधवार शाम को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदू पर्यटकों की जिहादी आतंकियों के द्वारा निर्मम हत्या किए जाने की कड़ी शब्दों में निंदा की गई। तमाम लोगों ने भारत सरकार से देश के लोगों और राष्ट्र शहीदों के एक-एक आंसू की का बदला लेने की मांग की है। कहा कि यह दुनिया के सबसे नृशंस हत्याओं में एक है। भारत के नेता नगरी कहते हैं, कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है। पर इस घटना ने यह साबित कर दिया कि आतंकवाद का धर्म होता है।
उक्त बातें झारखंड आर्य वीर दल के प्रदेश प्रमुख आचार्य शरच्चंद्र आर्य ने कहीं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने पहले धर्म पूछा, फिर कलमा पढ़ने को कहा, फिर वस्त्र उतरवाए। जब सभी हिंदू निकले तो उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया। इस घटना में जिहादियों ने किसी के पत्नी के मांग की सिंदूर को पोंछ दिया, तो किसी मां बाप को बेसहारा कर दिया। किसी के बच्चे को अनाथ कर दिया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए झारखंड प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि यह दुनिया का धर्म पूछ कर किया गया। सबसे बड़ा नरसंहार है। खूनी आतंक ने हिंदुओं को अपना शिकार बनाया। इंसानियत और रहम नाम की चीज जिहादियों और जिहादी आतंकवादियों ने यह हमला सनातन और भारत में किया है। जहां घटना को अंजाम दिया गया, वहां देश के तमाम प्रांतों के लोगों की हत्याएं हुई हैं। न भाषा देखा ना क्षेत्र देखा सिर्फ धर्म देखकर लोगों की हत्या कर दी गई। जिन लोगों की हत्या की गई उसमें नेवी के लेफ्टिनेंट, बैंक के मैनेजर, एयरफोर्स अधिकारी के भाई, व्यवसायियों को सिर पर गोलियां मारी गई है। भारत सरकार से देश की जनता चाहती है कि इसका बदला लिया जाए। आतंकवादियों और उनके आकाओं को सबक सिखाया जाए। एक ओर मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को मारा जा रहा है। महिलाओं के साथ अन्याय किया जा रहा है, तो दूसरी ओर कश्मीर में धर्म पूछा जा रहा है, कलमा पढ़ने को कहा जा रहा है और फिर गोलियां सर पर मार दिया जा रहा है। इसकी कीमत आतंकवादियों को चुकानी पड़ेगी। श्रद्धांजलि सभा में अन्य लोगों के अलावा लाल नवल किशोर नाथ शाहदेव, मनोज गुप्ता मन्ना,दीपक सर्राफ ,शंकर गुप्ता, अमित कुमार, बैजनाथ प्रसाद गुड्डूस, राजकुमार, रानू कुमार, सलोनी कुमारी, गौरी देवी, रामवती देवी, इंदु देवी, चंदा देवी, नीलम देवी, गीत देवी, अनिमा देवी, संगीता देवी, किरण देवी, छाया देवी, समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। ब्रह्मचारियों ने इस मौके पर कहा कि आतंकवादियों में इतना दम है, तो हमारे सेना से सामने लड़ो। छुप कर हमला करने कायरता बंद करें। रामवती देवी ने कहा कि भारत की नारी शक्ति इसे कभी नहीं भूलेगी। आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक की नारीशक्तियों के आंसू गिरे हैं, इसे अंगारा बनाकर इसका हिसाब लिया जाएगा।
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