हेमंत सोरेन आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित करा रहे हैं-अरविंद उरांव
लोहरदगा में आदिवासी समन्वय समिति की बैठक हुई जिसमें आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। समिति ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पर आरोप...
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लोहरदगा, प्रतिनिधि। आदिवासी समन्वय समिति लोहरदगा के अध्यक्ष अरविंद उरांव की अध्यक्षता में आदिवासियों के ज्वलंत मुद्दों को लेकर आदिवासी सांस्कृतिक कला केन्द्र भवन कुटमू लोहरदगा में समिति की बैठक हुई।
इसमें निर्णय लिया गया कि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार एवं आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए प्रखण्डवार धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। उपायुक्त लोहरदगा के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा ।
अरविंद उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन झारखण्ड में हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद पेसा कानून लागू नहीं कर रहा है। उल्टे पेसा के नाम पर तमाशा खड़ा कर रहा है। कई गुट आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। इसकी खुली छूट हेमन्त सोरेन ने दे रखी है।
युवा नेता विश्वनाथ भगत ने कहा कि टीएसी (जनजातीय परामर्शदात्री परिषद) संवैधानिक संस्था है, जिसे हेमन्त सोरेन सरकार अपने निजी स्वार्थ के लिए प्रत्यक्ष हस्तक्षेप कर टीएसी के मूल रूप को खत्म कर रहे हैं। यह अनुचित है।
महिला नेत्री अंजू देवी ने कहा कि आदिवासी महिला को गैर आदिवासी लोगों द्वारा षडयंत्र के तहत फंसाया जाता है। आदिवासी जमीन को लूटना, आदिवासी महिला का दोहन करना ही मकसद रहता है। यह मामला झारखण्ड में दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। इस मामले पर हेमन्त सोरेन को विधि सम्मत तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। जिला राजी पड़हा बेल लक्ष्मी नारायण भगत ने कहा कि हेमन्त सोरेन झारखण्ड के आदिवासियों के जमीन लूट को बढ़ावा दे रहें हैं। सादा पट्टा पर आदिवासी जमीन हड़पी जा रही है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की मानसिकता आदिवासियों को बर्बाद करने की है।
भण्डरा में 25 फरवरी, लोहरदगा में 28 फरवरी, किस्को में चार मार्च, पेशरार में आठ मार्च, कैरो में 12 मार्च, कुड़ू में 20 मार्च, सेन्हा में 24 मार्च को तथा समाहरणालय मैदान लोहरदगा में 28 मार्च को धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। बैठक में पूर्व मुखिया वीरेन्द्र उरांव, गोसाई उरांव, विश्वनाथ भगत, राजू उरांव, मुकेश कुमार, सतीश भगत, मनोज उरांव आदि मौजूद थे।
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