भारत के विरुद्ध पाक जिहादी युद्ध का कठोरतम जबाव जरूरी: रितेश कुमार
लोहरदगा के धार्मिक संगठनों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना की निंदा करते हुए संयुक्त विरोध मार्च निकाला। इस दौरान आतंकवादियों और कुछ नेताओं का पुतला दहन किया गया और शहीदों को श्रद्धांजलि...

लोहरदगा, संवाददाता। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुई भीषण आतंकी घटना की निंदा करते हुए लोहरदगा ज़िला के धार्मिक संगठनों का संयुक्त विरोध मार्च निकाला। ललित नारायण स्टेडियम से बरवा टोली चौक पहुंचकर आतंकवादियों एवं असदुद्दीन ओवैसी, ममता बनर्जी, उमर अब्दुल्ला का पुतला दहन किया गया। शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान विहिप अध्यक्ष रितेश कुमार ने कहा कि अब समय आ गया है कि इस्लामिक जिहादी पाकिस्तान व उसके कश्मीरी स्लीपर सेल के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित कर घाटी में पुनः सिर उठाने का दुस्साहस करने वाले मजहबी आतंकवाद का समूल नाश हो। श्रीराम समिति अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने कहा है कि कश्मीर घाटी के पहलगाम में जिस प्रकार यात्रियों के पेंट उतारकर, कलमा पूछ कर और आईडी चेक कर, जब यह सुनिश्चित हो गया कि वे मुस्लिम नहीं है, उनका नरसंहार किया गया, घोर निंदनीय है।
इस अमानवीय घटना पर संपूर्ण देश स्तब्ध व आक्रोशित है। यह साफ दिखाई दे रहा है कि 1990 के आतंकवाद के दिनों की वापसी का दुस्साहस हो रहा है। योगी सेना अध्यक्ष प्रवीण ठाकुर ने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के स्लीपर सेल आज भी मौजूद हैं जो पाकिस्तान के इशारे पर कभी भी आतंकवाद के इन घृणित घटनाओं को करने के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होंने स्मरण कराया कि कुछ दिन पूर्व ही एक सांसद ने कहा था कि कश्मीर में जो यात्री या पर्यटक आ रहे हैं या जमीन खरीद रहे हैं। वे यहां सांस्कृतिक अतिक्रमण कर रहे हैं। उसके कुछ दिन के बाद ही, पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष ने कहा कि था हमारे सामने कश्मीर को वापस लेना ही एक मात्र एजेंडा रह गया है। अपने उसे एजेंडे की पूर्ति के लिए ही शायद उसने यहां जिहादी आतंकवादी हमला कराया। ईट का जवाब पत्थर से देने के लिये तैयार रहना चाहिए। कुछ लोग कहते हैं कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता लेकिन उसका मजहब अवश्य होता है, यह साफ दिखाई देता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के मुस्लिम नेता इस निर्मम नरसंहार पर क्यों चुप्पी साधे हैं? वे वक्फ एक्ट का झूठा डर दिखाकर तो पूरे देश में अफरा तफरी मचा सकते हैं। लेकिन, कश्मीर घाटी में मारे गए इन मासूम हिंदू यात्रियों की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरने का साहस नहीं कर सकते। यह स्थिति अच्छी नहीं है। पूरा देश इस समय गुस्से में है। इस पर त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए अन्यथा यह आक्रोश और बढ़ सकता है। विरोध मार्च में भाजपा के अजय पंकज, टिंकू कुमार, शामेला भगत, संगीता कुमारी, राजेश महतो, अखिल विद्यार्थी परिषद के दायित्ववान कार्यकर्ता छवी सिंह, जहान्वी गोयल, अंशु बर्मा, जय कुमार साहू, पृथ्वी तामेड़ा, युवराज ठाकुर के साथ साथ सभी हिन्दू संगठन के विपुल तामेड़ा, आकाश महतो, रवि वर्मा, गौरव कुमार लड्डू, प्रदीप साहू, अजय सोनी, ओम महतो, विशाल कुमार, विनोद साहू, अनिल उरांव, अमरेश भारती, राजी पड़हा बेला लक्ष्मी नारायण भगत, गुंजन गोयल, पिंटू, धीरज पाठक, लीला बाखला, बजरंग जैसवाल, स्वेत साहू, सरोज प्रजापति , दीपक साहू, चीकू सिंह, अभिषेक तिवारी, संदीप पोद्दार, दया सिंह कपिलदेव मिश्र नवीन ठाकुर, समेत अनेक सनातनी शामिल थे।
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