ग्रामीण अंचलों में छठ व्रतियों ने अर्पित किया भगवान भास्कर को अर्घ्य
लोहरदगा में चैती छठ महापर्व पर व्रतियों और श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। विभिन्न छठ घाटों पर छठी मैया की पूजा की गई। इस पर्व का उद्देश्य शुद्धता, स्वच्छता और पर्यावरण...

लोहरदगा, हिटी। आस्था का पर्व चैती छठ महापर्व पर ग्रामीण अंचलों में भी व्रतियों और श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया। छठ व्रतियों द्वारा गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। और सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न छठ घाटों पर छठी मैया की पूजा अर्चना कर अर्घ्य अर्पण किया गया। पंडित व आचार्यो द्वारा बताया गया कि सूर्य देव की उपासना का पर्व यह छठ महापर्व शुद्धता,स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला है। वेद शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव के साथ-साथ छठी मैया की पूजा का विधान है। इस व्रत में सूर्य और छठी माता दोनों की उपासना की जाती है। इसलिए छठ व्रत को सूर्यषष्ठी व्रत भी कहा जाता है। छठ पूजा के पावन अवसर पर व्रतियों द्वारा भगवान भुवन भास्कर सूर्य को बांस से निर्मित सुप,दौरा और डाला में रखकर गेहूं,घी व सकर,चावल यूक्त ठेकुआ तथा फल में नारियल,पान पत्ता,सुपाड़ी,लौंग,सेव,केला, नारंगी,अमरूद सहित विभिन्न तरह का फल प्रसाद के रूप में अर्पण किया गया। प्रखंड क्षेत्र के सेन्हा, तोड़ार, अरु, सिठियो, बदला, सेरेंगहातू, कोराम्बे सहित अन्य जगहों के नदी,तलाब व जलाशयों में अस्ताचलगामी सूर्य को व्रतियों द्वारा अर्घ्य दिया गया। सुबह शुक्रवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दीनी चैती छठ व्रत सम्पन्न होगा। जिले के अन्य प्रखंडों में भी चैती छठ पूजा की जा रही है।
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