शिव सृष्टि उत्थान और श्रेष्ठ सृजन के साकार रूप प्रकट होते हैं: बीके मंजु
लोहरदगा में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा 89 वीं त्रिमूर्ति महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन 20 से 26 फरवरी तक किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी बहनों ने बंदियों को...
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लोहरदगा, संवाददाता। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 89 वीं त्रिमूर्ति महाशिवरात्रि महोत्सव का साप्ताहिक कार्यक्रम 20 फरवरी से लेकर 26 फरवरी तक पखवाड़ा चलाया जा रहा है। जिसमें शुक्रवार को मंडलकारा लोहरदगा में आयोजन किया गया। लोहरदगा मंडल कारा में ब्रह्मकुमारी बहनों ने बंदियों को शिवरात्रि के गुढ़ रहस्यों के बारे में विस्तार से बताया। इस खास मौके पर जेलर सुबोध कुमार समेत ड्यूटी पर तैनात जेलकर्मी मौजूद थे।
इसके अलावा सेन्हा भंडार किस्को अन्य जगहों पर ध्वजारोहण कर शिवरात्रि का महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताया जा रहा है। संकल्प कराया जा रहा है। महाशिवरात्रि का महापर्व कई आध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए हैं। यह पर्व सभी पर्वों में महान और श्रेष्ठ है, क्योंकि शिवरात्रि परमात्मा के दिव्या का यादगार महापर्व है। परमात्मा ने श्रीमद् गीता में कहा है कि- यदा-यदा धर्मस्य ग्लानि भवति भारत...... गीता के इस श्लोक में किए गए अपने वादे के अनुसार परमात्मा कहते हैं कि जब-जब इस सृष्टिइस पर धर्म की अति ग्लानि हो जाती है। अधर्म और पाप कर्म बढ़ जाते हैं, तब मैं, भारत सहित पूरे सृष्टि का उत्थान करने और नए संसार की श्रेष्ठ सृजन करने साकार रूप में लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूं।
मैं इस धरा पर अवतरित होकर सज्जन- साधु-संतों और आम जनों की रक्षा दुष्टों का विनाश और सतधर्म की स्थापना करती हूं।चारों युगों में कल्प के अंत में एक बार ही मेरा इस धारा में अवतरण होता है।
बीके मंजु कुमारी ने कहा कि लाखों परिवार इस गुह्य रहस्य को जानकर अपने जीवन को सहज ज्ञान और सहज राजयोग द्वारा गुण संपन्न निर्विकार बना रहे हैं। वह सच्चे सुख शांति की अनुभूति कर रहे हैं। आने वाले सतयुगी सृष्टि में दिव्या जन्म के अधिकारी बन रहे हैं। सृष्टि चक्र में स्वर्णिम अवसर केवल एक ही बार प्राप्त होता है।
इस वास्तविकता की अनुभूति के लिए ब्रह्माकुमारी परिवार की तरफ से 89वें त्रिमूर्ति शिव जयंती के कार्यक्रम में आप सबको हार्दिक निमंत्रण देते हैं। याद रहे अभी नहीं तो कभी नहीं शिव ध्वजारोहण का अर्थ है। बुराइयों को छोड़ने का संकल्प जीवन की बुराइयां शिव पर अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्रि मनाना है। परमात्मा के अवतरण का महापर्व है। महाशिवरात्रि शिव संदेश अंधकार को मिटकर ज्ञान की ज्योति जगाएं, परमात्मा के मार्गदर्शन में बन रही है। नए संसार मनुष्य आत्माओं के परमपिता परमात्मा शिव है। शिव पर रख धतूरा नहीं ,बल्कि अपनी बुराइयों को अर्पण करें। शिव पर अब धतूरा नहीं बल्कि कांटों के समान बुरी आदतें को अर्पण करें। अपने जीवन की समस्या समस्याओं को शिव को सौंप दें ।
ब्रह्माकुमारी परिवार के द्वारा त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है कहीं झांकी तो शोभायात्रा निकाली जा रही है। कार्यक्रम में बीके आशा, बीके तारिणी, बीके अंजू, उषा, विवेक कुमार आदि मौजूद थे।
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